करोड़ों खर्च फिर भी ‘बीमार’ एमटीएच | MTH Hospital | Patrika News

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करोड़ों खर्च फिर भी ‘बीमार’ एमटीएच | MTH Hospital | Patrika News

करोड़ों खर्च फिर भी ‘बीमार’ एमटीएच | MTH Hospital | Patrika News

लाखों-करोड़ों रुपए खर्च कर बनाए गए अस्पताल की खराब होती हालत देखना है तो एमटीएच इसका सबसे उदाहरण है। अस्पताल में जगह-जगह गंदगी और फैली अव्यवस्था के पीछे अस्पताल प्रबंधन के साथ यहां आने मरीज और उनके परिजन भी बराबर जिम्मेदार हैं।

इंदौर

Published: July 11, 2022 07:22:41 pm

इंदौर. लाखों-करोड़ों रुपए खर्च कर बनाए गए अस्पताल की खराब होती हालत देखना है तो एमटीएच (MTH) इसका सबसे उदाहरण है। कोरोनाकाल में यहां कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज किया गया। जब स्थिति सामान्य हो गई तो यहां पर सामान्य मरीजों का उपचार शुरू किया गया। एमवायएच से महिला रोग व प्रसूति विभाग को यहां शिफ्ट कर दिया गया, जिसके बाद अब यहां पर सिर्फ महिलाओं का ही इलाज होता है, लेकिन इस अस्पताल को ठीक तरह से शुरू हुए अभी एक वर्ष भी नहीं बीता है कि हालत खराब होना शुरू हो गई है। अस्पताल में जगह-जगह गंदगी और फैली अव्यवस्था के पीछे अस्पताल प्रबंधन के साथ यहां आने मरीज और उनके परिजन भी बराबर जिम्मेदार हैं।
इस अस्पताल को 19 करोड़ रुपए की लागत से बनाया गया था, वर्ष 2020 में यह बनकर तैयार हुआ है। विधिवत उद्घाटन होता उसके पहले सरकार बदल गई और फिर कोरोना संक्रमण बढ़ गया। ऐसे में बिस्तरों की कमी को पूरा करने के लिए इसे कोविड अस्पताल के रूप में शुरू किया गया। पहली और दूसरी लहर में करीब 10 हजार से ज्यादा मरीजों का उपचार किया गया। इस बीच स्थिति सामान्य होते ही इसे पूर्व निर्धारित निर्णय के तहत गर्भवती महिलाओं और प्रसूताओं के लिए शुरू किया गया।
जगह-जगह फैली अव्यवस्था
अस्पताल में जगह-जगह गंदगी देखने में आ रही है। अस्पताल के अंदर पान-गुटखे की पीक से दीवारें बदरंग है। सरकारी अस्पताल की सुविधाओं को ताक पर रखकर इसे गंदा किया जा रहा है। वहीं, सफाई का जिम्मा उठा रही निजी कंपनी द्वारा बाथरूम-टायलेट में भी साफ-सफाई का ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
कई वार्डों में यही स्थिति
अस्पताल में भर्ती मरीजों के साथ एक ही अटेंडर के रूकने की अनुमति है लेकिन इसके बावजूद एक से ज्यादा लोग यहां पर पहुंच जाते हैं। इस वजह से ही अस्पताल की व्यवस्थाएं बिगड़ रही है। अस्पताल में सिर्फ महिलाओं को ही नियमानुसार प्रवेश की अनुमति है, लेकिन कई पुरूष अटेंडर भी अस्पताल परिसर में आकर गंदगी फैला जाते हैं। इस पर नजर रखने में प्रबंधन भी नाकाम साबित हो रहा है।
अर्थदंड सहित अन्य व्यवस्था लागू करेंगे
&अस्पताल में गंदगी, अव्यवस्था और अधिक संख्या में आने वाले अटेंडरों को देखते हुए वैधानिक कार्रवाई करेंंगे। इसमें अर्थदंड सहित अन्य तरीकों से लोगों को परिसर में स्वच्छता और व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रेरित किया जाएगा। – डॉ. अनुपमा दवे, अधीक्षक, एमटीएच अस्पताल

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