करण जौहर ने बॉलीवुड को बुरी तरह कोसा, बोले- यहां रीढ़ की हड्डी है कमजोर, काम पर नहीं है भरोसा

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करण जौहर ने बॉलीवुड को बुरी तरह कोसा, बोले- यहां रीढ़ की हड्डी है कमजोर, काम पर नहीं है भरोसा

करण जौहर ने बॉलीवुड को बुरी तरह कोसा, बोले- यहां रीढ़ की हड्डी है कमजोर, काम पर नहीं है भरोसा

करण जौहर बॉलीवुड के टॉप डायरेक्टर्स में से एक हैं। वो अक्सर बॉलीवुड से जुड़े कई मुद्दों पर मुखर होकर बोलते नजर आते हैं। हाल ही में उन्होंने बॉलीवुड पर तगड़ा कटाक्ष किया है और इसे बिना रीढ़ की हड्डियों वाला कहा है। करण जौहर ने अच्छे कॉन्टेंट बनाने में बॉलीवुड पर तीखा आरोप लगाया है और इंडस्ट्री के हिस्से के रूप में खुद की आलोचना भी की है। एक नई बातचीत में फिल्ममेकर ने कहा कि हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में रियल कॉन्टेंट को आजमाने के लिए रीढ़ और दृढ़ विश्वास की कमी है और ये अक्सर ट्रेंड्स के चक्कर में फंस जाती है।

70 के दशक में जो हुआ अब क्यों नहीं?

करण (Karan Johar) ने ‘कुछ कुछ होता है’ और ‘कभी खुशी कभी गम’ जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्मों का निर्देशन किया है। उन्होंने इस बारे में बात की कि हिंदी फिल्म इंडस्ट्री हाल के वर्षों में भारत की दूसरी फिल्म इंडस्ट्रीज – तमिल, तेलुगु, कन्नड़, मलयालम और तमिल की तुलना में क्यों गलत कर रही है। करण जौहर ने कहा, ‘मुझे लगता है कि मेन मुद्दा यह है कि हम हिंदी सिनेमा में एक लीड इंडस्ट्री से आते हैं और इसमें मैं भी शामिल हूं, जिसमें एक बहुत मजबूत क्वॉलिटी नहीं है, जो इस पैनल के हर दूसरे सिनेमा में है। वह दृढ़ विश्वास है।’

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हमारे पास दृढ़विश्वास नहीं है…

उन्होंने आगे कहा, ‘हम हमेशा फ्लो के साथ चलते हैं। 70 के दशक में सलीम-जावेद के रूप में हमारे पास ऐसी आवाज थी। हमने एक अलग कैरेक्टर बनाया और उस चिड़चिड़े, गुस्सैल हीरो की अवधारणा को दिखाया। फिर, 80 के दशक में अचानक कुछ हुआ और रीमेक की भरमार आ गई। यहीं से नुकसान शुरू हुआ। हमने तमिल और तेलुगु में फेमस हर फिल्म का रीमेक बनाना शुरू किया।’

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कमी हमारे में है, हमें दूसरों से सीखना चाहिए…

करण ने हवाला दिया कि बॉलीवुड में साल-दर-साल एक टेंटपोल फिल्म की सफलता के बाद कितने रुझान आए और कहा, ’90 के दशक में एक प्रेम कहानी थी जिसने देश को झकझोर कर रख दिया था – हम आपके हैं कौन। मेरे समेत हर किसी ने प्यार के उस रथ पर कूदने का फैसला किया और शाहरुख खान को बनाया गया। लेकिन 70 के दशक में हमने अपनी सारी जड़ें छोड़ दीं। फिर 2001 में ‘लगान’ को ऑस्कर के लिए नॉमिनेट किया गया और हर कोई उस तरह की फिल्में बनाने लगा। 2010 में ‘दबंग’ ने अच्छा किया और हमने फिर से उन कमर्शियल फिल्मों को शुरू किया। यही समस्या है। हममें वास्तव में कमी है – और मैं किसी और की तुलना में यह अपने लिए अधिक कहता हूं – हममें रीढ़ और दृढ़ विश्वास की कमी है। यही हमें दूसरे लोगों से सीखना चाहिए।’

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करण जौहर की आनेवाली फिल्म

करण फिलहाल धर्मा प्रोडक्शंस के हेड हैं। उनका आखिरी फिल्म ‘ऐ दिल है मुश्किल’ थी, जो 2016 में रिलीज़ हुई थी। वह अपनी अगली फिल्म ‘रॉकी और रानी की प्रेम कहानी’ के साथ निर्देशन में लौट रहे हैं, जो 2023 में रिलीज़ होगी।