कम संसाधनों में भी बेहतर अनुसंधान संभव

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कम संसाधनों में भी बेहतर अनुसंधान संभव

कम संसाधनों में भी बेहतर अनुसंधान संभव

दरभंगा। लनामि विवि के पीजी रसायन विज्ञान विभाग में मंगलवार को ‘अनुसंधान के परिपेक्ष्य…

Newswrapहिन्दुस्तान टीम,दरभंगाTue, 15 Nov 2022 08:01 PM

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दरभंगा। लनामि विवि के पीजी रसायन विज्ञान विभाग में मंगलवार को ‘अनुसंधान के परिपेक्ष्य में वैश्विक सोच एवं स्थानीय उद्यम विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता अंतरराष्ट्रीय स्तर के वैज्ञानिक जल विज्ञान स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग साइंसेज, देहरादून के वरिष्ठ प्रोफेसर मनीष कुमार ने कहा कि कम संसाधनों में भी उच्च कोटि का अनुसंधान किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि भारत में पर्यावरण प्रदूषण के प्राकृतिक, सामाजिक एवं कृत्रिम कारण हैं, जिन्हें उचित योजनाबद्ध अनुसंधान से दूर किया जा सकता है। अपने द्वारा किए गए अनुसंधानों का उदाहरण देकर उन्होंने प्रतिभागियों को अनुसंधान के विभिन्न पहलुओं को रोचक ढंग से समझाया। उन्होंने कहा कि स्थानीय समस्याओं पर अनुसंधान करने की जरूरत है। उन्होंने मिथिला विवि के छात्र छात्राओं को अनुसंधान के क्षेत्र में सभी प्रकार के सहयोग का आश्वासन दिया। अंतिम सेमेस्टर के छात्र-छात्राओं को इंटर्नशिप के लिए भेजने के विभागाध्यक्ष के आग्रह को भी स्वीकार कर लिया। समारोह की अध्यक्षता कर रहे जंतु विज्ञान के वरीय प्राचार्य महिला प्रौद्योगिकी संस्थान के पूर्व निदेशक एवं केंद्रीय विवि, गया के पूर्व कुलसचिव मो. नेहाल ने कहा कि बड़े अनुसंधान के लिए तीव्र बुद्धि से अधिक लगनशीलता आवश्यक होता है। उन्होंने आइंस्टीन एवं अन्य वैज्ञानिकों का उदाहरण देते हुए छात्रों को अनुसंधान के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि आप सही दिशा में एक कदम बढ़ाइए, भविष्य आपका स्वागत करेगी। तन्मयतापूर्वक काम करने से कोई भी बड़ा से बड़ा अनुसंधान कर सकता है। विषय परिवर्तन करते हुए विभागाध्यक्ष प्रो. प्रेम मोहन मिश्र ने कहा कि भारत में प्राचीन काल से ही वसुधैव कुटुंबकम की अवधारणा थी। वर्तमान परिपेक्ष में वैश्वीकरण, पर्यावरण प्रदूषण जैसी समस्याओं ने जनमानस को अपने स्थानिक उद्यम को वैश्विक परिवेश में होने वाले प्रभाव को सोचने के लिए बाध्य किया है। विज्ञान में जो कोई भी अनुसंधान स्थानीय स्तर पर करते हैं उसका लाभ विश्व स्तर पर प्राप्त होता है, इसीलिए छात्रों को उपलब्ध संसाधनों के आधार पर स्थानीय समस्याओं पर शोध कार्य प्रारंभ करना चाहिए। इससे पहले विभागाध्यक्ष व विभाग के प्रोफेसर संजय कुमार चौधरी ने अतिथियों का स्वागत किया गया। विभागीय छात्रा रजनी कुमारी ने स्वागत गान गाया। कार्यक्रम का संचालन विभागीय शिक्षिका डॉ. आकांक्षा उपाध्याय एवं धन्यवाद ज्ञापन वरीय शिक्षक प्रो. कुशेश्वर यादव ने किया। मौके पर विभागीय शिक्षक डॉ. अभिषेक राय, भौतिकी की सहायक प्राध्यापक पूजा अग्रवाल, दीपक कुमार, गणित के विपुल स्नेही एवं अभिमन्यु कुमार, जंतु विज्ञान के सुशोभन वाणिक आदि थे।

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