कन्याकुमारी से कश्मीर तक भारत जोड़ो यात्रा, पर पंजाब कांग्रेस को जोड़ना ही राहुल गांधी के लिए सबसे बड़ा टास्क

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कन्याकुमारी से कश्मीर तक भारत जोड़ो यात्रा, पर पंजाब कांग्रेस को जोड़ना ही राहुल गांधी के लिए सबसे बड़ा टास्क

कन्याकुमारी से कश्मीर तक भारत जोड़ो यात्रा, पर पंजाब कांग्रेस को जोड़ना ही राहुल गांधी के लिए सबसे बड़ा टास्क


कांग्रेस नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में भारत जोड़ो यात्रा पंजाब पहुंची है। यहां पर पार्टी के जालंधर लोकसभा सांसद संतोख सिंह चौधरी का यात्रा के दौरान दिल का दौरा पड़ने से आकस्मिक निधन हो गया। उसके बाद यात्रा स्थगित कर दी गई थी। लगभग 30 घंटे बाद रविवार दोपहर जालंधर से यात्रा फिर से शुरू हुई। यात्रा अगले तीन दिनों तक पंजाब में जारी रहेगी। राहुल गांधी के सामने सबसे बड़ी चुनौती पार्टी के गुटों के बीच की खाई को पाटना है।

अमरिंदर बनाम सिद्धू से हुई पतन की शुरुआत

पंजाब में विभाजित कांग्रेस कोई नई बात नहीं है। पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह और पार्टी के पूर्व राज्य प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू के प्रति वफादार गुट थे और दोनों के बीच दरार सार्वजनिक तौर पर सामने आती रही है। सिद्धू बनाम अमरिंदर की लड़ाई लंबी चली। अमरिंदर सिंह को इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा। अमरिंदर के बाद चरणजीत सिंह चन्नी को पंजाब का सीएम बनाया गया। उसके बाद सिद्धू बनाम अमरिंदर की लड़ाई शुरू हो गई। दोनों गुटों के बीच संघर्ष जारी रहा। 2022 के चुनावों के लिए सिद्धू के ऊपर राहुल गांधी ने चन्नी को पार्टी के सीएम उम्मीदवार के रूप में चुने जाने के बाद यह तेज हो गया।

रिजल्ट से बाद गायब हुए चन्नी, फिर आए सीन में

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कांग्रेस में फूट पार्टी पर भारी पड़ी और मार्च 2022 में कांग्रेस के हाथ से पंजाब की सत्ता निकल गई। पंजाब में आम आदमी पार्टी ने क्लीन स्वीप करते हुए एक शानदार जीत दर्ज की। 117 सदस्यीय पंजाब विधानसभा में कांग्रेस की सीटें 77 से घटकर 18 हो गई। चुनाव परिणाम के कुछ महीने बाद चन्नी ने पंजाब छोड़ दिया और अमेरिका और कनाडा के बीच घूमते रहे। वह हाल ही में राज्य लौटे थे और उन्हें भारत जोड़ो यात्रा में भाग लेते देखा गया। वहीं सिद्धू इस समय रोड रेज के एक पुराने मामले में जेल में हैं।

प्रताप सिंह बाजवा बनाम अमृंदर सिंह वारिंग

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सिद्धू के बाद पंजाब कांग्रेस की कमान राजा अमृंदर सिंह वारिंग को सौंपी गई है। प्रताप सिंह बाजवा को विधायक दल का नेता बनाया गया है। दोनों नेताओं के बीच फूट किसी से छिपी नहीं है। वहीं नई दरारें सामने आ गई हैं। जहां पार्टी की राज्य इकाई का एक बड़ा वर्ग वर्तमान अध्यक्ष अमृंदर सिंह राजा वारिंग का समर्थन करता है, वहीं अब भंग जिला समितियों से संबंधित एक अन्य उनके नेतृत्व का विरोध करता है।

कई दिग्गज छोड़ चुके हैं कांग्रेस

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पंजाब में कांग्रेस फिलहाल राज्य में बेदम सी हो गई है। पार्टी के कई दिग्गज नेता कांग्रेस का दामन छोड़ चुके हैं। कैप्टन अमरिंदर सिंह चुनाव से पहले ही बीजेपी के साथ हो गए थे। चुनाव के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुनील जाखड़, पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार, बलबीर सिंह सिद्धू, सुंदर श्याम अरोड़ा, राज कुमार वेरका, राणा गुरमित सिंह सोढ़ी जैसे कई नेता पार्टी छोड़कर जा चुके हैं। पंजाब में हार के बाद सिद्धू ने भी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। फिलहाल वह जेल में हैं।

लोकसभा चुनाव पर नजर

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अगले साल लोकसभा चुनाव 2024 होने हैं। उससे पहले राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा बहुत अहम मानी जा रही है। पंजाब में 13 लोकसभा सीटें हैं। विधानसभा चुनाव में हार के बाद अब कांग्रेस का इन लोकसभा सीटों पर फोकस है। पार्टी लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज करने की रणनीति बनाने में जुटी है। लोकसभा चुनाव 2019 रिजल्ट देखें तो कांग्रेस को 13 में 8 सीटों पर जीत मिली थी। तब राज्य में कांग्रेस की सरकार भी थी। पार्टी में मनमुटाव आम बात है लेकिन इस तरह बगावत पार्टी के लिए नुकसानदायक होता है। कांग्रेस के लिए पिछली बार जीती लोकसभा सीटों को बचाना ही बड़ी चुनौती है। पिछले चुनाव में शिरोमणि अकाली दल को दो लोकसभा सीटें और दो सीटें बीजेपी को मिली थीं। इस बार आम आदमी पार्टी की एंट्री से कांग्रेस को बड़ा नुकसान होने का दावा किया जा रहा है।

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