औरंगाबाद में नाबालिग अंशु की मौत पर उठे सवाल, लव मैरिज के लिए घर से गई, तबीयत बिगड़ने पर अस्पताल में हुई थी भर्ती

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औरंगाबाद में नाबालिग अंशु की मौत पर उठे सवाल, लव मैरिज के लिए घर से गई, तबीयत बिगड़ने पर अस्पताल में हुई थी भर्ती

आकाश कुमार, औरंगाबाद: औरंगाबाद जिले के बारुण प्रखंड के इंग्लिश गांव की 14 वर्षीय अंशु की रहस्यमयी मौत पर सवाल खड़े होने लगे हैं। ग्रामीणों ने इसकी उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। जानकारी के अनुसार, इंग्लिश गांव निवासी सूरजमल पासवान की पुत्री अंशु कुमारी गांव के ही कईल पासवान के पुत्र विला पासवान उर्फ सुजीत पासवान से प्रेम कर बैठी थी। दोनों ने साथ जीने और साथ मरने की कसमें भी खाई थी। इसी बात को लेकर दोनों 17 मई को दोनो घर से फरार हो गए और शादी करके 18 मई की सुबह गांव वापस भी आ गए।


दोनों के गांव वापस आने की सूचना पर अंशु के परिवार वाले लड़के के घर पहुंचे और अंशु को लेकर अपने घर आ गए। लेकिन उसी शाम से अंशु लापता हो गई, जो अभी तक घर नहीं लौटी। इस संबंध में ग्रामीणों ने बारुण थाना एवं औरंगाबाद एसपी को आवेदन देकर पूरे मामले की छानबीन कर न्याय की गुहार लगाई गई थी।

अस्पताल ले जाते वक्त हो गई मौत
मगर ग्रामीणों को अभी तक यह जानकारी नहीं मिल पाई है कि अंशु के साथ क्या हुआ। इस संबंध में ग्रामीणों के आवेदन पर जांच के लिए गए एसआई बिजेंदर राम से जब जानकारी ली गई तो उन्होंने लड़की के प्रेम प्रसंग को स्वीकार करते हुए कहा कि अंशु के मां बाप अपने लड़की को लेकर अपने घर आ गए थे और उसी दिन उसे लेकर अपने एक रिश्तेदार की शादी में चले गए। जहां अंशु की तबीयत अचानक खराब हुई। अंशु की तबीयत खराब होने पर उसे इलाज के लिए जमुहार लाया गया। मगर जमुहार में उसकी स्थिति को गंभीर देखते हुए चिकित्सकों ने उसको बेहतर इलाज के लिए रेफर कर दिया। परिजन अपनी बच्ची को इलाज के लिए लखनऊ ले जा रहे थे। इसी क्रम में रास्ते में उसकी मौत हो गई। परिजनों ने शव का दाह संस्कार भी रास्ते में ही कहीं कर दिया। जांचकर्ता ने बताया कि फिलहाल इस संबंध में कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं हुई है।लेकिन जांच जारी है।

जमीनी विवाद के कारण मामले को तूल दिया जा रहा: जांचकर्ता
ग्रामीणों की ओर से अंशु के मामले को लेकर थाने में और एसपी को दिए गए आवेदन के बारे में बताते हुए जांचकर्ता ने कहा कि इस मामले को एक व्यक्ति की ओर से जमीनी विवाद के कारण तूल दिया जा रहा है। कई जगह आवेदन दिए जा रहे हैं। साथ ही साथ बेवजह इसे उछाला जा रहा है। उन्होंने बताया कि आवेदन में हस्ताक्षर करने वाले लोगों से भी पूछताछ की गई थी। लेकिन सभी मुकर गए।

ग्रामीण खड़े कर रहे ये सवाल
इधर इस संबंध में गांव के ग्रामीणों का कहना है कि अंशु 18 मई से अचानक गायब हुई। अगर उसकी मौत हुई भी तो न तो उसकी जानकारी किसी को हुई और न ही विधिवत उसका दाह संस्कार किया गया। ग्रामीणों ने बताया कि गांव में किसी की भी मौत हुई तो उसके दाह संस्कार एवं अन्य क्रिया में गांव के लोगों ने साथ दिया है। अगर अंशु की मौत हुई भी तो उसका दाह संस्कार चोरी छिपे क्यों किया गया। आखिर ऐसी कौन सी वजह थी कि उसकी मौत को छिपाया गया और हिंदू रीति रिवाज के अनुसार अंतिम संस्कार नहीं किया गया।

अंशु की मौत को लेकर कई तरह के मामले सामने आ रहे है जो शंका पैदा कर रहे हैं। ग्रामीण इस मामले की जांच की मांग कर रहे हैं। ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके। अब देखना यह होगा कि यदि पुलिस इस मामले की गंभीरता से जांच करती है तो निश्चित तौर पर यह बात सामने आएगी कि अंशु की आकस्मिक मौत हुई है या वह ऑनर किलिंग का शिकार हुई है।

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