ऑर्गेनिक खेती से खिलता सेहत का सूरज, 1500 एकड़ जमीन में हो रही सब्जी, गेंहू और मसाले की खेती, उच्च वर्ग की पसंद | The sun of health blooming from organic farming, cultivation of vegeta | Patrika News

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ऑर्गेनिक खेती से खिलता सेहत का सूरज, 1500 एकड़ जमीन में हो रही सब्जी, गेंहू और मसाले की खेती, उच्च वर्ग की पसंद | The sun of health blooming from organic farming, cultivation of vegeta | Patrika News

ऑर्गेनिक खेती से खिलता सेहत का सूरज, 1500 एकड़ जमीन में हो रही सब्जी, गेंहू और मसाले की खेती, उच्च वर्ग की पसंद | The sun of health blooming from organic farming, cultivation of vegeta | Patrika News

किसान को उसके सही रेट मिलें और जनता को उनके स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए खाद्य सामग्री इसके लिए उद्यानिकी विभाग माह में दो बार उनको गुलाब उद्यान में अपने उत्पाद प्रदर्शित करने का मौका दे रहा है। इससे लोगों के साथ शहर का उच्च तबका भी इसकी तरफ आकर्षित हो रहा है।

कड़ी मेहनत और धैर्य से तैयार होती फसलग्रमा मुगालिया हाट के किसान सुरेश पाटीदार बताते हैं कि कड़ी मेहनत और धैर्य के बाद ऑर्गेनिक फसल तैयार होती है। यूरिया और डीएपी मिलाकर एक एकड़ में जितना लहसुन और प्याज करते हैं। ऑर्गेनिक खेती जिसमें केंचुए वाली खाद मिलाई जाती है, उसमें आधी फसल ही हो पाती है। उसके खरीददार भी कभी कभी कभी नहीं मिलते।

काला गेहूं, खपली, तुअर दाल, सरसों पैदा कर रहे

किसान ऑर्गेनिक खेती करने के लिए 12 तरह के फर्टीलाइजर का उपयोग करते हैं। मिट्टी को भी उसी तरह तैयार किया जाता है। तब कहीं जाकर ऑर्गेनिक फसल बोई जाती है। जहां यूरिया, डीएपी की फसल जल्दी हो जाती है, वहीं आर्गेनिक फसल में थोड़ा ज्यादा समय लगता है।

ऑर्गेनिक गेहूं, उच्च वर्ग की पसंदकिसान राजकुमार अहिरवार बताते हैं कि ऑर्गेनिक गेहूं के नाम पर उनसे काफी लोग सम्पर्क करते हैं। इसमें उच्च वर्ग भी शामिल है। अगर उन्हें उनके गेहूं की बिक्री के लिए एक अच्छा प्लेटफॉर्म मिल जाए तो उनकी आय भी दो गुनी हो जाए और लोगों की सेहत भी सुधर जाए।

कुछ लोग पैक कर ब्रांडिंग कर रहेऑर्गेनिक खेती के लिए कुछ बड़े किसानों ने 50 एकड़ तक रकबे में ऑर्गेनिक खेती शुरू कर दी है। वह तरह -तरह की फसल उगाकर उसे पैक कर सोशल मीडिया के माध्यम से देश ही नहीं विदेशों में भी बेचते हैं।

ऑर्गेनिक दाल, गेहूं, सब्जी के रेटकाबुली चना—150 रुपए किलो

तुअर दाल—180 रुपए किलोसरसों—180 रुपए किलो

काला गेहूं–50 रुपए किलोहल्दी—250 रुपए किलो

चावल–110-130 रुपए किलोशहद–500 रुपए किलो

जैविक लहसुन—-80 से 100 रुपए किलोप्याज—50 से 60 रुपए किलो

ऑर्गेनिक धनिया—150 रुपए किलोनोट- ऑर्गेनिक खेती में काफी समय और मेहनत लगती है, इस कारण इनके रेट बढ़े रहते हैं।

वर्जनऑर्गेनिक खेती का रकबा काफी बढ़ रहा है। किसानों को इसके अच्छे रेट मिल सकें इसके लिए विभाग की तरफ से गुलाब उद्यान में माह में दो बार जैविक हाट लगाई जा रही है। उच्च वर्ग भी जैविक सब्जी, खाद्याना पसंद कर रहा है। गुड़ और घी भी जैविक पद्वति से तैयार हो रहे हैं।

बीएस कुशवाहा, उप संचालक, उद्यानिकी विभाग

वर्जनकरीब 1100 एकड़ से ज्यादा रकबे में ऑर्गेनिक खेती हो रही है। रबी की फसल के लिए पंजीयन हो रहे हैं। हमारी कोशिश है कि जिले में आधिक से अधिक किसान ऑर्गेनिक खेती करें।

सुमन प्रसाद, उप संचालक, कृषि



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