ऑनलाइन फ्रॉड और अपराधों के खिलाफ बिहार पुलिस ने संभाला मोर्चा, लोगों को दी जाएगी साइबर ट्रेनिंग

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ऑनलाइन फ्रॉड और अपराधों के खिलाफ बिहार पुलिस ने संभाला मोर्चा, लोगों को दी जाएगी साइबर ट्रेनिंग

ऑनलाइन फ्रॉड और अपराधों के खिलाफ बिहार पुलिस ने संभाला मोर्चा, लोगों को दी जाएगी साइबर ट्रेनिंग

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बिहार में साइबर फ्रॉड और अपराधों के मामले दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं। लोगों के खाते से पैसे की निकासी समेत कई आपराधिक मामले सामने आ रहे हैं। ऐसे में पुलिस ने सक्रियता दिखाते हुए लोगों को साइबर ट्रेनिंग देने का एक्शन प्लान बनाया है। साइबर अपराध के खिलाफ लोगों को सतर्क और जागरुक करने के लिए बिहार पुलिस जल्द बड़ा अभियान शुरू करनेवाली है। समाज के हर तबके को इसमें शामिल किया जाएगा ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को जागरूक किया जा सके। एडीजी मुख्यालय जेएस गंगवार ने गुरुवार को  बताया कि पुलिस की विभिन्न इकाइयों द्वारा साइबर अपराध से बचाव के लिए कार्यक्रम चलाए जाएंगे।

बच्चों और महिलाओं पर रहेगा विशेष ध्यान

साइबर अपराध का दायरा दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। कोई भी इससे अछूता नहीं रह गया है। पढ़े-लिखे हों या फिर अनपढ़, साइबर अपराधी किसी को भी अपना शिकार बना ले रहे हैं। उनके हथकंडों से कैसे बचा जाए, इसको लेकर लोगों को जागरूक करने का प्रयास पुलिस की ओर से किया जाता है। बावजूद साइबर अपराध कम होने की जगह बढ़ता ही जा रहा है। ऐसे में बिहार पुलिस ने बड़े पैमाने पर जागरूकता अभियान चलाने का निर्णय लिया है। अभियान में खासकर बच्चों और महिलाओं की भागीदारी भी सुनिश्चित की जाएगी। 

समय के साथ बदल रहा साइबर ठगी का ट्रेंड

साइबर अपराधी लोगों को अपने झांसे में फांसने के लिए अक्सर नए तरीके आजमाते रहते हैं। कभी बैंक अकाउंट के केवाईसी अपडेट के नाम पर धोखाधड़ी होती थी। बाद में एटीएम कार्ड के ब्लॉक होने का झांसा दिया जाने लगा। गिफ्ट वाउचर और लोन दिलाने के नाम पर भी लंबे समय तक लोगों को फांसने का काम साइबर अपराधियों ने किया। ये ट्रेंड अब पुराने हो चुके हैं। गाड़ियों की डीलरशिप दिलाने और विभिन्न तरह के लालच देकर लोगों को ठगी का शिकार बनाने के मामले में भी आते रहते हैं। पिछले कुछ दिनों से बिजली के स्मार्ट प्री-पेड मिटर को रिचार्ज करने के नाम पर धोखाधड़ी के ढेरों मामले सामने आए। साइबर क्राइम का नया ट्रेंड 4जी सिमकार्ड को 5जी में अपग्रेड करने के नाम पर लोगों को अपना शिकार बनाने का है।

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एडीजी मुख्यालय ने बताया कि सी-डैक के साथ मिलकर पुलिस बड़ा जागरूकता कार्यक्रम चलाएगी। इसमें सभी तबकों को जोड़ा जाएगा। बच्चों और महिलाओं की भागीदारी भी सुनिश्चित की जाएगी। उम्रदराज और नौकरीपेशा लोगों के बीच भी जागरूकता अभियान के तहत पहुंचने का प्रयास होगा।

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