एमपी में महाकाल लोक के बाद अब हनुमान लोक का होगा निर्माण
सतपुड़ा की सुरम्य वादियों में सौंसर विकासखंड का ऐसा सिद्ध क्षेत्र जो राज्य ही नहीं, देश- विदेश में ख्याति प्राप्त कर चुका है। प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालु आकर अपनी मनोकामना प्रकट करते हैं। जी हां, हम बात कर रहे हैं सुविख्यात चमत्कारिक श्री हनुमान मंदिर जामसावली की। यहां रामभक्त हनुमान एक पीपल के पेड़ के नीचे लेटे हुए आसन में हैं। जामसावली हनुमान मंदिर का हजारों वर्ष पुराना इतिहास बताया जाता है। मंदिर में विराजमान हनुमानजी इसके पूर्व हजारो वर्षों से पीपल वृक्ष के नीचे ही घास के बीच में थे।
ये है मंदिर की कहानी
पास के गांव में रहने वाले किसान ने खेत जोतते समय घास के अंदर एक विशाल प्रतिमा देखी। इस अद्भुत विशालकाय प्रतिमा के उद्गम की खबर लगते ही हजारों श्रद्धालुओं ने आकर यहां दर्शन किया। तभी से इस मंदिर में हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने लगी है। चमत्कारिक हनुमान जी का प्रचार बढ़ने के कारण सन् 1990 में पंजीयक सौंसर जिला छिंदवाड़ा ने एक ट्रस्ट बनाकर उसे पंजीकृत किया।
2003 में उमा भारती ने लिया था संकल्प
सन 2003 में तेजतर्रार बीजेपी नेत्री और पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने मध्यप्रदेश में बीजेपी की वापसी का संकल्प इसी मंदिर से लिया था। हनुमान जयंती के अवसर पर उमा भारती ने केक काटकर इसे सुर्खियों में ला दिया था। तब से यह मंदिर देश-विदेश में प्रसिद्ध हो गया। साथ ही हनुमानजी ने बीजेपी की सत्ता में वापसी कराके भक्तों की आस्था को और अधिक प्रगाढ़ कर दिया था। 25 जनवरी 2004 को तत्कालीन मुख्यमंत्री उमा भारती ने मंदिर पहुंचकर बजरंग गौशाला का शुभारंभ किया।
यह गौशाला छिंदवाड़ा जिले की अच्छी गौशाला मानी जाती है। मंदिर परिसर में 21 लाख का गौशाला भवन है। 400 गायें यहां पर है। मंदिर की प्रसिद्धी के चलते यहां दर्शनार्थ थाइलैण्ड, जापान, जर्मन और अमेरिका के श्रद्धालु भी पहुंच चुके हैं। जून 2007 में विश्व के जाने माने तांत्रिक चंद्रास्वामी, गायिका अनुराधा पौडवाल सहित शीर्षस्थ राजनीतिक दलों के नेताओं ने हनुमान जी के समक्ष माथा टेका है।
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