एमएसपी से अधिक कीमत पर खरीद रहे गेहूं, जानिए आपकी रोटियों पर क्या पड़ने वाला है असर | Private Companies Purchasing Wheat More than MSP rate | Patrika News

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एमएसपी से अधिक कीमत पर खरीद रहे गेहूं, जानिए आपकी रोटियों पर क्या पड़ने वाला है असर | Private Companies Purchasing Wheat More than MSP rate | Patrika News

उत्तर प्रदेश में सरकारी गेहूं खरीद केंद्र में सन्नाटा है। कारण है कि बिचौलिए और निजी कंपनिया एमएसपी से अधिक दामों पर किसानों से गेहूं खरीद ले रही हैं। इसका असर आम जनता की रोटी पर भी पड़ने वाला है।

लखनऊ

Updated: April 22, 2022 04:59:51 pm

एक तरफ केंद्र सरकार के गेहूं निर्यात का फैसला तो दूसरी रूस-यूक्रेन युद्ध ने किसानों की चांदी कर दी। प्रदेश के शाहजहांपुर समेत आस-पास के शहर में गेहूं की कीमतें लगातार बढ़ती ही जा रही है। सरकार द्वारा जैसे ही गेहूं के निर्यात की घोषणा की वैसे ही प्राइवेट कंपनियां लगातार मंडियों में किसानों का गेहूं खरीद रही हैं। इतना ही नहीं आटा मिलों में किसानों की भीड़ दिखाई पड़ रही है। प्राइवेट कंपनियों के गेहूं खरीदने के चलते सरकारी गेहूं क्रय केंद्रों पर सन्नाटा छाया है। हाल ये है कि मात्र 4-6 कुंतल गेहूं की खरीद हो रही है। चौंकाने वाली बात है कि अप्रैल में अभी तक 3240 मीट्रिक टन ही गेहूं की खरीद हो पाई है।

Private Companies Purchasing Wheat More than MSP rate

प्राइवेट कंपनियों के गेहूं खरीदने के चलते सरकारी गेहूं क्रय केंद्रों पर सन्नाटा छाया है। हाल ये है कि मात्र 4-6 कुंतल गेहूं की खरीद हो रही है। अप्रैल में अभी तक 3240 मीट्रिक टन ही गेहूं की खरीद हो पाई है। पूरे प्रदेश में गेहूं खरीद में शाहजहांपुर की मंडियां हमेशा से ही आगे रही हैं। सरकारी क्रय केंद्रों से किसानों को मुनाफा मिलाता रहे हैं, लेकिन इस बार सरकारी रेट से अधिक कीमत पर किसानों से निजी कंपनियां गेहूं खरीद रही है। किसानों का गेहूं हाथों हाथ 2130 रुपए प्रति कुंतल की दर से बिक रहा है। आटा मिलों मे भी किसान रोजाना अपना गेहूं बेच रहे हैं। किसानों का कहना है कि जहां लागत से अधिक मूल्य मिलेगा, वहीं गेहूं बेचेंगे।

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इन कीमतों पर बिक रहा गेहूं मंडियों में किसानों का गेहूं 2130 रुपए प्रति कुंटल खरीदा जा रहा है, जबकि सरकारी रेट 2015 रुपये ही है। ऐसे में किसानों को इस बार सरकारी क्रय केंद्रों पर चक्कर नहीं लगाना पड़ रहा। यही वजह है कि सरकारी क्रय केंद्रों में सन्नाटा छाया है। शाहजहांपुर में अप्रैल से अभी तक 2150 मीट्रिक टन ही गेहूं की खरीद हो पाई। भारत सरकार के गेहूं निर्यात करने का फैसले से ये स्थितियां हो गई हैं।

क्या पड़ेगा आपकी जेब पर असर सरकार ने गेहूं खरीद केंद्र बनाए हैं ताकि किसान उचित दामों में सरकार को गेहूं बेच दे। लेकिन बिचौलिए अधिक दाम देकर गेहूं खरीद ले रहे। इससे क्या होगा कि बिचौलिए मनमानी कीमत पर आटा मीलों के कारोबारियों के गेंहू देंगे। न चाहते हुए भी दामों बढ़ोत्तरी करनी पड़ेगी, जिसका असर आटे पर भी देखने को मिलेगा।

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किसानों में खुशी की लहर किसानों का कहना है कि कभी कभी ऐसा होता है कि लागत मूल्य भी नहीं निकाल पाते हैं। लगी राशि बेहतर दामों में जा रही है इसलिए गेहूं बेच रहे हैं। इससे लागत के साथ मुनाफा हो रहा है। हालांकि प्राइवेट एजेंसी इन किसानों से खरीदे गेहूं से मोटा मुनाफा कमाएंगे।

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