एक झटके में हीरो से बन गए थे विलेन, रिटायरमेंट से पहले बिकरू कांड में क्लीनचिट, कौन हैं UP के धुरंधर IPS

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एक झटके में हीरो से बन गए थे विलेन, रिटायरमेंट से पहले बिकरू कांड में क्लीनचिट, कौन हैं UP के धुरंधर IPS

एक झटके में हीरो से बन गए थे विलेन, रिटायरमेंट से पहले बिकरू कांड में क्लीनचिट, कौन हैं UP के धुरंधर IPS

सुमित शर्मा, कानपुरः यूपी के बिकरू कांड (Bikru Kand) की यादें आज भी लोगों के जहन में ताजा हैं। कानपुर के बिकरू कांड ने आईपीएस अनंतदेव तिवारी (IPS Anantdev Tiwari) को क्लीनचिट मिल गई है। आईपीएस अनंतदेव तिवारी बिकरू कांड के बाद एक झटके में हीरो से विलेन बन गए थे। कानपुर के तत्कालीन एसएसपी अनंतदेव तिवारी ऑपरेशन लंगड़ा (Operation Langada) की शुरूआत की थी। उनके कार्यकाल में सर्वाधिक हॉफ एनकाउंटर हुए थे। इसके साथ ही सीएए और एनआरसी हिंसा में भी आईपीएस अनंतदेव ने शहर को सुलगने से बचाया था। उनके कार्यकाल में सीएए हिंसा में तीन प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई थी।कुख्यात अपराधी विकास दुबे ने बीते 02 जुलाई 2020 की रात अपने गुर्गों के साथ मिलकर सीओ समेत आठ पुलिस कर्मियों की हत्या कर दी थी। बिकरू कांड के बाद यूपी एसटीएफ ने विकास दुबे समेत 6 बदमाशों को एनकांउटर में मार गिराया था। बिकरू हत्याकांड के बाद विकास दुबे के खजांची रहे जय वाजपेई की फोटो सोशल मीडिया पर तत्कालीन एसएसपी अंनतदेव तिवारी के साथ वायरल हुई थी। वायरल तस्वीर के साथ ही उनके उल्टी गिनती शुरू हो गई थी।

शहीद सीओ की वायरल चिट्ठी ने खोले थे राज


इसके साथ ही शहीद सीओ देवेंद्र मिश्रा की एक चिट्ठी वायरल हुई थी। जिसमें शहीद सीओ ने तत्कालीन चौबेपुर एसओ विनय तिवारी और विकास दुबे के संबंधों का जिक्र किया गया था। लेकिन तत्कालीन एसएसपी अनंतदेव ने तत्कालीन चौबेपुर एसओ विनय तिवारी पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं की थी। इसके बाद से तत्कालीन डीआईजी की भूमिका पर सवाल उठने लगे थे। शहीद सीओ की बेटी वैष्णवी ने अनंतदेव तिवारी पर गंभीर आरोप लगाए थे।

वायरल ऑडियो में अंनतदेव पर लगाए थे आरोप


बिकरू कांड के बाद शहीद सीओ देवेंद्र मिश्रा के कई ऑडियो वायरल हुए थे। जिसमें शहीद सीओ यह कहते हुए सुने गए थे, कि तत्कालीन चौबेपुर एसओ विनय तिवारी तत्कालीन एसएसपी अनंतदेव तिवारी की कृपा से क्षेत्र में खूब मनमानी कर रहे हैं। क्षेत्र में जुआं करा रहे हैं और विकास दुबे समेत उसके गुर्गों को सरंक्षण दे रहा है। विकास दुबे एक पेशेवर अपराधी है।

एसआईटी ने जांच की संस्तुति की थी


एसआइटी ने अपनी रिपोर्ट में कई आईपीएस, सीओ और पुलिस कर्मियों का जिक्र किया था। सूत्रों के मुताबिक एसआइटी रिपोर्ट में कहा गया है कि पुलिस विभाग के कुछ ऐसे अधिकारी हैं, जो प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे की मदद कर रहे थे। इसके साथ ही बीते 15 वर्षो में बिकरू क्षेत्र में तैनात रहे सीओ, एडिशनल एसपी, थानेदार, चौकी इंचार्जो की विभागीय कार्रवाई करने की संस्तुति की थी।

अनंतदेव इसी साल हो रहे रिटायर


बिकरू कांड के बाद अनंतदेव तिवारी 12 नवंबर 2020 को डीआईजी एसटीएफ से हटाकर पीएससी मुरादाबाद बना दिया गया था। आईपीएस अनंतदेव तिवारी की जांच आईपीएस अधिकारी निलाब्जा चौधरी को सौंपी गई थी। अनंतदेव तिवारी इसी वर्ष रिटायर हो रहे हैं।

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