एक क्लिक पर ही सामने होगी कुंडली | Police | Patrika News

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इंदौरPublished: Mar 17, 2023 07:16:53 pm

10 हजार अपराधियों का फिंगर प्रिंट डाटाबेस तैयार

एक क्लिक पर ही सामने होगी कुंडली

इंदौर. शहर में आपराधिक गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए पुलिस जल्द फिंगर प्रिंट ऐप लांच करने वाली है। ऐप के डाटा के लिए अधिकारियों ने बड़े स्तर पर अपराधियों का डाटा संकलन किया है। इसकी मदद से चौराहे और प्रमुख स्थानों पर ड्यूटी देने वाली पुलिस संदेह के चलते पकड़ाए व्यक्ति का पलभर में आपराधिक रिकार्ड निकाल सकेगी।
शहर में चेन स्नैङ्क्षचग, लूट, चोरी जैसे अपराध दिनों दिन बढ़ रहे हैं। कई मामलों में अपराधियों के भाग जाने के बाद पुलिस तकनीकी जांच के आधार पर घेराबंदी कर पकड़ती है, लेकिन कुछ बदमाश बेखौफ शहर में घूमकर फरारी काटते हैं। पुलिस कमिश्नरी सिस्टम के तहत ऐसे बदमाशों की धरपकड़ के लिए कुल 32 थानों को ङ्क्षफगर ङ्क्षप्रट ऐप संचालित करने के लिए डिवाइस मिलेंगे। इसके अलावा प्रमुख चौराहे और मार्ग पर ड्यूटी देने वाले पुलिसकर्मी को भी डिवाइस मिलेगा जो दिन-रात संदेहियों को स्कैन कर सकेंगे।
इस सप्ताह ऐप होगा लॉन्च, तैयार कर रहे अलग सर्वर
पुलिस के मुताबिक पिछले दिनों अपराधों को रोकने की दिशा में सफल प्रयोग हुए हैं। ङ्क्षफगर ङ्क्षप्रट ऐप इस सप्ताह लांच करने वाले हैं। करीब 10 हजार अपराधियों का ङ्क्षफगर ङ्क्षप्रट डाटाबेस तैयार किया है। डाटा एकत्रित रखने के लिए पुलिस अलग सर्वर तैयार कर रही है। सर्वर पर सिटीजन कॉप की तकनीकी टीम कार्य करेगी। ऑक्सीमीटर की तरह दिखने वाला डिवाइस हर वक्त सर्वर से कनेक्ट रहेगा।
प्रदेश में 87 प्रकरण में हुए निराकरण, सिवनी जिले में अंधे कत्ल का खुलासा
गौरतलब है कि देशभर में एनएएफआइएस (नेशनल ऑटोमेटेड फिंगर प्रिंट आइडेनटिफिकेशन सिस्टम) की सहायता से सबसे अधिक मप्र पुलिस ने 87 आपराधिक प्रकरणों का निराकरण किया है। इस कार्य में विभिन्न जिलों में पदस्थ 10 फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। इनमें इंदौर के दो फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट ने अच्छा कार्य किया। इसी बात को ध्यान में रखते हुए डीजीपी सुधीर सक्सेना ने पुलिसकर्मियों को सम्मानित किया था। देशभर में नैफिस सिस्टम के तहत 50 हजार अपराधियों का डाटा एकत्रित किया गया था। डाटा की मदद से सिवनी जिले में अंधे कत्ल का खुलासा हुआ। मृतक के फिंगर प्रिंट सैंपल पुलिस ने लिए थे। जांच में पता चला उसका आपराधिक रिकॉर्ड है। इस आधार पर हत्या की गुत्थी सुलझाई थी।
पूर्व में पकड़ा चुके बदमाश
अधिकारियों की मानें तो एरोड्रम, परदेशीपुरा सहित कई थाना पुलिस फिंगर प्रिंट डाटा के आधार पर अपराधियों को पकड़ चुकी है। एरोड्रम पुलिस ने चोरी के मामले में फरार आरोपी को इस तकनीक की सहायता से पकड़ा था।
मिलेंगे 150 डिवाइस
शुरुआत में 150 डिवाइस थाना पुलिस और चौराहे पर तैनात पुलिसकर्मी को मिलेंगे। डिवाइस में संदेही के ङ्क्षफगर ङ्क्षप्रट स्कैन होते ही उससे संबंधित डाटा मिल जाएगा। आने वाले समय में पुलिस के इस सर्वर को सीसीटीएनएस व अन्य सर्वर से जोडऩे का काम किया जाएगा।

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