उफ्फ! 9 साल की बच्ची को सिगरेट से दागता था पिता, देता था बिजली के करंट… अनुशासन में रखने के लिए यह कैसा वहशीपन

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उफ्फ! 9 साल की बच्ची को सिगरेट से दागता था पिता, देता था बिजली के करंट… अनुशासन में रखने के लिए यह कैसा वहशीपन

उफ्फ! 9 साल की बच्ची को सिगरेट से दागता था पिता, देता था बिजली के करंट… अनुशासन में रखने के लिए यह कैसा वहशीपन


फरीदाबाद: बेटी को अनुशासन में रखने के नाम पर लिए एक कस्टम इंस्पेक्टर पिता उसे तीन साल की उम्र से थर्ड डिग्री दे रहा था। आरोप है कि गलती होने पर सिगरेट से जलाया जाता था। बिजली का करंट लगाता और जूते पहनकर चेहरे को पैर से कुचलता था। लड़की की उम्र इस समय नौ साल की है। उसे बचाने का प्रयास करने पर मां को भी पीटा जाता था। परेशान होकर बच्ची शनिवार को उसके चुंगल से भाग निकली और थाने जा पहुंची। लड़की ने कहा कि वह अपने पिता के साथ नहीं रहना चाहती है। उसे सखी वन स्टॉप सेंटर में रखा गया है। सोमवार को बयान दर्ज कराए जाएंगे। पिता के खिलाफ पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है।

मामला सेक्टर-31 थाना एरिया का है। बच्ची किसी तरह पिता के चुंगल से निकलकर थाने पहुंची, जहां फरीदाबाद चाइल्डलाइन की जिला को-ऑर्डिनेटर सुनीता देवी थाने पहुंची और बच्ची को साथ लेकर कानूनी कार्रवाई कराई। सुनीता देवी ने बताया कि बिहार के जिला सीतामढ़ी के बैलाही गांव के रहने वाले एक व्यक्ति बिहार में ही कस्टम इंस्पेक्टर हैं। वह अपनी पत्नी और बेटी के साथ फरीदाबाद के सेक्टर-31 में अपनी रिश्तेदारी में आए हुए हैं। वह अपनी नौ साल की बेटी को अनुशासन में रखना चाहते हैं। बच्ची जरा सी भी गलती कर देती है तो वह बुरी तरह उसे पीटते हैं। वह बच्ची से तीन साल से मारपीट कर रहा था। बच्ची को वह अक्सर गंदे शब्दों का प्रयोग करता है।

पूरे शरीर में चोट के निशान
लड़की के बाएं में जलने के निशान भी हैं। बच्ची के मुंह पर चोट के निशान हैं। जूते पहनकर उसके मुंह को पैर से कुचला जाता था। उसके निचले होंठ पर चोट लगी है। पूरे शरीर में दर्द है। लड़की ने कहा है कि वह अपने पिता के साथ रहना नहीं चाहती। आरोप है कि आरोपी ने बिजली का करंट लगाकर उसे मारने का प्रयास किया है।

सोमवार को होंगे बयान दर्ज
थाना प्रभारी विरेंद्र खत्री ने बताया कि पुलिस ने कस्टम इंस्पेक्टर के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली है और उसे जांच के लिए शामिल तफ्तीश किया गया है। अभी उसे गिरफ्तार नहीं किया गया है। लड़की को फरीदाबाद के सखी वन स्टॉप सेंटर में रखा गया है। उसके सोमवार को बयान दर्ज कराए जाएंगे।

बचाने का प्रयास करने पर मां का हाथ तोड़ा

पीड़ित लड़की की एक और ढाई साल की बहन है। लड़की ने बताया है कि पिटाई से बचाने का प्रयास करने पर उसकी मां को भी बेरहमी से पीटा जाता था। एक बार उसकी मां का हाथ भी तोड़ दिया था। दादी भी बचाने का प्रयास करती तो उसकी पिटाई करने के लिए भी धमकी दी जाती थी। उसके डर की वजह से कोई बोलता नहीं है।

बिहार में भी हुई थी शिकायत
बिहार में भी टॉर्चर का मामला पुलिस तक पहुंचा था। तब वहां लड़की को मुक्त कराकर बाल संरक्षण केंद्र में रखा गया था। इसमें वह करीब चार महीने तक रही थी। पिटाई न करने का आश्वासन देकर उसे नवंबर में बाहर निकाला गया था। हालांकि आते ही फिर से पीटा जाने लगा। आरोप है कि किसी भी बात पर ना सुनते ही वह भड़क जाता है और बेहरमी से पीटता है।

कोरोना के बाद छूटी पढ़ाई
पीड़ित लड़की ने कहा कि वह क्लास-2 तक ही पढ़ी है। कोरोना शुरू होने के बाद उसकी पढ़ाई बंद करा दी गई थी। उसके बाद स्कूल नहीं भेजा। पुलिस छोटी बच्ची और उसकी मां से भी इस मामले पर बात करेगी।

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