उड़ते-उड़ते अचानक गिर रहे परिंदे, गर्मी से बेहाल पशु-पक्षी हीट स्ट्रोक, डायरिया के हो रहे हैं शिकार

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उड़ते-उड़ते अचानक गिर रहे परिंदे, गर्मी से बेहाल पशु-पक्षी हीट स्ट्रोक, डायरिया के हो रहे हैं शिकार

उड़ते-उड़ते अचानक गिर रहे परिंदे, गर्मी से बेहाल पशु-पक्षी हीट स्ट्रोक, डायरिया के हो रहे हैं शिकार

विशेष संवाददाता, नई दिल्लीः मई में जब तापमान ने अचानक बढ़ना शुरू किया तो इंसान ही नहीं बल्कि पक्षी भी इस बदलाव से बेहाल हो रहे हैं। पक्षियों पर काम करने वाले लोगों और एनजीओ के अनुसार अचानक आई इस गर्मी को पक्षी भी सहन नहीं कर पा रहे हैं। इसकी वजह से उनके उड़ने की क्षमता प्रभावित हो रही है। दोपहर के समय पक्षी छांव में बैठे दिखाई देते हैं। पक्षियों के उड़ते-उड़ते गिर जाने की शिकायतें भी बढ़ गई हैं।अचानक आई इस गर्मी की वजह से पक्षी हीट स्ट्रोक, डायरिया जैसी बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। वहीं ज्यादा देर तक धूप में रहने की वजह से कुत्ते भी हांफने लगे हैं और गाय, भैंस व बकरी भी बीमार होने लगे हैं। पक्षियों के अस्पताल में डॉ. राज कुमार ने बताया कि गर्मी बढ़ने पर काफी संख्या में पक्षी हीट स्ट्रोक का शिकार होते हैं। कोराइजा में पक्षियों को दिखना बंद हो जाता है, जिससे वह अचानक गिर जाते है। गर्मियों में काफी पक्षियों के बीमार होने पर उन्हें ICU में रखने की जरूरत भी पड़ती है। वहीं जिला प्रशासन ने भी पशुओं को गर्मी से बचाने के लिए उपाय करने की सलाह पशुपालकों को देते हुए एडवाइजरी जारी की है।
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पक्षियों के लिए काम करने वाले एक्टिविस्टों के अनुसार समस्या उन जगहों पर अधिक आ रही है जहां बड़े-बड़े प्रोजेक्ट्स के लिए पेड़ काटे गए हैं। पुरानी दिल्ली के जैन चैरिटेबल बर्ड अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार गर्मी की वजह से पक्षियों में हीट स्ट्रोक, डायरिया और हार्ट अटैक की शिकायतें आ रही हैं। रोज करीब 60 से 70 बीमार पक्षी यहां पहुंच रहे हैं। कई पक्षियों को गिरने की वजह से पंखों और दूसरी जगहों पर चोट पहुंचती है। इलाज के दौरान कुछ दम भी तोड़ देते हैं। इनमें कबूतर, तोते, मैना से लेकर कौवे तक शामिल हैं।

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द्वारका में पक्षियों के लिए काम करने वाली निधि गुप्ता ने बताया कि लोग जब गर्मी में बेहाल किसी पक्षी को देखते हैं तो वह उन्हें तो कॉल कर देते हैं। लेकिन, जब वह पक्षियों की मदद करने के तरीके उन्हें बताती हैं तो वह पीछे हटने लगते हैं। उनके अनुसार द्वारका में पक्षियों के ऐसे मामले इसलिए भी बढ़ रहे हैं क्योंकि यहां काफी पेड़ कटे हैं। पक्षियों की संख्या यहां अधिक है। गर्मी का असर पक्षियों पर होता है। इसके बावजूद द्वारका के आसपास पक्षियों का कोई हेल्थ केयर सेंटर नहीं हैं। ऐसे में जब वह लोगों को पक्षियों को डिफेंस कॉलोनी या तुगलकाबाद सेंटर का पता बताती हैं तो लोग पक्षियों को लेकर जाने को तैयार नहीं होते। द्वारका से इन सेंटरों तक पहुंचने में एक से दो घंटे का वक्त लग जाता है। जिसकी वजह से या तो पक्षी इस दौरान दम तोड़ देता है या लोग उसे छोड़ देते हैं। उन्होंने बताया कि यदि बायोडायवर्सिटी और पक्षियों की चिंता है तो छोटे रेस्क्यू सेंटर बनाने चाहिए ताकि लोगों को ज्यादा दूर न जाना पड़े।

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पशु चिकित्सकों का कहना है कि तपती धूप में कभी-कभी पारा 45 डिग्री तक चला जाता है। ऊपर से गर्म हवाओं से पशुओं को पानी की कमी और हीट-स्ट्रोक हो सकता है। अगर समय से सावधानियां बरती जाएं तो बीमारियों की संभावना कम हो जाती है, लेकिन फिर भी पशु गर्मी के चलते बीमार हो जाते हैं तो इन लक्षणों से पहचान कर सकते हैं –

  • पशु को तेज बुखार और बेचैनी होना
  • ठीक से आहार न लेना
  • तेज बुखार में हांफना
  • नाक और मुंह से लार का बहना
  • आंखों का लाल होना और आंख से पानी निकलना
  • तेज सांस लेना और लड़खड़ाकर के गिरना
  • सुस्ती और खाना-पानी बंद कर देना

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