ईरान हिजाब विवाद पर पहली बार बोले सर्वोच्च नेता खामेनेई, अधूरे हिजाब की महिलाएं करती रही हैं कार्यक्रमों में शिरकत, ‘दंगे’ हैं साजिश | Supreme leader Khamenei speaks, For first time on Iran hijab controver | Patrika News
अब शीर्ष टैक्नोलॉजी विवि बना टकराव का केंद्र सोमवार को ईरान ने अपने शीर्ष प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय – शरीफ यूनिवर्सिटी में छात्रों और पुलिस के बीच एक घंटे चले टकराव के बाद बंद कर दिया है। 3 तारीख के टकराव के बाद से ये अब प्रतिष्ठित संस्थान विरोध के नवीनतम फ्लैशपॉइंट में बदल गया है और इसमें सैकड़ों युवाओं को गिरफ्तार कर लिया गया।
महसा की मौत से वे भी टूट गए थे तेहरान में पुलिस छात्रों के एक कैडर से बात करते हुए, खामेनेई ने कहा कि वे भी 22 वर्षीय महसा अमिनी की पुलिस हिरासत में मौत से “गहराई से टूट गए” थे, उन्होंने इसे “दुखद घटना” कहा। हालांकि, उन्होंने विरोध प्रदर्शनों की निंदा ईरान को अस्थिर करने के लिए एक विदेशी साजिश के रूप में करते हुए कहा कि ये सब योजनाबद्ध तरीके से हुआ। उन्होंने कहा, “यह दंगा सुनियोजित था।” “इन दंगों और असुरक्षाओं को अमरीका और इजरायली शासन और उनके कर्मचारियों द्वारा डिज़ाइन किया गया था।”
सिर्फ डॉक्टरेट छात्रों के लिए शरीफ विवि में प्रवेश इस बीच, तेहरान में शरीफ यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी ने घोषणा की कि रविवार को उथल-पुथल के बाद अगली सूचना तक केवल डॉक्टरेट छात्रों को परिसर में अनुमति दी जाएगी। यहां प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया है कि यूनिवर्सिटी में सरकार विरोधी प्रदर्शनकारी और एस्टिब्लिशमेंट समर्थक आपस में भिड़ गए। प्रतिशोध के डर से नाम न छापने की शर्त पर बात करने वाले प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि पुलिस ने प्रदर्शनों को तितर-बितर करने के लिए सैकड़ों छात्रों को परिसर से बाहर नहीं निकलने दिया और आंसू गैस के गोले दागे।
प्रोफेसर और छात्रों को पीटा छात्र संघ ने कहा है कि सादे कपड़ों में अधिकारियों ने स्कूल को चारों तरफ से घेर लिया और कम से कम 300 छात्रों को हिरासत में लिया। एसोसिएशन ने कहा कि सादे कपड़े पहने अधिकारियों ने एक प्रोफेसर और कई विश्वविद्यालय कर्मचारियों को पीटा।
16 सितंबर से जारी हैं विरोध प्रदर्शन बता दें, ईरान में महसा अमीनी की पुलिस हिरासत में मौत के बाद से दंगे हो रहे हैं। ईरान ह्यूमन राइट्स (IHR) ग्रुप ने रविवार को कहा कि विरोध प्रदर्शनों में अब तक 150 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। बताया जा रहा है कि महसा को ठीक तरह से हिजाब न पहनने के लिए हिरासत में लिया गया था। 16 सितंबर को 22 वर्षीय युवती की पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी।
सामान्य नहीं, योजना बद्ध है विरोध ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने हिजाब के खिलाफ प्रदर्शन पर कहा, जांच से पहले उसके मौत को लेकर जो प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं, दंगे हो रहे हैं और असुरक्षा फैलाई जा रही है, कुरान और मस्जिदों का अपमान किया जा रहा है, ये सामान्य नहीं है और पूरी तरह से संयोजित है।’ खामेनेई ने ईरान में प्रदर्शनों के लिए अमेरिका और इजरायल को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि ‘युवती की मौत मेरे लिए भी दिल तोड़ने वाली थी और ये एक निंदनीय घटना थी।
‘गद्दार ईरानियों ने की अमेरिका-इजरायल की मदद’ उन्होंने कहा, ‘युवती की मौत, जो बेशक बेहद अफसोसजनक थी, इन कृत्यों की सही नहीं ठहरा सकती। ये बिल्कुल भी सामान्य और प्राकृतिक नहीं हैं। यह दंगा अमेरिका और इजरायल की ओर से सुनियोजित था।’ खामेनेई ने कहा कि मैं स्पष्ट रूप से कहता हूं इन दंगों और असुरक्षा के पीछे अमेरिका और इजरायल का हाथ था जिसमें उनके लिए भाड़े पर काम करने वालों और विदेशों में कुछ ईरानी गद्दारों ने उनकी मदद की। हमने कई दंगे देखे, खासकर फ्रांस में, क्या अमेरिका ने उनमें से किसी में मदद मुहैया कराई?
खामेनेई बोले- अमेरिका का शोक नाटक
ईरानी नेता ने कहा कि क्या उन्होंने कभी बयान जारी किए, एकजुटता जताई या पेरिस के दंगाइयों को इंटरनेट मुहैया कराया? यह विदेशियों की भूमिका को साबित करता है। एक लड़की की मृत्यु के लिए अमेरिका का शोक प्रकट करना नाटक है, वे खुश हैं। उन्होंने कहा कि हालिया घटनाओं के पीछे ये बदमाश हैं।
हिजाब नहीं है मुद्दा लड़ाई एक लड़की की मौत या हिजाब के मुद्दे पर नहीं है, अधूरे हिजाब वाली कई महिलाएं इस्लामिक रिपब्लिक की कट्टर समर्थक हैं और कई कार्यक्रमों में हिस्सा ले चुकी हैं। लड़ाई ईरान की आजादी पर है।
‘आजाद ईरान के खिलाफ है अमेरिका’
उन्होंने कहा कि जब अमेरिकी राजनेता इन घटनाओं की तुलना बर्लिन वॉल से करते हैं, आपको पता होना चाहिए कि क्या हो रहा है… अमेरिका न केवल इस्लामी गणराज्य का विरोध करता है बल्कि वे एक मजबूत और आजाद ईरान के भी खिलाफ हैं। ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा है कि इस्लामिक रिपब्लिक महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करने के मामले में रोल मॉडल है। ये हमारे मूल्यों में शामिल है।
अब शीर्ष टैक्नोलॉजी विवि बना टकराव का केंद्र सोमवार को ईरान ने अपने शीर्ष प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय – शरीफ यूनिवर्सिटी में छात्रों और पुलिस के बीच एक घंटे चले टकराव के बाद बंद कर दिया है। 3 तारीख के टकराव के बाद से ये अब प्रतिष्ठित संस्थान विरोध के नवीनतम फ्लैशपॉइंट में बदल गया है और इसमें सैकड़ों युवाओं को गिरफ्तार कर लिया गया।
महसा की मौत से वे भी टूट गए थे तेहरान में पुलिस छात्रों के एक कैडर से बात करते हुए, खामेनेई ने कहा कि वे भी 22 वर्षीय महसा अमिनी की पुलिस हिरासत में मौत से “गहराई से टूट गए” थे, उन्होंने इसे “दुखद घटना” कहा। हालांकि, उन्होंने विरोध प्रदर्शनों की निंदा ईरान को अस्थिर करने के लिए एक विदेशी साजिश के रूप में करते हुए कहा कि ये सब योजनाबद्ध तरीके से हुआ। उन्होंने कहा, “यह दंगा सुनियोजित था।” “इन दंगों और असुरक्षाओं को अमरीका और इजरायली शासन और उनके कर्मचारियों द्वारा डिज़ाइन किया गया था।”
सिर्फ डॉक्टरेट छात्रों के लिए शरीफ विवि में प्रवेश इस बीच, तेहरान में शरीफ यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी ने घोषणा की कि रविवार को उथल-पुथल के बाद अगली सूचना तक केवल डॉक्टरेट छात्रों को परिसर में अनुमति दी जाएगी। यहां प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया है कि यूनिवर्सिटी में सरकार विरोधी प्रदर्शनकारी और एस्टिब्लिशमेंट समर्थक आपस में भिड़ गए। प्रतिशोध के डर से नाम न छापने की शर्त पर बात करने वाले प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि पुलिस ने प्रदर्शनों को तितर-बितर करने के लिए सैकड़ों छात्रों को परिसर से बाहर नहीं निकलने दिया और आंसू गैस के गोले दागे।
प्रोफेसर और छात्रों को पीटा छात्र संघ ने कहा है कि सादे कपड़ों में अधिकारियों ने स्कूल को चारों तरफ से घेर लिया और कम से कम 300 छात्रों को हिरासत में लिया। एसोसिएशन ने कहा कि सादे कपड़े पहने अधिकारियों ने एक प्रोफेसर और कई विश्वविद्यालय कर्मचारियों को पीटा।
16 सितंबर से जारी हैं विरोध प्रदर्शन बता दें, ईरान में महसा अमीनी की पुलिस हिरासत में मौत के बाद से दंगे हो रहे हैं। ईरान ह्यूमन राइट्स (IHR) ग्रुप ने रविवार को कहा कि विरोध प्रदर्शनों में अब तक 150 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। बताया जा रहा है कि महसा को ठीक तरह से हिजाब न पहनने के लिए हिरासत में लिया गया था। 16 सितंबर को 22 वर्षीय युवती की पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी।
सामान्य नहीं, योजना बद्ध है विरोध ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने हिजाब के खिलाफ प्रदर्शन पर कहा, जांच से पहले उसके मौत को लेकर जो प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं, दंगे हो रहे हैं और असुरक्षा फैलाई जा रही है, कुरान और मस्जिदों का अपमान किया जा रहा है, ये सामान्य नहीं है और पूरी तरह से संयोजित है।’ खामेनेई ने ईरान में प्रदर्शनों के लिए अमेरिका और इजरायल को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि ‘युवती की मौत मेरे लिए भी दिल तोड़ने वाली थी और ये एक निंदनीय घटना थी।
‘गद्दार ईरानियों ने की अमेरिका-इजरायल की मदद’ उन्होंने कहा, ‘युवती की मौत, जो बेशक बेहद अफसोसजनक थी, इन कृत्यों की सही नहीं ठहरा सकती। ये बिल्कुल भी सामान्य और प्राकृतिक नहीं हैं। यह दंगा अमेरिका और इजरायल की ओर से सुनियोजित था।’ खामेनेई ने कहा कि मैं स्पष्ट रूप से कहता हूं इन दंगों और असुरक्षा के पीछे अमेरिका और इजरायल का हाथ था जिसमें उनके लिए भाड़े पर काम करने वालों और विदेशों में कुछ ईरानी गद्दारों ने उनकी मदद की। हमने कई दंगे देखे, खासकर फ्रांस में, क्या अमेरिका ने उनमें से किसी में मदद मुहैया कराई?
खामेनेई बोले- अमेरिका का शोक नाटक
ईरानी नेता ने कहा कि क्या उन्होंने कभी बयान जारी किए, एकजुटता जताई या पेरिस के दंगाइयों को इंटरनेट मुहैया कराया? यह विदेशियों की भूमिका को साबित करता है। एक लड़की की मृत्यु के लिए अमेरिका का शोक प्रकट करना नाटक है, वे खुश हैं। उन्होंने कहा कि हालिया घटनाओं के पीछे ये बदमाश हैं।
हिजाब नहीं है मुद्दा लड़ाई एक लड़की की मौत या हिजाब के मुद्दे पर नहीं है, अधूरे हिजाब वाली कई महिलाएं इस्लामिक रिपब्लिक की कट्टर समर्थक हैं और कई कार्यक्रमों में हिस्सा ले चुकी हैं। लड़ाई ईरान की आजादी पर है।
‘आजाद ईरान के खिलाफ है अमेरिका’
उन्होंने कहा कि जब अमेरिकी राजनेता इन घटनाओं की तुलना बर्लिन वॉल से करते हैं, आपको पता होना चाहिए कि क्या हो रहा है… अमेरिका न केवल इस्लामी गणराज्य का विरोध करता है बल्कि वे एक मजबूत और आजाद ईरान के भी खिलाफ हैं। ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा है कि इस्लामिक रिपब्लिक महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करने के मामले में रोल मॉडल है। ये हमारे मूल्यों में शामिल है।