ईट राइट चैलेंज में क्यों पिछड़ गया देश का सबसे स्वच्छ शहर इंदौर, टॉप 50 में एमपी के 10 जिले

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ईट राइट चैलेंज में क्यों पिछड़ गया देश का सबसे स्वच्छ शहर इंदौर, टॉप 50 में एमपी के 10 जिले

ईट राइट चैलेंज में क्यों पिछड़ गया देश का सबसे स्वच्छ शहर इंदौर, टॉप 50 में एमपी के 10 जिले


भोपाल: स्वच्छता में देश में नंबर वन आने वाले मध्य प्रदेश के सिर पर एक और ताज सजा है। ’ईट राइट चैलेंज’ में भोपाल दूसरे नंबर पर आया है। ग्वालियर पांचवें और उज्जैन आठवें स्थान पर है। दिलचस्प बात ये है कि सूची के प्रथम 50 जिलों में मध्य प्रदेश के 10 जिले शामिल हैं। 7 जून को केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय इन सभी जिलों को पुरस्कृत करेगा। आपको बता दें कि ईट राइट चैलेंज प्रतियोगिता में देश के 260 शहरों ने भाग लिया था। इनमें से कोयंबटूर नंबर वन आया है। ईट राइट चैलेंज फॉर सिटीज एंड डिस्ट्रिक्ट्स के तहत खाद्य सुरक्षा की पहलों को अपनाना, आमजन को सुरक्षित एवं स्वस्थ खान पान के प्रति जागरूक करना, इस प्रतियोगिता का मकसद है।

होटल, रेस्टोरेंट, डेरी, स्ट्रीट फूड हब, किराना दुकान, एव्हर फ्रेश आदि में खान-पान की शुद्धता और सफाई को आदत बनाने के लिए यह प्रतियोगिता आयोजित की जाती है। नमूना संग्रहण, मिलेट रेसिपी एवं फोर्टिफिकेशन प्रदर्शन, ईट राइट केम्पस/स्टेशन प्रमाणन, भोग प्रमाणन, हाईजीन रेटिंग एवं नवाचारी गतिविधियों, आमजन के खान-पान की आदतों में सकारात्मक बदलाव तथा खाद्य प्रतिष्ठानों में आत्म-अनुपालन की प्रवृत्ति को बढ़ावा देना भी इसका मुख्य उद्देश्य है।

न्यूज पेपर में दे खाना, तो बोलो ना-ना
इस प्रतियोगिता में भोपाल कलेक्टर की पहल ’न्यूज पेपर में दे खाना, तो बोलो ना-ना’, उज्जैन जिले के ’दोने में दो ना’ जैसे नवाचारों को भारतीय खाद्य संरक्षा और मानक प्राधिकरण नई दिल्ली द्वारा सराहा गया है। इस दौरान देश में प्रथम ईट राइट मिलेट मेला भी भोपाल में किया गया।

नंबर 1 से 23वें नंबर पहुंचा इंदौर
पिछले वर्ष ईट राइट प्रतियोगिता में मध्य प्रदेश का इंदौर नंबर 1 पर था, लेकिन एक साल में ही इसकी रैंकिंग गिरकर 23वें नंबर पर आ गई है। इंदौर की यह गिरावट आश्चर्यजनक मानी जा रही है। बताया जा रहा है ईट राइट चैलेंज प्रतियोगिता के लिए एफएसएर्सएआइ का नियम था कि किसी भी शहर को अपनी कुल आबादी का 0.5 प्रतिशत खाद्य लाइसेंस बनाना है। लेकिन इंदौर यह लक्ष्य हासिल नहीं कर पाया।

ऐसे हुई प्रतियोगिता
ईट राइट चैलेंज प्रतियोगिता की शुरुआत मई 2022 से 15 नवम्बर 2022 तक चली। इसमें देश के 260 से ज्यादा जिलों को शामिल किया गया था। इस समय के दौरान खाद्य सुरक्षा, शुद्धता और जागरूकता को लेकर विभिन्न मापदंड तय किए गए थे। इसमें खाद्य निर्माता, व्यवसायी, होटल, रेस्त्रा, किराना आदि के लाइसेंस और पंजीयन के साथ ही प्रशिक्षण, जागरूकता अभियान, नमूनों की जांच आदि के लिए 200 नंबर तय किए गए थे।
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टॉप 50 में मध्य प्रदेश के यह शहर शामिल
दूसरी रैंकिंग हासिल करने वाले भोपाल को 193 नंबर, पांचवें नंबर वाले ग्वालियर को 188, 8वें नंबर वाले उज्जैन को 175, 18वें नंबर वाले रीवा को 166, 23वें क्रम वाले इंदौर को 162, 25वें नंबर वाले सागर को 156, 26वें नंबर वाले दमोह को 155, 27वें नंबर वाले जबलपुर को 155, 29 नंबर वाले सतना को 152, 43नंबर वाले बालाघाट को 135 नंबर हासिल हुए हैं।

मुख्यमंत्री ने जताई प्रसन्नता
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस उपलब्धि पर कहा है कि ’मिलावट से मुक्ति’ अभियान सहित कई जागरूकता अभियान संचालित किये जा रहे हैं। ईट राइट चैलेंज प्रतियोगिता में प्रदेश के 10 जिलों ने सराहनीय उपलब्धि, इस बात की प्रमाण है।
रिपोर्ट: दीपक राय

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