ईओडब्ल्यू ने भ्रष्टाचार पर कसा ​शिकंजा- करोड़ों के घोटाले में नोटिस जारी | bhopal crime | Patrika News

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ईओडब्ल्यू ने भ्रष्टाचार पर कसा ​शिकंजा- करोड़ों के घोटाले में नोटिस जारी | bhopal crime | Patrika News

ईओडब्ल्यू ने भ्रष्टाचार पर कसा ​शिकंजा- करोड़ों के घोटाले में नोटिस जारी | bhopal crime | Patrika News


भोपालPublished: Jan 29, 2023 09:25:43 pm

आरटीई की फीस के साढ़े 19 करोड़ के घोटाले के मामले में ईओडब्ल्यू ने नोटिस जारी किया है, लेकिन विभाग के अधिकारी आरोपियों को बचाने में लगे है। घोटाले में आरोपी रही सीमा गुप्ता को भोपाल जिला परियोजना समन्वयक बनाए जाने के बाद अब कर्मचारी संगठनों ने मोर्चा खोल दिया है। मामले में मंत्री स्कूल शिक्षा इंदर सिंह परमार, प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा रश्मि शमी समेत विभाग के आला अधिकारियों ने विवादास्पद नियुक्ति पर चुप्पी साध ली है।

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व्याख्याता डा. सीमा गुप्ता पूर्व में प्रतिनियुक्ति पर जिला शिक्षा केंद्र में एसीपी पद पर नियुक्त थी। उनकी पदस्थापना के दौरान 2015-16 में भोपाल जिले में प्रायवेट स्कूलों की फीस प्रतिपूर्ति मामले में 19.5 करोड़ के घोटाले में शिकायत के आधार पर नोटिस जारी किया गया। ईओडब्ल्यू शिकायत क्रमांक 02/18 पंजीबद्ध कर मामले की जांच कर रही है। ईओडब्ल्यू में मामला चलने व एपीसी पद पर तय समय से कार्यकाल ज्यादा होने के कारण कलेक्टर भोपाल अविनाश लवानिया ने करीब सवा महीने पहले इन्हें एपीसी पद से हटाकर मूल विभाग में भेज दिया। मूल विभाग में वापिस जाने के करीब एक सप्ताह बाद ही राज्य शिक्षा केंद्र ने प्रतिनियुक्ति पर लेते हुए सीमा गुप्ता की पदस्थापना भोपाल डीपीसी के पद पर कर दी। नियमानुसार प्रतिनियुक्ति पर लेते समय कोई जांच लंबित नहीं होनी चाहिए। लेकिन राज्य शिक्षा केंद्र ने प्रतिनियुक्ति पर पदस्थापना करते समय ईओडब्ल्यू की जांच को नजरअंदाज कर दिया। साथ ही गुप्ता पर जिस कार्यालय में रहते हुए घोटाले के आरोप लगे, उसका ही कंट्रोलिंग ऑफिसर बनाने से जांच पर भी असर पड़ेगा। साथ ही दो साल के कूलिंग पीरियड की बाध्यता को भी समाप्त कर दिया।

आरटीई के तहत जानकारी नहीं दी
ईओडब्ल्यू ने फीस प्रतिपूर्ति घोटाले के मामले में भोपाल कलेक्टर को प्रति देते हुए तत्कालीन डीपीसी समर सिंह राठौर व तत्कालीन एपीसी डा. सीमा गुप्ता को दो अलग-अलग नोटिस जारी कर जानकारी मांगी है। एक नोटिस में तीन बिंदुओ व दूसरे में चार बिंदुओं पर जानकारी मांगी है। इसमें प्रमुख रूप से चल-अचल संपत्ति की जानकारी, वार्षिक आय नियुक्ति दिनांक से वर्तमान तक, पारिवारिक व्यवसाय व सर्विस के संबध में जानकारी है। वहीं, राष्ट्रीय जनता दल के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डा. पीएस यादव ने ईओडब्ल्यू से प्रकरण की आरटीई के तहत जानकारी मांगी। जिसमें ईओडब्ल्यू ने प्रकरण विवेचना में होने के कारण जानकारी देने से मना कर दिया।
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मंत्री से लेकर प्रमुख सचिव तक को सौंपा ज्ञापन
शासकीय शिक्षक संगठन ने घोटाले के आरोपी रही सीमा गुप्ता को डीपीसी बनाए जाने पर मोर्चा खोला है। संगठन के अध्यक्ष राकेश दुबे का कहना है कि मुख्यमंत्री एक तरफ भ्रष्टाचारियों को मंच से निलंबित कर रहे है, लेकिन स्कूल शिक्षा विभाग भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे अधिकारियों की महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्ति कर रहा है। दुबे का कहना है कि विभागीय मंत्री इंदर सिंह परमार, प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा रश्मि शमी को कार्यवाही के लिए ज्ञापन सौंप चुके है। विभाग ने भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई नहीं की, तो जल्द ही आंदोलन शुरू होगा।

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