इस शहर को हैं नए साल में नई उम्मीदें, रक्षा उद्योगों की तलाशी जाएगी सम्भावना | jabalpur has new hopes in the new year, possibility defense industries | Patrika News
रक्षा उद्योगों के मामले में जबलपुर शुरू से आगे रहा है। चार आयुध निर्माणियां इसका बड़ा आधार रही हैं। इन निर्माणियों में बनने वाले रक्षा उत्पादों के लिए अधारताल और रिछाई औद्योगिक क्षेत्र सहायक उद्योग स्थापित हुए थे। इनकी संख्या 150 थी। अब यह घटकर 30 हो गई है। अब आयुध निर्माणियों का निगमीकरण हो गया है। ऐसे में उनकी प्राथमिकता कम लागत पर कच्चा माल प्राप्त करने की होगी।
इस बात को ध्यान में रखते हुए डिफेंस क्लस्टर की संभावना फिर से प्रबल हो गई है। प्रदेश शासन इसकी पहल कर चुका है। हाल में जिला उद्योग संवर्द्धन समिति की बैठक में यह विषय प्रमुखता से रखा गया। सदस्यों ने इस बात पर जोर दिया कि जबलपुर में डिफेंस क्लस्टर का मुद्दा लंबित है। इसके लिए कोई पहल जिला प्रशासन की तरफ से नहीं हो रही है। न तो जगह चिन्हित की गई न कोई योजना बनी।
कलेक्टर ने रूपरेखा बनाने कहा
कलेक्टर ने डिफेंस क्लस्टर की संभावना को लेकर एक रिपोर्ट तैयार करने के लिए कहा है। इसमें महाकोशल उद्योग संघ के महासचिव पीके शर्मा को इसका प्रस्ताव बनाने के लिए कहा गया है। इसमें उद्योग विभाग भी सहयाेग करेगा। अब एक रिपोर्ट तैयार की जाएगी, उसमें सभी बिन्दुओं को शामिल किया जाएगा। इसी आधार पर आगे की रूपरेखा तैयार की जाएगी।
किन उत्पादों का होगा प्रोडक्शन
जबलपुर में डिफेंस क्लस्टर में कौन से उत्पाद तैयार किए जा सकते हैं। इनकी सूची तैयार की जाएगी। जो इकाइयां पहले से रक्षा उत्पाद बना रही हैं, वे तकनीकी रूप से अपने को कैसे उन्नत करें, इसका सुझाव भी दिया जाएगा। नए उद्यमियों से भी राय ली जाएगी कि वे इस क्लस्टर के लिए कितने सहमत हैं। इसी प्रकार आयुध निर्माणियों से सम्पर्क कर उनसे पूछा जाएगा कि वे कौन से उत्पाद हैं जो कि वे संभावित क्लस्टर में स्थापित होने वाली इकाइयों में बनवाना चाहते हैं।
उद्यमी और कारोबारियों की थी सहमति
इससे पहले महाकोशल चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की तरफ से एक सर्वे कराया गया था। इसमें डिफेंस क्लस्टर की संभावना और रुचि के विषय में उद्यमी एवं व्यापारियों की राय ली गई थी। 400 से अधिक लोगों से सर्वे कराया गया था। उसमें ज्यादातर ने इसमें सहमति दिखाई थी। चेंबर के सह-प्रवक्ता अखिल मिश्र ने बताया कि डिफेंस क्लस्टर की संभावना प्रबल हैं। सर्वे में उद्यमियों ने कहा था कि इससे निवेश और रोजगार बढे़गा।
क्लस्टर के लिए यह बडे़ कारण
– जबलपुर में पहले से रक्षा उत्पादन का माहौल।
– चार आयुध निर्माणियाें में कलपुर्जों की जरूरत।
– अभी जबलपुर सहित दूसरी जगहों से आपूर्ति।
– देश के मध्य में होने के कारण परिवहन आसान।
– आयुध निर्माणियाें में अप्रेंटिस से बनते हैं दक्ष श्रमिक।
– 40 छोटी व मध्यम रक्षा इकाइयां बनाती हैं कलपुर्जे।
– क्लस्टर के लिए जिले में पर्याप्त मात्रा में जगह।
– प्रस्तावित टेक्नोलॉजी सेंटर का इकाइयों को मिलेगा लाभ।
– ट्रिपल आइटीडीएम से डिजाइनिंग व अनुसंधान में सहयेाग।
– आयुध निर्माणियों से 15 हजार दक्ष सेवानिवृत्त कर्मचारी।