इस मामले में भी इंदौर अव्वल, भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर को पछाड़ा | Indore tops Madhya Pradesh in suicide case | Patrika News

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इस मामले में भी इंदौर अव्वल, भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर को पछाड़ा | Indore tops Madhya Pradesh in suicide case | Patrika News

इस मामले में भी इंदौर अव्वल, भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर को पछाड़ा | Indore tops Madhya Pradesh in suicide case | Patrika News

शहर आत्महत्या की संख्या प्रतिशत कुल जनसंख्या लाख में इंदौर 737 2.8 21.7 भोपाल 566 2.2 18.8 ग्वालियर 320 1.2 11.0 जबलपुर 214 0.8 12.7 (नोट: आंकड़े जनवरी 2021 से दिसंबर 2021 तक के हैं)

संजीवनी हेल्पलाइन से मिली कईयों को मदद रीगल तिराहा स्थित रानी सराय में क्राइम ब्रांच के अंतर्गत पुलिस की संजीवनी हेल्पलाइन नंबर 70491-08080 संचालित होती है। एडिशनल डीसीपी गुरुप्रसाद पाराशर के मुताबिक संजीवनी हेल्पलाइन लोगों के लिए 24 घंटे खुली है। आत्महत्या के विचार आने पर लोग हेल्पलाइन से मदद लेते हैं। पुलिस कमिश्नरी सिस्टम के तहत चलने वाली हेल्पलाइन से लोग मदद मांग रहे हैं। पाराशर के मुताबिक, कई बार ऐसी शिकायत भी आती है, जब व्यक्ति सुसाइड का पूरा मन बना लेता है। ऐसे में पुलिस का एक कॉल उनके जीवन काे बचाने के लिए संजीवनी का काम करती है। महज कुछ मिनट की काउंसलिंग व्यक्ति के मन में आ रहे गलत विचार को दूर भगाने में कारगर साबित हो रहा है।

ऐसे कुछ केस, जिसमें टीम ने बदली लोगों की सोच केस-1 हाल ही में एक महिला ने संजीवनी हेल्पलाइन पर शिकायत की थी। उन्होंने बताया, पति घर से खुदकुशी करने निकले हैं। काउंसलिंग टीम ने तत्काल उनके पति को फोन लगाकर संपर्क किया। रिस्पांड टीम भी तत्काल वहां पहुंची, जहां व्यक्ति मौजूद था। कुछ ही देर की काउंसलिंग में उसने अपनी परेशानी बताई। पता चला, पति-पत्नी के बीच आए दिन विवाद से परेशान होकर उसने खुदकुशी का मन बनाया। टीम ने परिवार से संपर्क कर चर्चा की। साथ ही उन्हें मानसिक अवसाद से दूर भी किया।

केस 2 सूचना मिली कि महिला फंदा लगाने जा रही है। सूचना पर तत्काल पुलिस टीम मौके पर पहुंची। दरवाजा तोड़ा तो वह फंदा कसने जा रही थी। समय रहते पुलिस टीम ने उन्हें बचा लिया। संजीवनी की काउंसलिंग के बाद महिला ने सुसाइड का विचार त्यागा और अब वह अपने परिवार के साथ खुश है।

आत्महत्या के लिए उकसाने की घटना में नहीं आ रही गिरावट पुलिस कमिश्नरी सिस्टम के तहत चल रहे थाने में आए दिन आत्महत्या से उकसाने के मामलों में केस दर्ज होता है। हालांकि, इस के मामलों में कोई गिरावट देखने को नहीं मिली।

वर्ष 2021 से लेकर 2022 के बीच धारा 306 के तहत दर्ज केस की संख्या वर्ष कुल केस संख्या 2020 55 2021 56 2022 35 (जनवरी से 15 अगस्त 2022 तक)

अब तक 150 से अधिक की जान बचाई सुसाइड करने वालों में देश और प्रदेश में सबसे अधिक संख्या युवाओं की है। पढ़ाई व अन्य चिंता की वजह से वे डिप्रेशन में आ जाते हैं। कई बार वे आत्मघाती कदम उठाने का सोचते हैं। इस तरह की घटना पर रोक लगाने के लिए ही संजीवनी हेल्पलाइन का गठन किया गया। हेल्पलाइन की टीम ने जनवरी 2022 से लेकर अब तक 150 से अधिक लोगों को खुदकुशी करने से बचाया है।

लोगों को जागरूक करने की जरूरत संजीवनी हेल्पलाइन में पीड़ितों की पुलिस टीम और डॉक्टर नि:शुल्क काउंसलिंग करते हैं। शिकायत करने वाले और आत्मघाती कदम उठाने वाले का नाम गोपनीय रखा जाता है। कोशिश रहती है, समय पर उनकी जान बचाई जाए। मूकबधिर भी इस समस्या से जूझ रहे हैं। उन्हें बचाने के लिए साइन लैंग्वेज एक्सपर्ट की काउंसलिंग में मदद लेते हैं। लोगों को जागरूक होने की जरूरत है। जब कोई अंधेरे मेें रहे, गुमशुम रहे, किसी काम को ठीक से न करे तो समझ लें कि वह किसी बात को लेकर डिप्रेशन में है। ऐसे वक्त में व्यक्ति को मानसिक संबल की जरूरत होती है। पुलिस अब स्कूल, कॉलेज में भी हेल्पलाइन का प्रचार-प्रसार कर रही है।

– हरिनारायणाचारी मिश्र, पुलिस कमिश्नर



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