इस इंजेक्शन का केमिकल है खास… नार्को टेस्ट में इसके लगते ही आफताब उगलेगा हर राज

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इस इंजेक्शन का केमिकल है खास… नार्को टेस्ट में इसके लगते ही आफताब उगलेगा हर राज

इस इंजेक्शन का केमिकल है खास… नार्को टेस्ट में इसके लगते ही आफताब उगलेगा हर राज

नई दिल्ली:श्रद्धा हत्याकांड में आरोपी आफताब पूनावाला के नार्को टेस्ट से पहले मंगलवार पॉलीग्राफ टेस्ट किया गया। आफताब के पॉलीग्राफ टेस्ट के बाद बुधवार यानी आज दिल्ली के रोहिणी इलाके में बाबा साहब अंबेडकर अस्पताल में नार्को टेस्ट किया जाएगा। नार्को टेस्ट के जरिए पुलिस आफताब से सच उगलवाने की कोशिश करेगी। नार्को टेस्ट में मस्तिष्क की तरंगों, पल्स रेट और ब्लड प्रेशर को रेकॉर्ड किया जाता है। नार्को टेस्ट शुरू करने से पहले आफताब को ट्रूथ ड्रग दी जाएगी। ट्रूथ ड्रग इसे सच उगलवाने की दवा के तौर पर जाना जाता है। यह दवा इंसान के दिमाग को प्रभावित करती हैं और झूठ बोलने से रोकती है। ट्रूथ ड्रग में सोडियम पेंटोथल नाम का केमिकल होता है और जैसे ही यह शरीर में प्रवेश करता है इंसान बेहोशी की हालत में चला जाता है। हालांकि यह इसके डोज पर निर्भर करता है। सर्जरी के वक्त भी इस दवा का प्रयोग किया जाता है। सोडियम पेंटोथल क्या है, इसके साइड इफेक्ट क्या हैं और यह कब प्रयोग किया जा सकता है।

सोडियम पेंटोथल का इंजेक्शन लगाने के बाद कैसा महसूस होता है

सोडियम पेंटोथल का इंजेक्शन जब लगाया जाता है तब इंसान बेहोशी की हालत में चला जाता है। नार्को टेस्ट में इसका डोज उतना ही रखा जाता है कि वह पूरी तरह बेहोश न हो। इंजेक्शन का डोज इतना लगाया जाता है कि वह अर्धबेहोशी की हालत में रहे। इसके बाद सवाल पूछे जाने का सिलसिला शुरू होता है। अर्धबेहोशी की हालत में झूठ तैयार कर पाने में इंसान नाकाम रहता है। ट्रूथ ड्रग का चलन 1920 में आया। इन दवाओं का इस्तेमाल सीआईए, पुलिस और नाजी जासूसों ने पहले किया। पूछताछ के अलावा अब भी इसका प्रयोग दवाओं के तौर पर भी होता है। सोडियम थियोपेंटल इसको सोडियम पेंटोथल के नाम से भी जाना जाता है। साल 2007 में नई दिल्ली पुलिस ने मोनिंदर सिंह पंढेर और उसके नौकर सुरेंद्र कोहली को यह दवा दी थी। दोनों पर नोएडा में बच्चों के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या करने का आरोप था।

दवा के तौर पर पेंटोथल इंजेक्शन का प्रयोग
दवा के तौर पर पेंटोथल इंजेक्शन का प्रयोग होता है। पेंटोथल इंजेक्शन में घटक के तौर पर थियोपेंटल सोडियम होता है। पेंटोथल इंजेक्शन का प्रयोग बेहोशी की दवा एनेस्थीसिया बनाने के लिए किया जाता है। एनेस्थीसिया नाम सुनते ही दिमाग में सर्जरी की बात चलती है। इसका प्रयोग इंट्राकेनियल प्रेशर को कम करने के लिए किया जाता है। पेंटोथल इंजेक्शन हॉस्पिटल में डॉक्टरों की मौजूदगी में हेल्थकेयर प्रोफेशनल की ओर से दिया जाता है। इस इंजेक्शन को लगाने से पहले विशेष देखभाल की आवश्यकता होती है। इस दवा के सेवन से इंसान को आराम से नींद आ जाती है। इस दवा का प्रयोग दर्द से राहत, बेहोश करने, मांसपेशियों को आराम देने और ब्लड प्रेशर को कम करने में भी इस्तेमाल किया जाता है।

पेंटोथल का क्या है साइड इफेक्ट

यदि किसी को अस्थमा या कार्डियोवैस्कुलर बीमारी है तो पेंटोथल इंजेक्शन के इस्तेमाल से पहले डॉक्टरों को यह बात पता होनी चाहिए। इस दवा को ऐसे मरीजों को देते वक्त खास सावधानी की जरूरत होती है। इस इंजेक्शन के प्रयोग से दर्द, मिचली और उल्टी जैसी समस्या हो सकती है। इस दवा को लेने के बाद शराब न पीने के सलाह दी जाती है। इस दवा के प्रयोग से सुस्ती बनी रहती है। कई बार इसके प्रयोग से त्वचा पर निशान भी दिखाई पड़ते हैं। जिस किसी को भी यह दवा दी जाती है उसे गाड़ी नहीं चलाने को कहा जाता है। इंजेक्शन वाली जगह पर कई बार लाल निशान दिखाई पड़ता है।

कई बार खतरनाक हो जाता है इसका प्रयोग
ज्यादा खुराक लेने से इंसान की जान भी जा सकती है। कई सिलेब्रिटी जैसे मर्लिन मुनरो, जुडी गारलैंड और जिमी हेंड्रिक्स की इसकी वजह से मौत हो गई। साल 2011 से पहले तक अमेरिका में इसे बेहोश करने वाली दवा के तौर पर प्रयोग किया जाता लेकिन उसके बाद अमेरिका में इसके इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई। 2011 में ही इस दवा को बनाने वाली कंपनी ने इसके प्रोडक्शन पर रोक लगा दी। कंपनी को डर था कि इटली में सरकार मौत की सजा देने में इसका इस्तेमाल कर सकती है। यह कंपनी इस दवा की एकमात्र सप्लायर थी और जब उसने प्रोडक्शन बंद किया तो अमेरिका में भी इसके इस्तेमाल को बंद करना पड़ा।

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