इंश्योरेंस के नाम पर नोएडा में चल रहा था फर्जी कॉल सेंटर, STF ने किया भंडाफोड़

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इंश्योरेंस के नाम पर नोएडा में चल रहा था फर्जी कॉल सेंटर, STF ने किया भंडाफोड़

हाइलाइट्स:

  • एसटीएफ ने नोएडा में चल रहे एक ऐसे कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया है
  • कानपुर के डॉक्टर से कर चुके थे एक करोड़ की ठगी
  • विभिन्न इंश्योरेंस कम्पनियों के ग्राहको को फोन करके देते थे प्रलोभन
  • फर्जी कॉल सेंटर का संचालक पहले करता था इंश्योरेंस कंपनियों में काम

निशिकांत त्रिवेदी, लखनऊ
उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स के लखनऊ मुख्यालय ने नोएडा में चल रहे एक ऐसे कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया है जो काफी दिनों से विभिन्न इंश्योरेंस कम्पनियों के नाम पर लोगों को ठगी का शिकार बना रहा था। फर्जी कॉल सेंटर का संचालक पहले इंश्योरेंस कंपनी में ही काम करता था वहीं से उसने लोगों का डाटा एकत्र किया फिर इंश्योरेंस कम्पनी का अधिकारी बनकर ठगी करने लगा। बताया गया कि यूपी एसटीएफ को लगातार ऐसी सूचनाएं मिल रही थीं कि विभिन्न इंश्योरेस कम्पनियों के ग्राहकों के साथ फोन करके प्रलोभन देकर ठगी की जा रही है। इसके चलते एसटीएफ के अपर पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार सिसोदिया के नेतृत्व में टीम का गठन किया गया था वहीं साइबर टीम भी सक्रिय हो गयी। इसी दौरान औरैया में एक व्यक्ति ने इंश्योरेंस के नाम पर ठगी का मुकदमा भी दर्ज करा दिया।

औरैया में दर्ज हुए मुकदमे से मिले सुराग
एसटीएफ टीम ने औरैया में दर्ज हुए मुकदमे की छानबीन शुरू की तो साइबर की मदद से नोएडा के बी 113 में फर्जी कॉल सेंटर चलने की जानकारी हुई। जानकारी होते ही उप निरीक्षक पंकज सिंह के नेतृत्व में धर्मेन्द्र सिंह, रणविजय सिंह व अन्य की एक टीम नोएडा के लिये रवाना हो गयी। एसटीएफ ने पहले फर्जी कॉल सेंटर संचालक दिलशाद को गिरफ्तार किया। दिलशाद ने पूछताछ में बताया कि वह पहले इंडिया इन्फोलाइन और श्रीधर इंश्योरेंस ब्रोकिंग कम्पनी में टेलीकालर के पद पर काम कर चुका है।

बड़ी पॉलिसी वालों का चुराया था डेटा
इंश्योरेंस कम्पनियों में काम करते वक्त ही दिलशाद ने ग्राहकों का डेटा चुराया और फिर 2020 से अपने द्वारा बनाये गये फर्जी काल सेन्टर में इसका उपयोग करने लगा। जिन ग्राहको की बड़ी पॉलिसी होती थी उनका डेटा तैयारकर उन्हें भ्रमित कर फर्जी स्कीम बताकर ठगी करता था। कभी कमीशन तो कभी अधिक बोनस दिलवाने की बात कहता था, यही नही पैसे रिफंड कराने के नाम पर बैंक मैनेजर, इन्श्योरेंस आफिसर, आरबीआई का चीफ जनरल मैनेजर भी बन जाता था। पूछताछ में उसने बताया कि कानपुर के एक डाक्टर से लगभग 1 करोड़ रुपये की ठगी की थी। एसटीएफ ने बताया कि यह गिरोह अब तक कई करोड़ की ठगी कर चुका है, रिमांड में लेकर बाद में भी पूछताछ की जाएगी। पकड़ा गया दिलशाद बदांयू का रहने वाला है जबकि उसका साथी अर्जुन समस्तीपुर, बिहार का निवासी है।

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