इंदिरा गांधी की रिहाई के लिए दो भक्‍तों ने किया था प्‍लेन हाईजैक, बाद में इनाम में मिली विधायकी

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इंदिरा गांधी की रिहाई के लिए दो भक्‍तों ने किया था प्‍लेन हाईजैक, बाद में इनाम में मिली विधायकी

इंदिरा गांधी की रिहाई के लिए दो भक्‍तों ने किया था प्‍लेन हाईजैक, बाद में इनाम में मिली विधायकी


लखनऊ: नेताओं को लेकर कार्यकर्ताओं की दीवानगी कांग्रेस के समय से चली आ रही है। साल 1978 में कांग्रेस के दो वर्कर्स ने जो किया था, उसे सुनकर आज किसी को भी भरोसा नहीं होगा। आज से 45 साल पहले भोलानाथ पांडे और देवेंद्र पांडेय ने एक हवाई जहाज हाईजैक (Indian Airlines Plane Hijacks) कर लिया था। उनकी मांग थी कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) को बिना शर्त पुलिस हिरासत से रिहा कर दिया जाए। हाईजैक के इस पूरे ड्रामे का क्‍लाइमेक्‍स यह था कि जिस पिस्‍टल और बम के दम पर हवाई जहाज को अगवा किया गया था वह बच्‍चों के खेलने का खिलौना थे।

हुआ यह था कि इमरजेंसी के बाद इंदिरा गांधी सरकार धड़ाम हो गई। प्रधानमंत्री बने जनता पार्टी के मोरार जी देसाई, गृहमंत्री थे चौधरी चरण सिंह। इनके आदेश पर इंदिरा गांधी को अक्‍टूबर 1977 में अरेस्‍ट कर लिया गया। 20 दिसंबर 1978 को लखनऊ एयरपोर्ट से आईसी 410 ने दिल्‍ली के लिए उड़ान भरी। कुछ देर बाद उसमें बैठे दो युवकों ने जबरन कॉकपिट में घुसकर पायलट के सिर पर पिस्‍तौल तान दी।

इन दोनों का नाम था भोलानाथ पांडे (27) और देवेंद्र पांडेय (28)। दोनों ने पायलट कैप्‍टेन एमएन बत्‍तीवाला से डिमांड की कि प्‍लेन को नेपाल ले जाया जाए। जब पायलट ने कहा कि हवाई जहाज में इतना ईंधन नहीं है तो दोनों ने बांग्‍लदेश जाने की मांग की। बाद में दोनों वाराणसी में लैंड करने पर राजी हो गए।

उनकी मांग मान ली गई, प्‍लेन वाराणसी की ओर चल पड़ा। दोनों किडनैपर्स ने यात्रियों के बीच पहुंचकर ‘इंदिरा गांधी जिंदाबाद’ और ‘संजय गांधी जिंदाबाद’ के नारे लगाए। उन्‍होंने कहा कि उनकी बात यूपी के सीएम राम नरेश यादव से करवाई जाए। पीएम मोरारजी देसाई के कहने पर राम नरेश यादव सरकारी प्‍लेन से वाराणसी पहुंचे।

उनके सामने अपहरणकर्ताओं ने चार मांगें रखीं। इनमें से पहली थी कि इंदिरा गांधी को बिना शर्त जेल से रिहा कर दिया जाए। भोलानाथ और देवेंद्र पांडेय ने कहा कि सीएम प्‍लेन में आएं। वहीं सीएम ने राम नरेश यादव ने कहा, पहले विदेशियों और महिला यात्रियों को रिहा किया जाए।

दोनों ओर से वार्ता रात भर चली पर कोई हल न निकला। अब प्‍लेन के यात्रियों को हवाई जहाज के अंदर घुटन महसूस होने लगी। उनकी डिमांड पर अपहरणकर्ताओं ने प्‍लेन के पिछले हिस्‍से को खोलने की इजाजत दे दी। इस पर कैप्‍टेन बत्‍तीवाला ने इमरजेंसी गेट खोल दिए जिनमें दरवाजों से गद्दों की तरह इमरजेंसी पैराशूट नीचे गिर जाते हैं। आधे से ज्‍यादा यात्री फौरन प्‍लेन से भाग निकले।

इतने में एक अपहरणकर्ता के पिता वाराणसी एयरपोर्ट पर पहुंचे और बेटे से वायरलैस पर बात की। पिता से बात करते ही किडनैपर्स के हौसले टूट गए और वे चुपचाप पुलिस के साथ प्‍लेन से बाहर आ गए। पुलिस ने जब उन्‍हें अरेस्‍ट किया तो हैरान थी कि हथ‍ियार के नाम पर उनके पास खिलौने वाली पिस्‍टल और क्रिकेट की बॉल थी।

वक्‍त बदला। दो साल बाद साल 1980 में इंदिरा गांधी सत्‍त्‍ता में आईं और दोनों को विधायकी का टिकट दिया। दोनों अपनी-अपनी विधानसभा से जीत कर सदन पहुंचे। भोला पांडे भोला बलिया से दो बार विधायक रहे। एक बार साल 1980 से 1985 तक और दूसरी बार 1989 से 1991 तक। देवेंद्र पांडेय दो बार सुलतानपुर से विधायक चुने गए। उन्‍होंने 1980 और 1985 के विधानसभा चुनाव जीते, लेकिन 1989 के चुनाव में हार गए। देवेंद्र पांडेय कांग्रेस के प्रदेश महासचिव भी रहे थे।

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