आरी से काटकर शव के 35 टुकड़े, बदबू न आए इसलिए छिड़कता था परफ्यूम, तस्वीरों से समझिए श्रद्धा के कातिल आफताब का खूनी खेल
शव के टुकड़ों को फेंकने के लिए लिया 15 दिन का समय
पुलिस पूछताछ में आरोपी ने बताया कि उसने श्रद्धा के शव के 35 टुकड़े किए। इसके बाद इन टुकड़ों को छतरपुर एन्क्लेव इलाके के जंगलों, यहां श्मशान घाट के पास नाले के पास दो जगह, एमबी रोड के पास 100 फुटा रोड और धान मिल कंपाउड के पीछे टुकड़े फेंके। शव के टुकड़ों को फेंकने के लिए इसने 15 दिन से अधिक का समय लिया। शाम और देर रात में जब इसे सही मौका मिलता था, यह बैग में शव के टुकड़ों को भरकर ठिकाने लगाने निकल जाता था।
आफताब ने क्यों की श्रद्धा की हत्या
पुलिस पूछताछ में आरोपी आफताब आलम ने ने बताया कि वह दोनों मुंबई से पहले मार्च-अप्रैल महीने में हिल स्टेशन घूमने गए थे। फिर अप्रैल के अंतिम दिनों में वह यहां महरौली इलाके में आए। जहां मई के पहले सप्ताह में उन्होंने छतरपुर पहाड़ी की गली नंबर-1 में एक कमरे का फ्लैट किराए पर लिया। यहां 18 मई की रात को उसने श्रद्धा की गला दबाकर हत्या कर दी। इसके बाद शव को आरी से काटकर धीरे-धीरे उसे ठिकाने लगा दिया।
बदबू न आए इसलिए छिड़कता था पर्फ्यूम
आफताब ने श्रद्धा के शव के 35 टुकड़े करने के लिए बाजार से एक आरी खरीदी थी। शव के टुकड़ों को पैक करने के लिए पॉलिथीन भी खरीदकर लाया। बदबू ना आए, इसके लिए इसने 300 लीटर वाला फ्रिज भी खरीदा। जिसमें पॉलिथीन में पैक शव के तमाम टुकड़ों को रख दिया। बदबू को रोकने के लिए घर में अगरबत्ती और परफ्यूम भी छिड़कने लगा।
कैसे पकड़ा गया आफताब
पुलिस ने 12 नवंबर को आफताब को गिरफ्तार किया। इस दौरान वह गुरुग्राम में जॉब करता रहा। किसी को इसके उपर शक नहीं हुआ। यह किसी से अधिक बोलता भी नहीं था। फ्लैट 9 हजार रुपये महीने के किराए पर लिया गया था। जिसका समय से यह किराया दे देता था। पुलिस ने इसे इसके मोबाइल फोन की लोकेशन और अन्य तकनीकी मदद से पकड़ा। पुलिस का कहना है कि इसे अपने किए पर कोई अधिक पछतावा नहीं है। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि क्या इससे पहले भी किसी और की भी हत्या या अन्य कोई अपराध तो नहीं किया।
पुलिस कराएगी नार्को टेस्ट
पुलिस का कहना है कि वह आरोपी का नार्को टेस्ट कराएगी। इसके लिए कोर्ट से इजाजत मांगी जा रही है। अब तक श्रद्धा के शव की 15 हड्डियां बरामद हुई हैं। लेकिन यह सब सुनिश्चित करने के लिए शव के मिले टुकड़ों का भी डीएनए टेस्ट कराया जाएगा, ताकि इस बात का मिलान किया जा सके कि बरामद हड्डियां और शव का अन्य हिस्सा श्रद्धा के शव का ही है या फिर किसी और का।
दोनों पहले मुंबई के कॉल सेंटर में करते थे काम
पुलिस तफ्तीश में पता लगा है कि दोनों पहले मुंबई के एक कॉल सेंटर में काम करते थे। दिल्ली आने पर आफताब गुरुग्राम के एक कॉल सेंटर में काम करने लगा। श्रद्धा भी अपने लिए जॉब ढूंढ रही थी। पुलिस का कहना है कि आफताब श्रद्धा से शादी करने की बात कहता था, लेकिन दोनों को अभी शादी करनी थी, इस बात को लेकर फिलहाल आफताब ने कुछ नहीं कहा है। उसने पुलिस को बताया है कि हत्या की मुख्य वजह दोनों का एक-दूसरे पर शक करना रहा। जिसके चलते आए दिन दोनों के बीच झगड़ा हो जाता था। दोनों कई बार एक-दूसरे का मोबाइल भी चेक करते थे। बाहर जाने पर लोकेशन भी मंगाकर यह देखते थे। शव को काटते वक्त आफताब तेज आवाज में म्यूजिक बजाता था। शव काटने के बाद उसने पूरा फर्श धो दिया। पड़ोसियों का कहना है कि उन्होंने बस एक बार इसके साथ लड़की को देखा था, फिर नहीं देखा। उन्होंने सोचा कि कोई दोस्त होगी। 18 मई के बाद से उन्होंने लड़की को नहीं देखा।
अलग-अलग धर्म होने पर जताया था विरोध
श्रद्धा के पिता विकास मदन(59) ने बताया कि वह अपनी मां के साथ पालघर महाराष्ट्र में रहते हैं। वह इलेक्ट्रॉनिक्स आइटमों की सेल एंड सर्विस का काम करते हैं। उनकी पत्नी सुमन मदन की मृत्यु 23 जनवरी 2020 में हो गई थी। इसके बाद से ही वह अपने बच्चों से अलग अपनी मां के साथ रह रहे हैं। परिवार में 27 साल की बेटी श्रद्धा के अलावा 23 साल का बेटा है। उन्होंने बताया कि 2018 में श्रद्धा ने मुंबई के एक कॉल सेंटर में जॉब करना शुरू किया था। वहां आफताब भी काम करता था। 8-9 महीने बाद पता लगा कि श्रद्धा और आफताब रिलेशन में हैं। उन्होंने बेटी से दूसरे धर्म में शादी करने को लेकर विरोध किया था, लेकिन उनकी बेटी नहीं मानी थी। वह घर से यह कहकर आफताब के साथ रहने लगी कि मैं आज से आपकी बेटी नहीं। श्रद्धा के दोस्तों से परिजनों को पता लगा कि पहले यह दोनों नया गांव और फिर वसाई महाराष्ट्र में रहते थे। बीच-बीच में श्रद्धा अपने परिवार से बात करती थी। उसने बताया था कि आफताब उससे मारता-पीटता है। इससे परेशान होकर वह घर आ भी गई थी। लेकिन आफताब के माफी मांगने पर वह फिर उसके साथ चली गई। फिर उनकी श्रद्धा से कई महीनों तक बात नहीं हुई।