आरपीजी हमला : पंजाब की विपक्षी पार्टियों ने ‘आप’ सरकार पर हमला बोला, मान से मांगा इस्तीफा

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आरपीजी हमला : पंजाब की विपक्षी पार्टियों ने ‘आप’ सरकार पर हमला बोला, मान से मांगा इस्तीफा

आरपीजी हमला : पंजाब की विपक्षी पार्टियों ने ‘आप’ सरकार पर हमला बोला, मान से मांगा इस्तीफा

चंडीगढ़, 10 दिसंबर (भाषा) पंजाब में तरन-तारन जिले के एक पुलिस थाने पर रॉकेट संचालित ग्रेनेड (आरपीजी) से हुए हमले के बाद राज्य की विपक्षी पार्टियों ने शनिवार को मुख्यमंत्री भगवंत मान के इस्तीफे की मांग की। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी (सरकार) की कानून व्यवस्था संभालने में ‘उदासीनता’ का यह ‘प्रत्यक्ष नतीजा’ है।

शुक्रवार देर रात प्रक्षेपास्त्र दागा गया, जो जिले में अमृतसर-बठिंडा राजमार्ग पर स्थित सरहाली पुलिस थाने से लगे सांझ केंद्र पर गिरा। गत सात महीने में पंजाब में इस तरह की यह दूसरी घटना है। इससे पहले मई में मोहाली स्थित पंजाब पुलिस के खुफिया इकाई के मुख्यालय पर भी रॉकेट संचालित ग्रेनेड दागा गया था।

शिरोमणि अकाली दल (शिअद) प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने शनिवार को कहा कि आरपीजी हमला ‘आप’ सरकार की कानून व्यवस्था को संभालने के प्रति ‘उदासीनता का प्रत्यक्ष नतीजा’है। उन्होंने मुख्यमंत्री भगवंत मान से स्थिति की गंभीरता समझने और ठोस कदम उठाने को कहा।

बादल ने ट्वीट किया, ‘‘गत छह महीने में यह दूसरी बार है जब पंजाब में पुलिस की इमारत पर रॉकेट लांचर से हमला किया गया। यह आप सरकार की कानून व्यवस्था संभालने के प्रति उदासीनता का प्रत्यक्ष नतीजा है। वह राज्य में नार्को आतंकवाद को फिर से बढने दे रही है। भगवंत मान को स्थिति की गंभीरता को समझना चाहिए और ठोस कदम उठाने चाहिए।’’

शिअद नेता दलजीत सिंह चीमा ने कानून व्यवस्था संभालने में ‘नाकाम’ होने को लेकर मान से इस्तीफे की मांग की।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के महासचिव तरुण चुघ ने आरोप लगाया कि ‘आप’ सरकार कानून व्यवस्था कायम रखने में पूरी तरह से असफल हुई है।

आरपीजी हमले और हाल में जालंधन में कपड़ा व्यापारी की हत्या का संदर्भ देते हुए चुघ ने कहा कि मान को अपनी जिम्मेदारी का निवर्हन करने में ‘नाकाम’ होने पर राज्य की जनता से माफी मांगनी चाहिए।

चुघ ने कहा कि अगर मान सीमावर्ती राज्य की कानून व्यवस्था को संभाल नहीं सकते तो अपने पद से इस्तीफा दे दें।

कांग्रेस की पंजाब इकाई के अध्यक्ष अमरिंद सिंह राजा वडिंग ने घटना को ‘ गंभीर’ करार दिया।

उन्होंने ट्वीट किया,‘‘अशुभ संकेत है और बहुत गंभीर मामला है। शांति के दुश्मनों को पुलिस थानों पर हमले की हिम्मत हो गई है। यह पंजाब के लिए ठीक नहीं है। हमें आतंकवाद के खिलाफ मिलकर लड़ना होगा। केंद्र और राज्य की सरकार को पहल करनी चाहिए। इस तरह के खतरों को हल्के में नहीं लें।’’

गौरतलब है कि राज्य सरकार सात दिसंबर को जालंधन में कपड़ा व्यापारी की हत्या और अन्य आपराधिक घटनाओं को लेकर पहले ही विपक्ष के निशाने पर है।

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