आयुष्मान-सौभाग्य योग में लगी पुण्य की डुबकी | Magh poornima in jabalpur | Patrika News

12
आयुष्मान-सौभाग्य योग में लगी पुण्य की डुबकी | Magh poornima in jabalpur | Patrika News

आयुष्मान-सौभाग्य योग में लगी पुण्य की डुबकी | Magh poornima in jabalpur | Patrika News


माघ पूर्णिमा पर नर्मदा तटों पर पहुंचे श्रद्धालु

जबलपुर. एक माह के कल्पवास के बाद रविवार को सूर्योदय के साथ ही नर्मदा में पुण्य की डुबकी लगाने वालों की भीड़ पहुंचने लगी। ठंडी हवाओं के बीच मात् नर्मदे हर, हर हर शंभू के बोलों से भगवान का अभिषेक पूजन होने लगा। पंडों पुजारियों ने यजमानों का विधि विधान से माघ व्रत पूर्ण कराते हुए पारायण कराया। माघी पूर्णिमा के साथ ही माघ माह का समापन हो गया। संस्कारधानी के नर्मदा तटों भेड़ाघाट, ग्वारीघाट और तिलवाराघाट के अलावा अन्य पवित्र घाटों पर भक्तों की भीड़ थी। लोग स्नान करने सपिरवार पहुंचे और दान पुण्य कर परिवार की सुख समृद्धि की कामना की।
रविवार को पूर्णिमा तिथि पर आयुष्मान व सौभाग्य योग बना। इन्हीं दोनों योगों में माघ स्नान व व्रत पारायण किया गया। उल्लेखनीय है कि जीवनदायिनी मां नर्मदा में माघ माह का कल्पवास करने बड़ी संख्या में लोग पहुंचे थे। जिन्होंने रविवार को विधि विधान से अपना कल्पावास पूर्ण कर स्नान पूजन किया। शास्त्रों के अनुसार मान्यता है कि माघ पूर्णिमा को नर्मदा सहित पवित्र नदी में स्नान करने से फल की प्राप्ति होती है।
बांटी खिचड़ी
नर्मदा तट ग्वारीघाट समेत अन्य घाटों में कल्पवास पूर्ण करने पहुंचे साधु संतों व श्रद्धालुओं को भोजन आदि कराना भी पुण्य कार्य माना जाता है। इसी मान्यता के चलते कई परिवार व समाजसेवी व्रतधारियों व श्रद्धालुओं को भोजन कराने पहुंचे। उन्होंने खिचड़ी, सब्जी-पुड़ी, हलवा आदि का भोग कराया और उनकी सेवा कर दान भी दिया।
फाल्गुन शुरू
माघ माह के समापन के बाद सोमवार से फाल्गुन माह भी शुरू हो जाएगा। एक माह तक विभिन्न तीज त्योहारों के साथ प्रमुख देवी देवताओं की जयंती व व्रत आदि भी पड़ेंगे। फाल्गुन को शास्त्रों में उत्साह, खुशी व उमंगों का महीना माना जाता है।
नशामुक्ति का लिया संकल्प
भेड़ाघाट स्थित हरे कृष्ण आश्रम में माघ पूर्णिमा पर रविवार को 391वीं नर्मदा पंचकोसी परिक्रमा निकाली गई।
इस दौरान राधा रानी को छप्पन भोग लगाए गए। सभी श्रद्धालु हाथ में नर्मदे हर का ध्वज लेते हुए जयकारा करते हुए आगे बढ़ रहे थे। परिक्रमा हरे कृष्णा आश्रम भेड़ाघाट से पंचवटी ,चौंसठ योगिनी, धुआंधार, गोपालपुर,लम्हेटा घाट से नाव से पार कर इमलिया न्यू भेड़ाघाट सरस्वती घाट आई।
वहीं, हरे कृष्णा आश्रम भेड़ाघाट में विशाल भंडारे के साथ बद्रीनाथ धाम से पूजित गोमती चक्र का वितरण हुआ।
एक माह से कल्पवास में भागवत की अमृतधारा बरसा रहे पंडित मनमोहन दुबे, आश्रम के संस्थापक स्वामी रामचंद्र महाराज, शरद अग्रवाल, योगेंद्र दुबे के नेतृत्व में नशा मुक्ति का संकल्प लिया गया।

उमध्यप्रदेश की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Madhya Pradesh News