आप हर्जाना लेने में पीछे, इसलिए आपका हक डकार रही बिजली कंपनियां | You are behind in taking damages, so the power companies are claime | Patrika News

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आप हर्जाना लेने में पीछे, इसलिए आपका हक डकार रही बिजली कंपनियां | You are behind in taking damages, so the power companies are claime | Patrika News

समस्या—————शिकायत दर्ज
नो करंट (बिजली बंद)— 24.42 लाख
वोल्टेज समस्या— 85 हजार
मीटर में खराबी— 1.29 लाख
बिलिंग समस्या— 2.53 लाख
(तीनों डिस्कॉम की स्थिति) जागरुक नहीं तो हक मारते रहेंगे जिम्मेदार
उपभोक्ता हर्जाने लेने के लिए सक्रिय नहीं है और जो हर्जाना मांगने के लिए पहुंचते हैं उन्हें टरकाया जाता रहा है। क्योंकि इससे डिस्कॉम्स को दो तरह से नुकसान है। एक आर्थिक भार बढ़ेगा और दूसरा उस पर सेवा दोष का टैग लगेगा। इससे संबंधित अधिकारी की परफोर्मेंस पर भी सवाल खड़े होते हैं।

तय समय में समाधान नहीं तो आपको हर्जाना लेने का हक
1. वोल्टेज वेरिएशन— एलटी लाइन के लिए 150 रुपए व एचटी के लिए 450 रुपए
2. आपूर्ति में रुकावट— बेंचमार्क से अधिक 5 रुपए प्रति व्यवधान
3. आपूर्ति आउटेज अवधि— बेंचमार्क से अधिक 5 रुपए प्रति घंटा
4 . मीटर टेस्टिंग— एलटी लाइन के लिए 200 रुपए, एचटी के लिए 500 रुपए, ईएचडी के 1 हजार रुपए
5. मीटर की वजह से नो करेंट शिकायत— एलटी के लिए 200 रुपए, एचटी के लिए 500 रुपए, ईएचडी के 1 हजार रुपए
6. मीटर की शिफ्टिंग— एलटी लाइन के लिए 75 रुपए, एचटी के लिए 150 रुपए, ईएचडी के 300 रुपए
7. सर्विस लाइन की शिफ्टिंग— एलटी लाइन के लिए 75 रुपए, एचटी के लिए 150 रुपए
8. नया कनेक्शन, अतिरिक्त पॉवर रिलीज करना— एलटी के लिए 300 रुपए, एचटी के लिए 750 रुपए, ईएचडी के 1500 रुपए
9. आॅनरशिप ट्रांसफर या श्रेणी में परिवर्तन— एलटी के लिए 75 रुपए, एचटी के लिए 150 रुपए, ईएचडी के 300 रुपए
10. बिलिंग शिकायत समाधान— एलटी के लिए 75 रुपए, एचटी के लिए 150 रुपए, ईएचडी के 300 रुपए
11. सप्लाई का डिस्कनेक्शन— एलटी के लिए 75 रुपए, एचटी के लिए 150 रुपए, ईएचडी के 300 रुपए
12. नोड्यूज सर्टिफिकेट जारी करना— एलटी लाइन के लिए 500 रुपए, एचटी के लिए 1 हजार रुपए, ईएचडी के 2 हजार रुपए
13. काटे गए कनेक्शन की आपूर्ति बहाल करना— एलटी लाइन के लिए 500 रुपए, एचटी के लिए 1 हजार रुपए, ईएचडी के 2 हजार रुपए
14. बिल वितरण — एलटी लाइन के लिए 25 रुपए, एचटी के लिए 50 रुपए, ईएचडी के 75 रुपए
(डिस्कॉम्स के लिए सुधार की समय सीमा तय है और इसके बाद उपभोक्ता को हर्जाना लेने का हक)

आप यह करें
1. राज्य विद्युत विनियामक आयोग ने एसओपी (स्टेंडर्ड आॅफ परफोर्मेंस फोर डिस्ट्रीब्यूशन लाइसेंस) जारी की हुई है। इसमें उपभोक्ताओं के हित से जुड़े प्रावधान हैं। इसकी पूरी जानकारी लें। डिस्कॉम्स की वेबसाइट पर एसओपी उपलब्ध है।
2. निर्धारित प्रोफार्मा में आवेदन करें। नो करंट की शिकायत, मीटर के कारण बिजली आपूर्ति में व्यवधान सहित कुछ मामलों में शिकायत की भी जरूरत नहीं। डिस्कॉम को स्वत: ही सेवादोष मानते हुए उपभोक्ता को अगले बिल में तय हर्जाना क्रेडिट करना होता है।
3. हर्जाना राशि क्रेडिट नहीं होने पर उपभोक्ता डिस्कॉम में अपील करेगा। वहां भी बात नहीं बनी तो विद्युत विनियामक आयोग जा सकता है।



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