आपातकाल के दौरान लालू प्रसाद यादव को लेकर उड़ी एक अफवाह, राबड़ी देवी रोने लगीं, जेपी दुखी हो गए, जानिए पूरा मामला

15
आपातकाल के दौरान लालू प्रसाद यादव को लेकर उड़ी एक अफवाह, राबड़ी देवी रोने  लगीं, जेपी दुखी हो गए, जानिए पूरा मामला

आपातकाल के दौरान लालू प्रसाद यादव को लेकर उड़ी एक अफवाह, राबड़ी देवी रोने लगीं, जेपी दुखी हो गए, जानिए पूरा मामला

रामाकांत चंदन: आपातकाल के दौरान बिहार आंदोलन का केंद्र था। तरीका बदल -बदल विरोध का नजारा दिखने को मिलता। इस विरोध प्रदर्शन के बीच एक अचंभित करने वाली खबर बड़ी तेजी से फैली। अफवाह ये थी कि आंदोलन के चर्चित युवा नेता लालू प्रसाद की मौत हो गई है। आन्दोलन को तो जैसे काठ मार क्या? सभी स्तब्ध। लोकनायक भी दुखी। तब लालू प्रसाद की बड़ी स्वीकृति छात्र नेता के रूप में थी। आंदोलन का आधार ही छात्र थे। जेपी आंदोलन से देश को कई ऐसे नेता मिले जिन्होंने राजनीति की लंबी पारी खेली। शिवानंद तिवारी, नीतीश कुमार,सुशील मोदी,रविशंकर प्रसाद ,अरुण सिन्हा इसी आंदोलन की उपज है।

छात्र नेता लालू प्रसाद

इंदिरा गांधी के समय में लगाया गया आपातकाल ने बिहार को राजनीति की एक नई पौध दी। लालू प्रसाद आपातकाल के विरोध के बाद चर्चित हुए और इस आंदोलन ने लालू यादव की सियासत को बेस प्रदान किया। यही से राजनीत की ड्राइविंग सीट पर लालू प्रसाद बैठे। लोकनायक जयप्रकाश नारायण के आंदोलन में सक्रिय रहने वाले लालू प्रसाद को ले कर अचानक अफवाह फैली कि सेना की पिटाई में उनकी मौत हो गई।

Land for job scam case: लालू यादव की बड़ी बेटी मीसा भारती की बढ़ी मुश्किलें, दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में पूछताछ

आंदोलन और लालू

लालू प्रसाद छात्र राजनीति के कारण लोकनायक के चहेते बने। लोकनायक जयप्रकाश नारायण ने आप्तकाल के विरोध हुंकार भरी तो लालू प्रसाद भी उनके साथ हो लिए। कहते हैं कि आंदोलन के दौरान पुलिस की लाठियां खाईं, गिरफ्तार होकर जेल भी गए। एक बार तो लालू प्रसाद यादव की मौत की अफवाह से सनसनी मच गई थी। छात्र सभी सड़कों पर उतर आए। लालू प्रसाद बतौर जाने माने नेता में शुमार किए जाने लगे। उधर, सरकार तो इस आंदोलन को कुचलने पर आमादा थी। उसने आंदोलनकारियों के खिलाफ सेना को उतार दिया। उस दिन सेना ने आंदोलनकारियों को जमकर पीटा था। इस घटना के बाद यह अफवाह फैल गई कि सेना की पिटाई से बुरी तरह घायल लालू की मौत हो गई है। बाद में लालू के सामने आने के बाद मामला शांत हुआ।

navbharat times -Bihar News: ‘राजनीति में मतभेद ठीक लेकिन मनभेद नहीं’, अरसे बाद लालू के करीब बैठकर पप्पू यादव ने की बातचीत

मीसा का नामकरण

लालू प्रसाद जब आंदोलनरत थे तो उस समय उनकी पत्नी राबड़ी देवी गर्भवती थी। उग्र आंदोलन के कारण 1975 में लालू को आंतरिक सुरक्षा कानून यानी मीसा (MISA) के तहत गिरफ्तार किया गया था। जेल के अंदर ही थे तो लालू प्रसाद को पुत्री रत्न की प्राप्ति हुई। बेटी का जब नामकरण होने लगा तो लालू ने बेटी का नाम ‘मीसा’ रख दिया। इस संदर्भ में वे कहते है कि मीसा नाम इसलिए रखा कि जेपी आंदोलन को याद करके आगे की राजनीति की डगर पर चलेंगे। हालांकि होनी को कौन टाल सकता है। आज लालू प्रसाद कंधे से कंधा मिला कर उसी कांग्रेस के साथ चल रहे हैं जिसके विरुद्ध अपनी राजनीति को कभी धार दी थी।

बिहार की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Delhi News