आपने बीजेपी के इस कद्दावर नेता को पहचाना? सड़कों पर चाचा चौधरी बनकर साबू के साथ आए नजर

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आपने बीजेपी के इस कद्दावर नेता को पहचाना? सड़कों पर चाचा चौधरी बनकर साबू के साथ आए नजर

आपने बीजेपी के इस कद्दावर नेता को पहचाना? सड़कों पर चाचा चौधरी बनकर साबू के साथ आए नजर


इंदौर: मध्यप्रदेश के इंदौर जिले में हर साल हास्य कवि सम्मलेन एवं बजरबट्टू शोभायात्रा का आयोजन किया जाता है। इस कार्यक्रम के लिए बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय चाचा चौधरी के अवतार में नजर आएं। कैलाश विजयवर्गीय के इस रूप को देखकर उनको पहचानना मुश्किल हो रहा है। कैलाश विजयवर्गीय का यह फोटो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है औऱ लोग इसमें तरह तरह-तरह के कमेंट करते नजर आ रहे हैं। कैलाश विजयवर्गीय के साथ बीजेपी नेता जीतू जराती साबू के गेटअप में दिखाई दे रहे हैं। बता दें कि इंदौर में पिछले 16 सालों से निकल रही बजरबट्टू फाग यात्रा में कैलाश विजयवर्गीय हर साल अलग-अलग अंदाज में नजर आते हैं।

इंदौर में रंग पंचमी के एक दिन पहले हास्य कवि सम्मलेन एवं बजरबट्टू शोभायात्रा निकाली जाती है। जिसमे बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय नए अवतार (हमशक्ल) किरदार रख कर बग्गी पर बैठ कर भ्रमण करते हैं। उसके बाद कवि सम्मलेन का आयोजन होता है। शोभायात्रा में कैलाश विजयवर्गीय कभी सुभाषचंद्र बोस, कभी चाणक्य, स्वामी विवेकानंद, भगवान विष्णु और सचिन तेंदुलकर का गेटअप कर चुके हैं। इस बार कैलाश विजयवर्गीय चाचा चौधरी के रूप में थे।

साबू के गेटअप में थे जीतू जराती
हर शोभायात्रा में कैलाश विजयवर्गीय के साथ उनके खास माने जाने वाले प्रदेश उपाध्यक्ष जीतू जिराती भी नए गेटअप में होते है। इस बार भी जीतू जिराती, साबू के गेटअप में थे। हजारों लोगों की मौजूदगी में विजयवर्गीय ट्राले पर चाचा चौधरी के गेटअप में थिरकते नजर आए।
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क्या कहा कैलाश विजयवर्गीय ने
अपने चाचा चौधरी वाले लुक के बारे में विजयवर्गीय ने मीडिया से चर्चा में कहा कि इस बार मैं ग्रामीण क्षेत्र के बुजुर्ग के किरदार में हूं। जिसके पास अनुभव का पूंजी है। ग्रामीण क्षेत्र के बुजुर्गों को सम्मान प्रदान करने के लिए आज मैं चाचा चौधरी का किरदार निभा रहा हूं। मेरे साथ ‘साबू’ के रूप में जीतू जिराती भी हैं। शहर के लोग गांव वालों को कम करके आंकते हैं। उनको लगता है कि ये तू मूर्ख हैं। वास्तव में गांवों में ही सबसे ज्यादा टैलेंट है। भारतीय क्रिकेट टीम को आप देखें तो आधे से ज्यादा नौजवान ग्रामीण क्षेत्र से ही हैं। मैं और जीतू भाई ये जो किरदार अदा कर रहे हैं, वो ग्रामीण क्षेत्र के लोगों और बुजुर्गों को सम्मान देने के लिए ही कर रहे हैं। आज भले ही हम कम्प्यूटर युग में हैं, लेकिन हमारे पास बुजुर्गों वाला अनुभव नहीं है।
रिपोर्ट- संजय कुमार

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