आपके ‘बाल’ किसी के चेहरे पर लाएंगे मुस्कान, एम्स में पहली बार हेयर डोनेशन ड्राइव

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आपके ‘बाल’ किसी के चेहरे पर लाएंगे मुस्कान, एम्स में पहली बार हेयर डोनेशन ड्राइव

नई दिल्लीः आपने देखा होगा कि कैंसर के मरीजों के बाल इलाज के दौरान अक्सर गिर जाते हैं। कीमोथैरेपी व कुछ अन्य थैरेपी की वजह से ऐसा होता है। इसके चलते मरीजों में निराशा भी आ जाती है, लेकिन अब एम्स ऐसे मरीजों की जिंदगी में खुशियां लाने की कोशिश कर रहा है। एम्स के इतिहास में आज पहली बार हेयर डोनेशन ड्राइव चलाई जा रही है, जहां लोग आकर अपने कुछ इंच बाल डोनेट कर सकते है और कैंसर मरीजों के चेहरे पर मुस्कान ला सकते हैं।

इस प्रोग्राम को एम्स नर्सिंग कॉलेज और जॉइन टूगेदर ट्रस्ट मिलकर कर रही है। नर्सिंग कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. लता वेंकेटेशन का कहना है कि इस तरह की ड्राइव पहली बार चलाई जा रही है कि लोगों को हेयर डोनेशन के लिए कहा जाए। इस ड्राइव में हम डोनर से 10 से 12 इंच तक हेयर डोनेट करने को कहेंगे, लेकिन अगर वह इतने नहीं करना चाहता, तो 7 से 8 इंच तक डोनेट कर सकता है। इससे कैंसर मरीजों की विग बनाने में काफी मदद मिलेगी। अभी कीमोथैरेपी व अन्य कुछ थैरेपी ऐसी हैं, जिनकी वजह से बाल झड़ जाते हैं। बाल झड़ने के बाद लोग सम्मानपूर्वक नहीं जी पाते हैं। वह खुद ही बालों के बारे में सोच-सोचकर परेशान होते रहते हैं। ऐसे लोगों को विग बनाकर देने से उनकी जिंदगी में खुशियां लौट आएंगी।

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वहीं जॉइन टूगेदर ट्रस्ट के फाउंडर अमित कुमार कहते हैं कि लोग चार से पांच लाख रुपये खर्च करके सर्जरी करवा लेते हैं, लेकिन जब उसके बाद कीमोथैरपी आदि दी जाती हैं, तो उनके बाल झड़ जाते हैं। करीब 90 प्रतिशत केस में ऐसा होता है। खासकर महिलाओं को बाल झड़ने के बाद करीब एक साल तक घर के अंदर ही रहना पड़ता है। वह बाहर आने-जाने से कतराती हैं। कई मामले ऐसे भी देखे हैं, जो कैंसर से तो ठीक हो गए लेकिन बाल झड़ने की वजह से स्यूसाइड तक करने की कोशिश करते हैं। ऐसे लोगों की जिंदगी में खुशियां लाना इस ड्राइव का मकसद है। बाहर यदि किसी अच्छी कंपनी की विग ली जाए तो उसकी कीमत 15 से 20 हजार रुपये होती है इसलिए हर मरीज विग नहीं खरीद पाता। हेयर डोनेशन ड्राइव में जो लोग हेयर डोनेट करेंगे, उनके बालों से विग बनाकर कैंसर मरीजों को मुफ्त में दी जाएगी।

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फिलहाल एम्स के मरीजों को मिलेगी सुविधा
जिन कैंसर मरीजों का इलाज एम्स में चल रहा है, फिलहाल यह सुविधा उनके लिए ही होगी। एक व्यक्ति से कम से कम 7 से 8 इंच हेयर डोनेशन ली जाएगी। अमित कुमार का कहना है कि एम्स में आज तक इस तरह की ड्राइव नहीं चलाई गई। एम्स के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है। एक व्यक्ति अगर 7 से 8 इंच बाल डोनेट करता है, तो एक पुरुष की विग बनाने के लिए कम से कम पांच लोगों के बाल लगेंगे और महिला की विग बनाने के लिए 25 से 30 महिलाओं के बाल चाहिए होंगे। आज अच्छी डोनेशन होती है, तो 25 से 30 दिन बाद विग बनकर तैयार हो जाएगी और फिर कैंसर के जरूरतमंद मरीजों में उसे बांटा जाएगा।

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