आठवीं के बच्चे हाईस्कूल व प्लसटू का करेंगे अकादमिक भ्रमण

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आठवीं के बच्चे हाईस्कूल व प्लसटू का करेंगे अकादमिक भ्रमण

आठवीं के बच्चे हाईस्कूल व प्लसटू का करेंगे अकादमिक भ्रमण

राज्य के प्रारंभिक विद्यालयों की कक्षा 8 के बच्चे नजदीक के सरकार या निजी हाईस्कूल-प्लसटू का अकादमिक भ्रमण करेंगे। समग्र शिक्षा के तहत ट्वीनिंग ऑफ स्कूल के तहत उनकी यह यात्रा होगी। इस दौरान बच्चे माध्यमिक-उच्च माध्यमिक विद्यालय की पढ़ाई समेत तमाम श्रेष्ठ कार्यों को (बेस्ट प्रैक्टिसेज) को समझेंगे। शिक्षा विभाग के बिहार शिक्षा परियोजना परिषद ने प्रदेशभर के आठवीं कक्षा वाले करीब 9000 स्कूलों को ट्वीनिंग ऑफ स्कूल योजना के तहत चिन्हित किया है। इन स्कूलों के 40-40 बच्चे अपने 2-2 शिक्षकों के साथ इस अकादमिक टूर पर जायेंगे। इसके लिए प्रति विद्यालय 2000 रुपए दिये गये है। बीईपी ने जिलावार सूची भेजकर ट्वीनिंग ऑफ स्कूल योजना का लाभ लेने वाले स्कूलों की संख्या के मुताबिक कुल 1.80 करोड़ जिलों को उपलब्ध भी करा दिए हैं।

शिक्षा सचिव सह बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के राज्य परियोजना निदेशक असंगबा चुबा आओ ने ‘ट्वीनिंग ऑफ स्कूल के तहत बच्चों को सीखने में सक्षम बनाने के उद्देश्य से इस अकादमिक यात्रा को सफलतापूर्वक क्रियान्वित करने के लिए सभी जिलों के डीईओ को विस्तृत निर्देश दिए हैं। उन्हें अगस्त और सितम्बर में इस गतिविधि को पूर्ण करने को कहा गया है। बकौल असंगबा 8वीं वाले सभी प्रारंभिक विद्यालयों का चयन करते हुए उन्हें निकटतम माध्यमिक-उच्च माध्यमिक विद्यालय के साथ सम्बद्ध किया जाएगा। स्वीकृत 2000 रुपए के व्यय के लिए जिले 30 जुलाई तक विद्यालयों की सूची बीईपी को देंगे। प्रारंभिक विद्यालयों के शिक्षक नजदीक के हाईस्कूल-प्लसटे के हेडमास्टर से संपर्क कर ट्वीनिंग ऑफ स्कूल के लिए तिथि निर्धारित करेंगे। इस योजना के लिए उपलब्ध दो हजार रुपए को बच्चों के अल्पाहार, स्टेशनरी, आकस्मिकता आदि पर खर्च होंगे।

अकादमिक यात्रा पर इन चीजों को देखेंगे बच्चे

एकेडमिक टूर पर हाईस्कूल-प्लसटू गये बच्चे स्मार्ट क्लास, प्रयोगशाला, पुस्तकालय, कॉमन रूम आदि तथा इनके उपयोग के अलावा उस विद्यालय के बेस्ट प्रैक्टिसेज को देखेंगे। उस विद्यालय के यूथ, इको क्लब, बाल संसद एवं वर्ग मॉनिटर से संवाद करेंगे। मेजबान स्कूल अपने अभिनव व सर्वोत्तम प्रथाओं की प्रदर्शनी लगायेंगे। खेल या सांस्कृतिक गतिविधियां, वाद-विवाद, भाषण आदि का आयोजन होगा। स्वच्छता, पेयजल की व्यवस्था आदि भी देखेंगे। चेतना सत्र में विद्यार्थियों के बीच परिचय का आदान-प्रदान होगा। यात्रा से लौटने के बाद बच्चे डायरी लेखन करेंगे तथा प्रारंभिक विद्यालय के अन्य बच्चों से अपना अनुभव साझा करेंगे।

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