आगरा निकाय चुनाव: वोटर लिस्ट से गायब हुए हजारों मतदाताओं के नाम, पार्षदों की नहीं सुन रहे अफसर

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आगरा निकाय चुनाव: वोटर लिस्ट से गायब हुए हजारों मतदाताओं के नाम, पार्षदों की नहीं सुन रहे अफसर

आगरा निकाय चुनाव: वोटर लिस्ट से गायब हुए हजारों मतदाताओं के नाम, पार्षदों की नहीं सुन रहे अफसर

आगरा: नगर निकाय चुनाव के लिए जारी किए नए परिसीमन ने पार्षदों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। तमाम वार्डों के मतदाताओं को नई वोटर लिस्ट में शिफ्ट किया गया है। इससे पार्षदों का गणित बिगड़ गया है। अब वे प्रशासनिक अधिकारियों के पास वोटर लिस्ट से बाहर हुए अपने मतदाताओं को जोडऩे के लिए अफसरों चक्कर काट रहे हैं। पार्षदों का कहना है कि निर्वाचन कार्य में लगे अधिकारियों की लापरवाही से उनके वार्ड के हजारों लोगों के नाम हट गए हैं जबकि वे 30-35 वर्षों से निकाय चुनाव में वोट करते चले आ रहे हैं।

आगरा नगर निगम सीमा में अब 100 वार्ड हैं। वर्ष 2017 के निकाय चुनाव में 90 वार्डों के लिए चुनाव हुआ था। 10 नये वार्ड के बढ़ाए जाने से वार्डों में आने वाली तमाम कालोनियों के हजारों मतदाता इधर से उधर शिफ्ट हो गए हैं। निर्वाचन कार्य में लगीं एडीओ निर्मला फौजदार का कहना है कि करीब शिफ्टिंग में 9-10 वार्ड प्रभावित हो गए हैं। जिनमें सिकंदरा के वार्ड संख्या 88 केके नगर, सोहल्ला वार्ड, दहतोरा वार्ड में परेशानियां आयीं हैं। राज्य निर्वाचन आयोग ने नामाकंन के अंतिम दिन तक मतदाताओं के नाम जोडऩे की अनुमति दी है अगर किसी का नाम वोटर लिस्ट में नहीं है तो वे अपना नाम लिस्ट में जुड़वा सकता है।

पार्षद का ही नाम सूची से गायब

वार्ड 96 (अब 88) के प्रताप सिंह गुर्जर का कहना है कि वे वर्तमान में पार्षद हैं। उनका नाम मतदाता सूची से गायब है। उनके साथ उनकी पत्नी पूर्व पार्षद रजनी गुर्जर का भी नाम सूची में नहीं है। उनके परिवार के सभी लोगों के नाम वार्ड की सूची में नहीं है। इस बारे उन्होंने कई बार शिकायतें की हैं, लेकिन अधिकारी उनकी सुनवाई नहीं कर रहे हैं।

कई कॉलोनियां हुई वार्ड से गायब

सिकंदरा के केके नगर वार्ड 88 के निवासी हर्ष तिवारी का कहना है कि उन्होंने पिछले निकाय चुनाव में वोट किया था, लेकिन इस बार उनका नाम सूची से गायब है। उनके परिवार के 9 लोगों के वोट सूची में नहीं हैं। सिकंदरा की दुर्गा कालोनी के रहने वाले रविंद्र शर्मा का कहना है कि करीब 30-35 वर्षों से वे निकाय चुनाव में वोटिंग करते आए हैं। उनके वार्ड की वोटर लिस्ट में उनका नाम नहीं है। स्थानीय पार्षद प्रताप सिंह का कहना है कि वार्ड 88 से गायत्री नगर, कृष्णा कालोनी, महादेव नगर, बाई का बाजार, शिवा कुंज आदि कालोनियों के हजारों मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से गायब हैं।

अंतिम दिन तक जुड़ सकते हैं नाम
राज्य निर्वाचन आयोग के नये आदेश के अनुसार किसी वार्ड में अगर मतदाता का नाम नहीं है तो रजिस्ट्रीकरण अधिकारी उक्त व्यक्ति का नाम सूची में जोड़ सकते हैं। यह प्रक्रिया नामाकंन के अंतिम तिथि तक की जा सकती है।

रिपोर्टः सुनील साकेत

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