आंवला मुरब्बा से अपनी और गांव वालों की तकदीर बदल रही दिव्यांग महिला

124
आंवला मुरब्बा से अपनी और गांव वालों की तकदीर बदल रही दिव्यांग महिला


आंवला मुरब्बा से अपनी और गांव वालों की तकदीर बदल रही दिव्यांग महिला

aditya.pujan | नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated: Dec 8, 2022, 9:09 PM

Embed

पन्नाः मध्य प्रदेश में पन्ना जिले के एक छोटे से गांव की भगवती यादव आंवला के मुरब्बों से आत्मनिर्भरता की इबारत लिख रही हैं। दहलान चौकी गांव की रहने वाली भगवती यादव 60 साल की हैं। वे एक पैर से दिव्यांग हैं, लेकिन मुरब्बा बनाने के हुनर ने उन्हें न सिर्फ कमाई का जरिया दिया है बल्कि एक नई पहचान भी दिलाई है। भगवती की कामयाबी से गांव की अन्य महिलाएं भी स्वावलंबी बनने की राह पर चलने के लिए प्रेरित हुई हैं। सड़क के किनारे टेबल पर आंवला मुरब्बा के पैक डिब्बे रखकर वह उनकी बिक्री करती हैं। दूर-दूर से लोग उनका देशी मुरब्बा खरीदने आते हैं। घर के पास टेबल पर सजी इस दुकान से ही कई क्विंटल मुरब्बा बिक जाता है।



Source link