अहंकारी नीतीश का नाश तय; CM बनने में मदद करने पर अफसोस, प्रशांत किशोर का बड़ा बयान
ऐप पर पढ़ें
बिहार में जहरीली शराब से हुई मौतों पर चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर बड़ा बयान दिया है। पीके ने कहा कि मुझे अफसोस है कि मैंने 2014-15 में नीतीश कुमार को सीएम बनने में मदद की थी। आज वे जहरीली शराब से हुई मौतों पर हंस रहे हैं और कह रहे हैं कि जो पिएगा वो मरेगा ही। ऐसे अहंकारी व्यक्ति का नाश निश्चित है।
बिहार में जनसुराज पदयात्रा कर रहे प्रशांत किशोर ने जहरीली शराब से कई लोगों की मौत पर सीएम नीतीश के बयान को असंवेदनहीन बताया। उन्होंने शुक्रवार को शिवहर जिले में मीडिया को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री पर जमकर निशाना साधा। पीके ने कहा कि उन्होंने सीएम नीतीश कुमार का जहरीली शराब त्रासदी पर बयान देखा। मुझे अफसोस है कि 2014-15 में मैंने नीतीश कुमार की सीएम बनने में मदद की थी।
प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि मैं जिस नीतीश कुमार को जानता था, ये वो थे जिन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में रेल मंत्री रहते हुए पीएम के न कहने पर भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया था, क्योंकि ट्रेन हादसे में लोगों की मौतें हुई थी। वही नीतीश कुमार आज कोरोना काल में हजारों लोग मर गए। लाखों लोग पैदल चलकर कष्ट में रहे। मगर ये अपने बंगले से बाहर नहीं निकले। वही नीतीश कुमार आज अकारण जहरीली शराब से हुई मौतों पर हंस रहे हैं और कह रहे हैं कि जो पियेगा वो मरेगा। ऐसे असंवेदनशील और अहंकारी व्यक्ति का नाश निश्चित है।
इससे पहले पीके ने एक सभा को संबोथित करते हुए कहा था कि 2014-15 के नीतीश कुमार और 2022 के नीतीश में जमीन-आसमान का फर्क है। राजनेता, इंसान और प्रशासक के तौर पर उनमें बहुत अंतर आ गया है। 2014 में जब लोकसभा चुनाव हारे तो उन्होंने अपना पद छोड़ दिया था। 2020 में जब जेडीयू चुनाव हारी, उसकी सीटें कम आईं तो भी वे कैसे न कैसे जुगत लगाकर मुख्यमंत्री बने हुए हैं।
बिहार में जहरीली शराब से अब तक लगभग 80 मौतें
बिहार में शुक्रवार शाम तक जहरीली शराब से करीब 80 लोगों की मौत हो गई। सबसे ज्यादा छपरा में 73 लोगों की जान गई है। इसके अलावा सीवान में पांच और बेगूसराय में भी एक शख्स की मौत हुई। कई लोगों की आंखों की रोशनी चली गई है। कुछ लोग गंभीर हालत में छपरा और पटना के अस्पतालों में भर्ती हैं। मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है।
80 महीने में शराबबंदी से नीतीश और बिहार को कितना फायदा और नुकसान ?
सीएम नीतीश का मुआवजे से इनकार, बोले- जो पियेगा वो मरेगा
दूसरी ओर, सीएम नीतीश कुमार ने विधानसभा में अपने संबोधन के दौरान कहा कि बिहार में शराबबंदी है। इसके बावजूद अगर कोई शराब पीकर मर रहा है, तो क्या कर सकते हैं। जो पियेगा वो मरेगा ही। शराब बुरी चीज है। जहरीली शराब बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।
बिहार की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Delhi News
बिहार में जहरीली शराब से हुई मौतों पर चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर बड़ा बयान दिया है। पीके ने कहा कि मुझे अफसोस है कि मैंने 2014-15 में नीतीश कुमार को सीएम बनने में मदद की थी। आज वे जहरीली शराब से हुई मौतों पर हंस रहे हैं और कह रहे हैं कि जो पिएगा वो मरेगा ही। ऐसे अहंकारी व्यक्ति का नाश निश्चित है।
बिहार में जनसुराज पदयात्रा कर रहे प्रशांत किशोर ने जहरीली शराब से कई लोगों की मौत पर सीएम नीतीश के बयान को असंवेदनहीन बताया। उन्होंने शुक्रवार को शिवहर जिले में मीडिया को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री पर जमकर निशाना साधा। पीके ने कहा कि उन्होंने सीएम नीतीश कुमार का जहरीली शराब त्रासदी पर बयान देखा। मुझे अफसोस है कि 2014-15 में मैंने नीतीश कुमार की सीएम बनने में मदद की थी।
प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि मैं जिस नीतीश कुमार को जानता था, ये वो थे जिन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में रेल मंत्री रहते हुए पीएम के न कहने पर भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया था, क्योंकि ट्रेन हादसे में लोगों की मौतें हुई थी। वही नीतीश कुमार आज कोरोना काल में हजारों लोग मर गए। लाखों लोग पैदल चलकर कष्ट में रहे। मगर ये अपने बंगले से बाहर नहीं निकले। वही नीतीश कुमार आज अकारण जहरीली शराब से हुई मौतों पर हंस रहे हैं और कह रहे हैं कि जो पियेगा वो मरेगा। ऐसे असंवेदनशील और अहंकारी व्यक्ति का नाश निश्चित है।
इससे पहले पीके ने एक सभा को संबोथित करते हुए कहा था कि 2014-15 के नीतीश कुमार और 2022 के नीतीश में जमीन-आसमान का फर्क है। राजनेता, इंसान और प्रशासक के तौर पर उनमें बहुत अंतर आ गया है। 2014 में जब लोकसभा चुनाव हारे तो उन्होंने अपना पद छोड़ दिया था। 2020 में जब जेडीयू चुनाव हारी, उसकी सीटें कम आईं तो भी वे कैसे न कैसे जुगत लगाकर मुख्यमंत्री बने हुए हैं।
बिहार में जहरीली शराब से अब तक लगभग 80 मौतें
बिहार में शुक्रवार शाम तक जहरीली शराब से करीब 80 लोगों की मौत हो गई। सबसे ज्यादा छपरा में 73 लोगों की जान गई है। इसके अलावा सीवान में पांच और बेगूसराय में भी एक शख्स की मौत हुई। कई लोगों की आंखों की रोशनी चली गई है। कुछ लोग गंभीर हालत में छपरा और पटना के अस्पतालों में भर्ती हैं। मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है।
80 महीने में शराबबंदी से नीतीश और बिहार को कितना फायदा और नुकसान ?
सीएम नीतीश का मुआवजे से इनकार, बोले- जो पियेगा वो मरेगा
दूसरी ओर, सीएम नीतीश कुमार ने विधानसभा में अपने संबोधन के दौरान कहा कि बिहार में शराबबंदी है। इसके बावजूद अगर कोई शराब पीकर मर रहा है, तो क्या कर सकते हैं। जो पियेगा वो मरेगा ही। शराब बुरी चीज है। जहरीली शराब बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।