असल में कौन है गोल्ड डिगर? सुष्मिता सेन पर कीचड़ उछालने से पहले अपनी गिरेबान में झांक लीजिए

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असल में कौन है गोल्ड डिगर? सुष्मिता सेन पर कीचड़ उछालने से पहले अपनी गिरेबान में झांक लीजिए


असल में कौन है गोल्ड डिगर? सुष्मिता सेन पर कीचड़ उछालने से पहले अपनी गिरेबान में झांक लीजिए

यूट्यूब में हजारों ऐसे प्रैंक विडियोज़ भरे पड़े हैं जिनके कैप्शन में लिखा होता है गोल्ड डिगर प्रैंक या क्या वो गोल्ड डिगर लड़की है। इनमें अक्सर कोई लड़का महंगी सी कार चलाते हुए एक ऐसी सड़क से गुजरता है, जहां किनारे किनारे एक लड़की पैदल चल रही है या खड़ी हुई है। वह उसे घूमने का लालच देते हुए लिफ्ट ऑफर करता है, वह पहले मना करती है, लेकिन फिर वह अपनी बड़ी महंगी सी कार और पर्स में पड़े पैसे दिखाता है, तो लड़की उसके साथ चलने को राजी हो जाती है। जैसे ही वह कार में बैठने लगती है, तो वह लड़का उसे गोल्ड डिगर लड़की बोलकर गरियाते हुए कार दौड़ा लेता है। पहले ऐसे विडियोज विदेश में लोग बनाया करते थे, अब अपने देश के धुरंधर भी गोल्ड डिगर प्रैंक विडियोज़ बनाने में जुटे हैं।

क्या होता है गोल्ड डिगर का मतलब
गोल्ड डिगर। ऑक्सफर्ड डिक्श्नरी के मुताबिक इसका मतलब होता है, ऐसा व्यक्ति जो शुद्ध रूप से पैसे ऐंठने की खातिर रिश्ते बनाता है। खासतौर पर महिलाएं जो अमीर व्यक्ति के करीब आने लगती हैं या उनसे शादी करके ऐसा करती हैं, ताकि उनका सामाजिक और आर्थिक स्टेटस बढ़ जाए। ये अर्थ है गोल्ड डिगर का डिक्शनरी के हिसाब से। लड़कियों को लालची गोल्ड डिगर बोलकर छोटे रील्स और विडियोज़ में उनका मजाक उड़ाने वाला समाज शायद अपने गिरेबान में झांकना भूल गया। अपने यहां तो शादी की नींव ही रुपये पैसे और गोल्ड के दम पर टिकी हुई होती है। लड़का पढ़ा लिखा हो या अनपढ़, बस आपके घर में लड़का पैदा होना चाहिए, ताकि आप लड़की वालों से अंधाधुंध और नाजायज पैसे की मांग करें। जितना मांगा है उतना ना मिले तो रिश्ता कैंसल और फिर तलाश दूसरे रिश्ते की, जहां लूटपाट मचा सकें। अपने देश में तो ये सैकड़ों सालों से होता आया है, जहां गोल्ड डिगर लड़का और उसके परिवार वाले होते हैं। और लड़की वाले उन्हें अपनी जीवन भर की कमाई, पैसा, सोना और चांदी देकर रिश्ता करते हैं।

गोल्ड डिगिंग ये होती है असल मायने में
अलग- अलग इलाकों में लड़कों के रेट तक तय हैं कि डॉक्टर लड़का इतने करोड़ दहेज लेगा, इंजीनियर इतने। जितने तोला सोना आप अपनी बेटी को दोगे, उतने दिन वो आपकी बेटी को चैन से जीने देंगे। पैसे की ये भूख शादी के बाद भी खत्म नहीं होती और लड़की को बार- बार उसके मायके गोल्ड डिग करने यानी पैसा लाने के लिए भेजा जाता है। अगर वह उनकी ये मांगें न पूरी कर पाए, तो उसे प्रताड़ित किया जाता है, जला दिया जाता है, तलाक लेकर दूसरी जगह गोल्ड डिगिंग की जाती है।

देश का नाम रोशन करने वाली सुष्मिता
1961 में दहेज निषेध कानून बन चुका है, इसके अलावा 498 A के तहत दहेज के सताए जाने पर कैद और जुर्माने का प्रावधान है। इसके बावजूद ताजा आंकड़े कहते हैं कि आज भी देश में हर घंटे में एक महिला की दहेज प्रताड़ना के कारण हत्या की जाती है। ये उतना आंकड़ा है जितने लोग थाने में जाकर रिपोर्ट लिखाने की हिम्मत या हैसियत रख पाते हैं। असल संख्या इतनी ज्यादा है, जो कहीं दर्ज नहीं हो पाती। ऐसा समाज लड़कियों को गोल्ड डिगर कहकर प्रैंक विडियोज किस मुंह से बना लेता है, ये सोचने लायक है। और खासकर सुष्मिता सेन (Sushmita Sen) जैसी अचीवर लड़कियों के लिए ऐसे शब्दों का प्रयोग जिन्होंने दुनिया भर में देश का नाम रोशन ही किया है। सुष्मिता ने अपनी पोस्ट के जरिए ऐसे ट्रोल्स के मुंह पर तमाचा जड़ा है।


Sushmita Sen के सपोर्ट में उतरे एक्स-बॉयफ्रेंड विक्रम भट्ट, बोले- वो पैसों की नहीं प्यार की भूखी
सुश के अलावा बॉलिवुड में न जाने कितनी हीरोइनें हैं
साथ ही उनके बॉयफ्रेंड रह चुके बॉलिवुड डायरेक्टर विक्रम भट्ट ने सुश के बचाव में कहा कि पैसों के रिश्ते बनाने वाली सुष्मिता दुनिया की आखिरी इंसान होंगी। उन्होंने बताया कि बॉयफ्रेंड्स से पैसे लेना, तो दूर सुश ने कई बार उनको पैसों से सपोर्ट किया है। सुश के अलावा बॉलिवुड में न जाने कितनी हीरोइनें हैं, जिन्हें कहा जाता रहा है कि उन्होंने पैसों के लिए फलां से शादी कर ली या फलाने को फंसा लिया। और ऐसा कहने वाला समाज वही है, जो अपनी शादियों में लड़की वालों से लाखों रुपये का दहेज लेकर ब्याह रचाने की परंपरा में पल बढ़ रहा है। ये असली गोल्ड डिगर शायद इसलिए कानून बनने के बावजूद आज भी ऐसा कर पाने में इसलिए समर्थ हैं, क्योंकि पीड़ित लड़की वाले इनके बिकाऊ बेटों की शादियों पर उस लेन देन का रियल गोल्ड डिगर प्रैंक विडियो नहीं बनाते। चुपचाप अपना लाखों करोड़ों का सोना चांदी, पैसा और अपनी अनमोल बेटी का भविष्य इनके हाथों में सौंप देते हैं।





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