अव्यवस्थाओं की भेंट चढ़ा शपथ विधि समारोह… पर सादगी से जीता महापौर ने दिल | Miss Management in the oath ceremony of the mayor | Patrika News

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अव्यवस्थाओं की भेंट चढ़ा शपथ विधि समारोह… पर सादगी से जीता महापौर ने दिल | Miss Management in the oath ceremony of the mayor | Patrika News

अव्यवस्थाओं की भेंट चढ़ा शपथ विधि समारोह… पर सादगी से जीता महापौर ने दिल | Miss Management in the oath ceremony of the mayor | Patrika News

नगर निगम चुनाव परिणाम के 19 दिन बाद शुक्रवार को महापौर भार्गव और पार्षदों का शपथ विधि समारोह रखा गया था। पहले मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान आने वाले थे लेकिन तबीयत खराब होने की वजह से नहीं आए। उनके बदले नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा इंदौर पहुंचे। मुख्यमंत्री के न आने की खबर लगने के बाद वैसे ही माहौल में थोड़ी मायूसी थी लेकिन नगर भाजपा की मेहनत काम आ गई। हर पार्षद को भीड़ लेकर पहुंचने की जिम्मेदारी दी गई थी, जिसकी वजह से खेल प्रशाल खचाखच भर गया था। तीनों तरफ की गैलरी हाउसफुल थी।

कार्यक्रम की शुरुआत में राष्ट्रभक्ति का एक गीत हुआ, जिसने मौजूद लोगों में जोश भरने का काम किया। बाद में राष्ट्रगीत हो गया। यहां तक सबकुछ ठीक था लेकिन सीधे महापौर की शपथ करवा दी गई, जिसके बाद 65 पार्षदों को भी बुला लिया गया। जैसे ही पार्षदों की शपथ हुई, वैसे ही भीड़ ने वहां से निकलना शुरू कर दिया। जैसेजैसे विधानसभावार पार्षद शपथ ले रहे थे, उस क्षेत्र की गैलरी से लोग गायब हो रहे थे। धीरे-धीरे पूरी गैलरी खाली हो गई।

बाद में बात आई महापौर भार्गव के भाषण की तो हॉल में लोग मौजूद थे। जब मंत्री बोलना शुरू हुए तो पीछे के हिस्से से वे भी जाने लग गए। आखिर में जब प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा बोलने को खड़े हुए तो पीछे का हिस्सा भी बहुत कुछ खाली हो चुका था। सामने की तरफ जहां पार्षद व उनके परिजन बैठे थे, वही हिस्सा भरा हुआ था। कुल मिलाकर निगम की योजना पूरी तरह से फ्लॉप साबित हुई। ऐसा लग रहा था कि किसी कमजोर खिलाडी़ ने कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की थी।

अनपेक्षित घूम रहे थे मंच पर
कार्यक्रम के दौरान मंच पर कई ऐसे लोग भी चढ़ गए, जो अपेक्षित नहीं थे लेकिन उन्हें हटाने वाला कोई नहीं था। बकायदा वे घूम कर अपनी झांकी कर नेतागीरी की दुकान चला रहे थे। वहीं, भरे कार्यक्रम में कई लोग मंच पर भार्गव का स्वागत करने भी चढ़ गए।

उस्मान ने दिखाई आस्था
भाजपा के 64 पार्षदों के साथ में खजराना से निर्दलीय पार्षद बनी जमीला पटेल ने भी शपथ ली। इसके साथ उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि आज भी उनका परिवार भाजपा के साथ ही है। हालांकि पार्टी ने पार्षद व उनके पति पूर्व पार्षद उस्मान पटेल को वापस लेने का फैसला नहीं किया है। वे सीएए के दौरान पार्टी छोडऩे के फैसले की माफी भी मांगकर घर वापसी की गुहार लगा चुके हैं।

पार्षदों को नहीं मिला सम्मान
शपथ विधि समारोह जितना महत्वपूर्ण महापौर के लिए था, उतना ही पार्षदों के लिए भी था। पार्षदों के साथ दोयम दर्जे का व्यवहार किया गया। उन्हें मंच के ठीक सामने दूसरी पक्तियों में बैठाया गया। बकायदा उनके लिए सोफे पर क्रम बनाए गए थे। सबसे आगे वीवीआईपी लोगों को जगह दी गई, जिसमें कई अनपेक्षित लोग बैठे नजर आए। पार्षद परिवार के सदस्यों को भी ठीक से नहीं बैठा पाए। होना ये था कि मंच के पीछे की तरफ दो-तीन पं€ितयां बना कर उनकी कुर्सी भी लगाई जाती।



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