अमेरिकी वित्त मंत्री ने समान मूल्य वाले देशों से संबंधों को मजबूत करने पर जोर दिया

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अमेरिकी वित्त मंत्री ने समान मूल्य वाले देशों से संबंधों को मजबूत करने पर जोर दिया

अमेरिकी वित्त मंत्री ने समान मूल्य वाले देशों से संबंधों को मजबूत करने पर जोर दिया

नयी दिल्ली, 11 नवंबर (भाषा) अमेरिकी वित्त मंत्री जेनेट येलेन ने अपनी पहली भारत यात्रा के दौरान व्यापार और निवेश को महत्वपूर्ण बताते हुए ‘फ्रेंडशोरिंग’ की वकालत की। ‘फ्रेंडशोरिंग’ का अर्थ है कि समान मूल्यों और संस्थानों वाले देशों के बीच व्यापार को बढ़ावा देना। माना जा रहा है कि विनिर्माण के क्षेत्र में चीन की भूमिका को कम करने के लिए अमेरिका यह पहल कर रहा है।

येलेन ने दिल्ली के नजदीक माइक्रोसॉफ्ट इंक के संयंत्र में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि अमेरिका-भारत स्वाभाविक सहयोगी हैं और दोनों देश बाकी दुनिया को दिखा सकते हैं कि अस्थिरता और युद्ध के बावजूद लोकतंत्र अपने नागरिकों के लिए अच्छी तरह से काम कर सकता है।

उन्होंने कहा, ‘‘लंबे समय से दुनियाभर के देश महत्वपूर्ण सामान के लिए जोखिम भरे देशों या एक स्रोत पर अत्यधिक निर्भर रहे हैं।’’ उन्होंने आगे कहा, ‘‘हम भारत जैसे भरोसेमंद व्यापारिक भागीदारों के साथ सक्रिय रूप से आर्थिक एकीकरण को मजबूत कर रहे हैं।’’

अमेरिकी वित्त मंत्री ने ‘फ्रेंडशोरिंग’ की अवधारणा को पेश करते हुए कहा कि दोनों देश एक ऐसी दुनिया में अपनी आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत बनाने की इच्छा रखते हैं, जहां कुछ सरकारें इसका इस्तेमाल एक भू-राजनीतिक हथियार के रूप में करती हैं।

उन्होंने कहा कि हाल के व्यवधानों से दोनों देशों में कीमतें बढ़ी हैं और आर्थिक उत्पादन प्रभावित हुआ है। उन्होंने रूस के यूक्रेन पर हमले के बाद ऊर्जा और जिंस कीमतों में हुई बढ़ोतरी का सीधा जिक्र किए बिना यह बात कही।

येलेन ने कहा कि अमेरिका उन देशों से दूरी बना रहा है, जो हमारी आपूर्ति श्रृंखला के लिए भू-राजनीतिक और सुरक्षा जोखिम पैदा करते हैं।

अमेरिका जैसे देश सब कुछ खुद नहीं बना सकते हैं और इसलिए अब वहां इस बात पर जोर दिया जा रहा है कि आपूर्ति श्रृंखला बनाते समय रणनीतिक सहयोगियों का पक्ष लिया जाए।

येलेन ने अमेरिकी कंपनी फर्स्ट सोलर इंक द्वारा तमिलनाडु में एक विनिर्माण संयंत्र बनाने की योजना और एप्पल इंक के कुछ आइफोन विनिर्माण को चीन से भारत में लाने की योजना के बारे में भी बताया।

उन्होंने कहा, ‘‘समान मूल्य वाले संबंध देशों के एक विशेष क्लब तक सीमित नहीं है। हम उन देशों के बड़े समूह के साथ जुड़ना चाहते हैं, जिनपर हम भरोसा कर सकते हैं। इसमें विकासशील देश और उन्नत अर्थव्यवस्थाएं समान रूप से जुड़ेंगी।’’

येलेन ने कहा, ‘‘अमेरिका, भारत के साथ अपने व्यापार और वाणिज्यिक संबंधों को मजबूत बनाना जारी रखेगा।’’

उन्होंने कहा कि एशिया से यूरोपीय संघ के क्षेत्रों में नई आपूर्ति श्रृंखला विकसित हो रही है। इस बात के संकेत मिल रहे हैं कि पश्चिमी कंपनियां चीन से परे अपनी आपूर्ति श्रृंखलाओं में विविधता ला रही हैं।

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