अमेरिकन खेल का देसी स्टार, जिद-जुनून-जज्बे से हीरो बने वर्दी वाले मोहम्मद तस्लीम

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अमेरिकन खेल का देसी स्टार, जिद-जुनून-जज्बे से हीरो बने वर्दी वाले मोहम्मद तस्लीम


अमेरिकन खेल का देसी स्टार, जिद-जुनून-जज्बे से हीरो बने वर्दी वाले मोहम्मद तस्लीम

नई दिल्ली: दुनिया को क्रिकेट अंग्रेजों ने दिया तो आज भारत इस खेल का बादशाह है। टेस्ट और वनडे में तमाम बड़े रिकॉर्ड भारतीय खिलाड़ियों के नाम है। इंडियन प्रीमियर लीग दुनिया की सबसे बड़ी क्रिकेट लीग है। कपिल देव, सुनील गावस्कर, सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली, राहुल द्रविड़, धोनी, विराट और रोहित जैसे नाम बच्चे-बच्चे की जुबान पर है। हॉकी, बैडमिंटन, फुटबॉल से टेनिस तक क्रिकेट के मुकाम तक पहुंचने के लिए जंग लड़ रहे हैं। अब इस दौड़ में एक और खेल शामिल हुआ है, जिसका नाम है बेसबॉल। इस अमेरिकन खेल के पास भारत में सचिन-सहवाग जैसे बड़े नाम तो नहीं हैं, लेकिन कुछ ऐसे संघर्ष हैं, जिनकी लाइफ पर बॉलीवुड की एक सुपरहिट फिल्म बन सकती है।

अमेरिकन खेल के देसी स्टार हैं मोहम्मद तस्लीम आरिफ

इस अमेरिकन खेल के देसी स्टार हैं मोहम्मद तस्लीम आरिफ। तस्लीम छत्तीसगढ़ में हेड कांस्टेबल हैं और वह गंगानगर और आदर्श नगर के उन बच्चों को बेसबॉल का हीरो बनाने के जंग छेड़े हुए हैं, जो समाज से कटे हुए हैं। वह गरीब बच्चों को प्रोत्साहित करने के लिए दिन-रात लगे हुए हैं। उनका मानना है कि हाड़तोड़ मेहनत-मजदूरी करने वाले माता-पिता अपने बच्चों को समय नहीं दे पाते हैं। तस्लीम इन्हीं बच्चों के लिए मसीहा बने हुए हैं।

गरीब बच्चों के मसीहा के रूप में कर रहे काम

तस्लीम इस बारे में कहते हैं- बेसबॉल के असल हीरो तो यही बच्चे होंगे। गरीबी और अलगाव की लाइफ इन्हें गलत राह पर ले जा सकती है, लेकिन उन्हें अगर बेसबॉल से जोड़ा जाए तो उनकी जिंदगी बदल जाएगी। तस्लीम की टीम को छत्तीसगढ़ के एक पुलिस अधीक्षक लाल उमेश सिंह का लगातार समर्थन मिलता रहा है। लाल उमेश सिंह ने कुछ साल पहले तस्लीम को बेसबॉल के खेल से परिचित कराया था। इसके बाद लाल उमेश सिंह ने युवा एथलीटों की देखभाल करने और उन्हें इस खेल में आगे प्रशिक्षित करने में मदद करने के लिए तस्लीम और बेसबॉल कोच राजा जोशी को जोड़ा।

टीम को बनाया था विनर, हीरो की तरह हुआ स्वागत

तस्लीम की दिलचस्पी बढ़ती गई और वह इस खेल से जुड़ते गए। पिछले साल तस्लीम की प्रशिक्षित टीम MLB कप 2021 के इंदौर रीजनल में विजेता बने थे। टीम ने इवेंट में भाग लेने के लिए 21 घंटे से अधिक का सफर तय किया और 2 ट्रेनें बदलकर इंदौर रीजनल वेन्यू पर पहुंची थी। तस्लीम को याद है कि इंदौर क्षेत्र में विजयी होकर घर लौटने के बाद टीम को समुदाय के सैकड़ों लोगों ने बधाई दी। एसपी ने एक विजयी परेड का भी आयोजन किया था और युवा खिलाड़ियों का भव्य स्वागत हुआ था।

विनर्स की हुई परेड, लोगों ने यूं किया स्वागत

उन्होंने बताया- टीम को जब एमएलबी कप 2021 में स्वर्ण पदक मिला तो हमारे एसपी ने उन एथलीटों को कार में बैठाकर परेड कराया, ताकि लोग उनकी उपलब्धियों को पहचानें और यह भी देख सकें कि बेसबॉल एक खेल के रूप में इन एथलीटों को मशहूर होने का मौका दे सकता है। साथ ही इन्हें गरीबी से बाहर का रास्ता भी दिख सकता है। मैं एसपी सर के निरंतर समर्थन के लिए बहुत आभारी हूं। एसपी सर ने यह सुनिश्चित किया है कि हमारे पास इक्विपमेंट, यात्रा भत्ता और प्रैक्टिस एरिया जैसी आवश्यक चीजें हमेशा रहें।

तस्लीम के मुताबिक ऐसा ही एक उदाहरण शुभम सेन हैं, जो क्रिकेट विकेट कीपर के रूप में शीर्ष पर नहीं पहुंच सके। हालांकि शुभम ने बेसबॉल टीम में एक कैचर के रूप में अपनी भूमिका में बदलाव किया और पेशेवर एथलीट बनने का दूसरा मौका हासिल किया। तस्लीम बताते हैं- वह अपने परिवर्तन के बाद से असाधारण रूप से अच्छा खेल रहा है और खेल को तेजी से समझ रहा है। पिछले 4 वर्षों में छत्तीसगढ़ में बेसबॉल से जुड़े रहने के बाद तस्लीम अब भारत में बेसबॉल की क्षमता को आगे बढ़ाने के लिए काम करना चाहते हैं।
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