अमृतपाल सिंह कहां छिपा हो सकता है? संभावित ठिकानों की पड़ताल

4
अमृतपाल सिंह कहां छिपा हो सकता है? संभावित ठिकानों की पड़ताल

अमृतपाल सिंह कहां छिपा हो सकता है? संभावित ठिकानों की पड़ताल

चंडीगढ़: कभी वह हरियाणा के कुरुक्षेत्र में नजर आता है। कभी वह बाइक पर बैठा दिखता है। कभी वह जुगाड़ पर बैठकर भागता फिरता है। मोस्ट वॉन्टेड अमृतपाल सिंह की लोकेशन के बारे में लगातार अलग-अलग इनपुट मिल रहे हैं। 18 मार्च को पंजाब पुलिस का ऑपरेशन शुरू हुए एक हफ्ता बीत रहा है लेकिन अमृतपाल गिरफ्त में नहीं आ सका है। वारिस पंजाब दे चीफ और पुलिस के बीच मानो चूहे-बिल्ली का खेल चल रहा है। अमृतपाल के बारे में ताजा इनपुट दिल्ली के आईएसबीटी पर देखे जाने का मिला। वहीं उसके उत्तराखंड और यूपी में नेपाल सीमा से लगे इलाकों में भी छिपने की संभावना को नकारा नहीं जा सकता। आइए जानते हैं अमृतपाल सिंह किन संभावित इलाकों में छिप सकता है?

1. नेपाल तो नहीं भाग गया अमृतपाल?
अमृतपाल के बारे में एक संभावना यह जताई जा रही है कि वह नेपाल भाग सकता है। अमृतसर के जल्लूपुर खेड़ा गांव और पंजाब के अलग-अलग इलाकों में पुलिस ने 18 मार्च 2023 को ऑपरेशन अमृतपाल शुरू किया। फरारी के बाद सबसे पहले एक वीडियो में अमृतपाल जालंधर के शाहकोट थाने के पास दिखा।इसके बाद हरियाणा के कुरुक्षेत्र से उसकी तस्वीर सामने आई। यहां से उसके देहरादून फरार होने का इनपुट आया। ऐसी संभावना है कि देहरादून से वह हरिद्वार और रामनगर के रास्ते किच्छा और बरेली होते हुए पूरनपुर के रूट से यूपी के लखीमपुर जा सकता है। यहां से नेपाल जाना उसके लिए आसान है। अमृतपाल के लिए नेपाल बॉर्डर पार करना इसलिए मुश्किल नहीं है, क्योंकि भारत-नेपाल के बीच खुली सीमा है। कई इलाके ऐसे हैं, जहां से जंगलों के रास्ते से भी नेपाल पहुंचना कोई कठिन काम नहीं है। लखीमपुर खीरी के तिकुनियां इलाके से नेपाल सीमा लगी हुई है। लखीमपुर से भी ढाई घंटे के अंदर अमृतपाल भारतीय सीमा पार कर सकता है। साथ ही बहराइच के रुपईडीहा बॉर्डर के रास्ते भी अमृतपाल नेपाल तक पहुंच सकता है। लखीमपुर से रुपईडीहा की दूरी 111 किलोमीटर है। यहां से नेपाल का नेपालगंज कस्बा सटा हुआ है। हालांकि अमृतपाल के लिए यहां गाड़ी से भागना मुश्किल है, क्योंकि नेपाल के चेक पोस्ट पर गाड़ी के नंबर और ड्राइविंग लाइसेंस की एंट्री होती है। इसके बाद नेपाल में गाड़ी की आवाजाही के लिए भंसार परमिट बनवाना पड़ता है। नेपाल में कोई भी भारतीय गाड़ी जब घुसती है तो उस वाहन के ड्राइवर को भंसार परमिट बनवाना होता है। इसके बाद नेपाल के दूसरे इलाकों में आसानी से जाया जा सकता है। हालांकि अमृतपाल के पास एक विकल्प पब्लिक ट्रांसपोर्ट भी है। रुपईडीहा पहुंचने के बाद टैक्सी और प्राइवेट बसें भी एक आसान जरिया है, जिससे अमृतपाल नेपाल जा सकता है।

Amritpal Singh News: फरार अमृतपाल तो अब तगड़ा फंसेगा, 1500 विदेशी अकाउंट से लिए थे पैसे

KURUKSHETRA TO DEHRADUN

2. उत्तराखंड
अमृतपाल सिंह के फरार होने के बाद उत्तराखंड पुलिस को भी अलर्ट किया गया था। पंजाब-हरियाणा होते हुए उत्तराखंड में उसके फरार होने का इनपुट आया था। इन सबकी छानबीन के लिए एनआईए की एक टीम देहरादून में है। साथ ही एनआईए ने ऑपरेशन अमृतपाल में शामिल एक महिला को पूछताछ के लिए पुलिस ने हिरासत में लिया है। इस महिला को हिरासत में लेने से पहले कुरुक्षेत्र से बलजीत कौर नाम की महिला को भी अरेस्ट किया गया था। बलजीत ने पूछताछ में बताया था कि अमृतपाल और उसका एक सहयोगी उसके घर पर रात में रुके थे। कुरुक्षेत्र से यमुनानगर के रास्ते नेशनल हाइवे 307 रूट से देहरादून की दूरी 158 किलोमीटर है। सरसावा, छुटमलपुर और सहारनपुर बाइपास होते हुए यहां तक पहुंचने में तीन घंटे 12 मिनट का वक्त अनुमानित है। ऐसे में अमृतपाल के छिपने का एक संभावित ठिकाना देहरादून और उत्तराखंड का इलाका हो सकता है।

Navbharat Times -टीम को देता था ‘AK’ बेल्ट नंबर, नक्शे में लाहौर-पेशावर भी था… अमृतपाल के ‘प्लान खालिस्तान’ की पूरी स्टोरी पढ़िए

KURUKSHETRA TO NIGHASAN

3. नेपाल बॉर्डर से लगे यूपी के इलाके
एक संभावना यह भी बन रही है कि अमृतपाल नेपाल बॉर्डर से लगे यूपी के इलाकों में छिप सकता है। अलर्ट के रूप में बहराइच के रुपईडीहा के पास नेपाल सीमा पर अमृतपाल के पोस्टर भी चस्पा किए गए हैं। यहां बॉर्डर की चौकसी एसएसबी के पास है। एसएसबी के साथ ही नेपाल बॉर्डर की सभी एजेंसियों को अलर्ट किया गया है। बॉर्डर पर तैनात सुरक्षाकर्मियों के मोबाइल पर उसकी दाढ़ी और बिना दाढ़ी सहित कई तरह की फोटो भेजी गई है। जिससे वह हुलिया बदलकर नेपाल बॉर्डर पार न कर सके। सीसीटीवी में भी अमृतपाल की फोटो फीड की गई है। लखीमपुर के निघासन में सिख समुदाय की अच्छी आबादी की वजह से उसे घुलने-मिलने में आसानी हो सकती है। लखीमपुर खीरी से नेपाल बॉर्डर की दूरी महज 87.5 किलोमीटर है। स्टेट हाइवे-21 के रास्ते दो घंटे 34 मिनट में निघासन तहसील के तिकुनियां पहुंचा जा सकता है। यह इलाका भारत-नेपाल अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगा हुआ है। अमृतपाल के पास यहां टिकने के साथ ही नेपाल भागना भी आसान है।

Navbharat Times -Amritpal Singh: इंडो-नेपाल बॉर्डर पर अमृतपाल सिंह के पोस्टर लगे, सीसीटीवी में फोटो फीड, बहराइच में हाईअलर्ट
Navbharat Times -एक हजार को कुर्बानी के लिए तैयार रहने को कहा, सिखों को अपने भाषण से कैसे भड़का रहा था अमृतपाल, पढ़ें

LAKHIMPUR TO RUPAIDEEHA

इसके साथ ही लखीमपुर खीरी से बहराइच जिले का रुपईडीहा बॉर्डर भी पास है। लखीमपुर से रुपईडीहा कस्बे की दूरी 111 किलोमीटर है। एनएच-730 के रास्ते नकाहा, मिहीपुरा, नानपारा होते हुए रुपईडीहा तक पहुंचा जा सकता है। रुपईडीहा बॉर्डर से नेपाल के नेपालगंज की दूरी महज साढ़े पांच किलोमीटर है। ऐसे में अमृतपाल के पास 10 से 15 मिनट में नेपालगंज फरार होना भी आसान है।

Navbharat Times -पंक्चर था अमृतपाल की बाइक का टायर, उसने मुझे 100 रुपये दिए… रेहड़ी चालक ने बताया क्या हुआ था उस दिन

LUDHIANA TO DELHI

4. दिल्ली
अमृतपाल लगातार अपना हुलिया भी बदल रहा है। दिल्ली के आईएसबीटी पर भी उसके उतरने का सुरक्षा एजेंसियों को इनपुट मिला था। दिल्ली पुलिस और पंजाब पुलिस ने इसके बाद आईएसबीटी के तमामा सीसीटीवी फुटेज चेक कराए। पुलिस को इनपुट मिला था कि लुधियाना से जिस प्राइवेट बस से अमृतपाल और उसका साथी पप्पलप्रीत निकले थे, वह बस आईएसबीटी दिल्ली जा रही थी। सूत्रों के मुताबिक इस बस के ड्राइवर ने पूछताछ में बताया कि बस में जितने लोग सवार हुए थे, उसमें से कोई भी रास्ते में नहीं उतरा। यानी अमृतपाल अगर इस बस में था तो वह दिल्ली आईएसबीटी पर ही उतरा। संभावना जताई जा रही है कि यहां से उसने दूसरी बस पकड़ ली होगी। पंजाब-हरियाणा से दिल्ली की दूरी भी ज्यादा नहीं है। ऐसे में एक संभावित ठिकाना दिल्ली भी हो सकता है।

Navbharat Times -Amritpal Singh: कौन है पप्पलप्रीत जो कर रहा अमृतपाल को भगाने में मदद, साये की तरह रहता है उसके साथ
Navbharat Times -खालिस्तानी विचारधारा, यूके में पत्रकारिता… अमृतपाल और किरणदीप की मुलाकात का पूरा किस्सा पढ़िए

KURUKSHETRA TO PAONTA SAHIB

5. हिमाचल प्रदेश
अमृतपाल के फरार होने के बाद छह राज्यों में अलर्ट है। इनमें से एक राज्य हिमाचल प्रदेश भी है। वारिस पंजाब दे चीफ कुरुक्षेत्र से हिमाचल प्रदेश की ओर भी भाग सकता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि कुरुक्षेत्र से पाओंटा साहिब की दूरी 110 किलोमीटर है। लाडवा और यमुनानगर के रास्ते NH-907 से यहां पहुंचने में 2 घंटे 33 मिनट लग सकते हैं। पाओंटा साहिब की गिनती सिखों के पवित्र स्थल के रूप में होती है। यमुना नदी के किनारे बसा यह कस्बा उत्तराखंड सीमा से भी लगा हुआ है। सिखों के दसवें गुरु गुरु गोबिंद सिंह ने इस शहर को स्थापित किया था। यहां पर एक गुरुद्वारा स्थापित करने के साथ ही उन्होंने करीब साढ़े चार साल पाओंटा साहिब में गुजारे थे। देहरादून से पाओंटा साहिब की दूरी सिर्फ 50 किलोमीटर है। अमृतपाल के छिपने का इनपुट देहरादून से भी मिला है। ऐसे में उसके देहरादून से पाओंटा साहिब का रुख करने की भी एक संभावना बन रही है। यहां सिख आबादी के बीच अमृतपाल के लिए छिपना आसान हो सकता है।

पंजाब की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Punjab News