अमृतपाल के सहयोगियों को 24 घंटों के अंदर छोड़ो, नहीं तो… अकाल तख्त के जत्थेदार का पंजाब सरकार को अल्टिमेटम

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अमृतपाल के सहयोगियों को 24 घंटों के अंदर छोड़ो, नहीं तो… अकाल तख्त के जत्थेदार का पंजाब सरकार को अल्टिमेटम

अमृतपाल के सहयोगियों को 24 घंटों के अंदर छोड़ो, नहीं तो… अकाल तख्त के जत्थेदार का पंजाब सरकार को अल्टिमेटम

चंडीगढ़: श्री अकाल तख्त साहिब की ओर से पंजाब सरकार को अल्टिमेटम दिया गया है कि ऑपरेशन अमृतपाल के दौरान 10 दिनों में पकड़े गए युवकों को 24 घंटों में रिहा किया जाए। नहीं तो बड़ा ऐक्शन होगा और समूचे पंजाब की पंचायतों में बैठकें कर सिखों पर हो रहे ‘अत्याचार’ के बारे में बताया जाएगा।
जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह की तरफ से पंजाब के हालात पर बुलाई गई बैठक में सोमवार को यह फैसला हुआ। इस बैठक में सिखों के 72 संगठन पहुंचे। संगठनों का प्रतिनिधित्व करते हुए शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी (SGPC) ने ऐलान किया कि हमारे वकील पकड़े गए नौजवानों के केस लड़ेंगे। जिन नौजवानों के परिजन वकील कर चुके हैं, उन्हें वित्तीय मदद दी जाएगी। जिन पर NSA लग चुका है, उनका मुद्दा हाई कोर्ट में उठाया जाएगा। श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने अपने संदेश में कहा कि पूरे घटनाक्रम के दौरान सिखों का चरित्र हनन किया गया है। जिस लहजे में सवाल उठे हैं, उसी लहजे में जवाब देना जरूरी है।

जालंधर में एक कार्यक्रम से इतर मान ने कहा कि जो भी राज्य में शांति भंग करने की कोशिश करेगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। जत्थेदार ने पुलिस कार्रवाई के दौरान कुछ लोगों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) लगाने के लिए राज्य सरकार की निंदा की।

‘उबलता रहेगा गुस्सा’

सिखों की सर्वोच्च पीठ अकाल तख्त के जत्थेदार ने यहां सिख संगठनों, बुद्धिजीवियों, सिख वकीलों, पत्रकारों, धार्मिक और सामाजिक नेताओं की बैठक बुलाई थी, जिसमें 18 मार्च को अमृतपाल के नेतृत्व वाले संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ से जुड़े लोगों के खिलाफ कार्रवाई के बाद पंजाब के मौजूदा हालात पर चर्चा की गई। जत्थेदार ने सभा को संबोधित करते हुए पंजाब सरकार को सभी सिख युवकों को रिहा करने के लिए 24 घंटे का समय दिया और कहा कि अगर ऐसा नहीं किया गया, तो सिख समुदाय का गुस्सा उबलता रहेगा।

‘सिखों के खिलाफ नफरत फैलाने का काम’

जत्थेदार ने कुछ टीवी चैनलों पर भी हमला बोला और आरोप लगाया कि उन्होंने कथित तौर पर उन युवकों को अलगाववादी बताकर सिखों के खिलाफ नफरत फैलाई। उन्होंने राज्य सरकार से एनएसए के तहत हिरासत में लिए कुछ लोगों को छोड़ने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि असम में डिब्रूगढ़ जेल भेजे गए लोगों को पंजाब वापस लाया जाना चाहिए, ताकि कानून अपना काम कर सके।

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‘हिंदु राष्ट्र की बात करने वालों पर लगे रासुका’

जत्थेदार ने कहा कि यह कहना गलत होगा कि हिरासत में लिए गए सिखों से राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है। सिंह ने किसी का नाम लिए बिना कहा कि ‘हिंदू राष्ट्र’ की बात करने वालों के खिलाफ भी रासुका लगाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि वह उन ‘निर्दोष सिखों’ की पूरी मदद करेंगे, जिन्हें इस मामले में पकड़ा गया है। जत्थेदार ने दावा किया कि लगभग 400 सिख युवकों को गिरफ्तार किया गया था और 198 को रिहा कर दिया गया है, लेकिन सिख समुदाय सभी गिरफ्तार सिखों की रिहाई चाहता है।

सरकार को सिख संघ आमने-सामने!

यह चेतावनी अधिकारियों के साथ टकराव की दिशा तय कर सकती है क्योंकि अमृतपाल और उसके सहयोगी को कथित तौर पर आश्रय देने के आरोप में शाहाबाद मारकंडा और पटियाला में गिरफ्तार दो महिलाओं बलजीत कौर और बलबीर कौर को एक अदालत ने सोमवार को न्यायिक हिरासत में भेज दिया, जबकि छह अन्य को गिरफ्तार कर लिया गया। दोनों को भागने में मदद करने के लिए एक और दिन के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया गया।

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एसजीपीसी के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने कहा, ‘जत्थेदार ने अनावश्यक मामलों में गिरफ्तार किए गए बच्चों के परिवारों को शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी से संपर्क करने के लिए आमंत्रित किया है। हमारे वकील उनके मामले लड़ेंगे और एसजीपीसी परिवारों के पहले से रखे गए वकीलों की फीस का भुगतान करेगी। साथ ही, गिरफ्तार लोगों पर एनएसए लगाने वाली पुलिस को चुनौती देने के लिए सिख संघ हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।’

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