अमरीका: गर्भपात के मामले में फेसबुक ने पुलिस से शेयर की माँ-बेटी की चैट हिस्ट्री, अमरीका से लेकर भारत तक रोष, निजता के अधिकार पर उठे सवाल | America: Facebook shares mother-daughter chat history with police | Patrika News

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अमरीका: गर्भपात के मामले में फेसबुक ने पुलिस से शेयर की माँ-बेटी की चैट हिस्ट्री, अमरीका से लेकर भारत तक रोष, निजता के अधिकार पर उठे सवाल | America: Facebook shares mother-daughter chat history with police | Patrika News

अमरीका: गर्भपात के मामले में फेसबुक ने पुलिस से शेयर की माँ-बेटी की चैट हिस्ट्री, अमरीका से लेकर भारत तक रोष, निजता के अधिकार पर उठे सवाल | America: Facebook shares mother-daughter chat history with police | Patrika News

माँ-बेटी पर लगाए गए हैं पांच आरोप खबर के मुताबिक मध्य-पश्चिमी अमरीकी राज्य नेब्रास्का में 41 वर्षीय जेसिका बर्गेस पर गर्भावस्था को खत्म करने में अपनी 17 वर्षीय बेटी की मदद करने का आरोप लगाया गया है। उन पर पांच आरोप लगाए गए हैं। जिसमें 2010 का एक कानून भी शामिल है, जो गर्भ के केवल 20 सप्ताह बाद तक गर्भपात की अनुमति देता है। जबकि बेटी को तीन आरोपों का सामना करना पड़ा है, जिसमें एक गर्भपात के बाद भ्रूण को छिपाने या नष्ट करने का भी शामिल है।

फेसबुक के किया अपने निर्णय का बचाव फिर भी फेसबुक के स्वामित्व वाली कंपनी मेटा ने मंगलवार को नेब्रास्का अदालत के आदेश पर अपना बचाव किया। डेटा सौंपने के बारे में पूछे जाने पर सिलिकॉन वैली की दिग्गज कंपनी फेसबुक ने सरकारी अनुरोधों का पालन करने की अपनी नीति की ओर इशारा किया। फेसबुक ने कहा कि जब कानून के लिए हमें ऐसा करने की जरूरत होती है, तो ऐसा किया जाता है। फेसबुक ने नेब्रास्का अदालत के आदेश को ध्यान में रखते हुए अपना बचाव यह कहते हुए भी किया कि पुलिस ने इस मामले में विवरण को मांगते हुए “गर्भपात का बिल्कुल भी उल्लेख नहीं किया था”। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के काफी पहले ही नेब्रास्का ने गर्भपात के प्रतिबंधों को अपना लिया था। बता दें, अमरीका में करीब 16 राज्यों ने अपने अधिकार क्षेत्र में गर्भपात पर कुछ नियमों के तहत प्रतिबंध लगाया है।

निजता का उल्लंघन, भारत में भी चिंता यूं तो निजता के उल्लंघन को रोकने के मामले में फेसबुक का रिकॉर्ड कोई बहुत अच्छा नहीं रहा है, और अमरीका से लेकर भारत तक फेसबुक पर इसको लेकर आरोप लगते आए हैं। दरअसल भारत में डाटा प्रोटेक्शन को लेकर प्रावधान बड़े सीमति हैं और इसको लेकर एक बिल पेंडिंग है, लेकिन अपराध के हालात में पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों को कुछ अधिकार भी शामिल हैं। भारत में साइबर लॉ के अनुसार पुलिस से लिखित में आवेदन मिलने पर पुलिस किसी भी यूजर्स की चैट रिकॉर्ड को हासिल कर सकती है। पूर्व आईपीएस अधिकारी और सीबीएस साइबर सिक्योरिटी सर्विसेज के मैनेजिंग पार्टनर सीबी शर्मा का कहना आईटी ( रीजनेबल सिक्योरिटी प्रीकॉशन एय प्रोसीजर रूल्स, 2011) रूल 6 के अनुसार पुलिस से लिखित में आवेदन मिलने पर सोशल मीडिया कंपनी को किसी भी यूजर्स की चैट हिस्ट्री पुलिस को उपलब्ध करानी होती है, लेकिन अपने आवदेन में पुलिस को स्पष्ट करना होता है कि उसे किस मामले की जांच के लिए ये चैट हिस्ट्री चाहिए है और पुलिस इस चैट रिकॉर्ड को किसी और के साथ शेयर नहीं कर सकती और न ही इस्तेमाल कर सकती है।

भारत में गर्भपात को लेकर ये हैं कानून भारत में गर्भपात को लेकर स्पष्ट कानून हैं और कई बार महिला संगठन इसको निजता का हनन बताकर सवाल भी खड़े करते रहे हैं। भारत में गर्भपात बिना डॉक्टर की अनुमति के बिना अवैध माना जाता है, लेकिन डॉक्टर की एडवाइज से गर्भपात किया जा सकता है। चिर अमृत एडवोकेसी फर्म में पार्टनर और एडवोकेट रितु सोनी का कहना है कि भारत में डॉक्टर की सलाह के बाद छह महीने तक गर्भपात कराया जा सकता है। साथ ही 20 से 24 महीने के गर्भ को किन्हीं विशेष हालात में डॉक्टर की अनुमति से गिराया जा सकता है। लेकिन 24 महीने के बाद के गर्भ को गिराना भारत में डॉक्टर की सहमति के बाद भी वैध नहीं है।

गर्भपात पर रोक, महिला की निजता में है दखल वहीं निधि कॉर्प और प्रेम प्रकाश लॉजिस्टिक की एडवोकेट निधि सिन्हा के अनुसार भारत में गर्भपात को लेकर जो कानून हैं वो महिला को सशक्त नहीं करते। महिला को गर्भपात कराना है या नहीं, ये सिर्फ उस महिला पर ही छोड़ देना चाहिए। महिला के गर्भपात के मेडिकल कारणों के अलावा भी कई कारण हो सकते हैं। इसलिए राज्य को इस मामले में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। इस संबंध में कानून महिला की निजता में दखल माना जाना चाहिए।

भारत में कन्या भ्रूण की सुरक्षा से जुड़े हैं गर्भपात के कानून लेकिन एडवोकेट रितु सोमानी, सोमानी एसोसिएट्स का कहना है कि आरंभिक महीनों में तो गर्भपात कई बार अपने आप हो जाता है, इसलिए इन महीनों में गर्भपात व्यावहारिक रूप से कोई मुद्दा नहीं बनता है। लेकिन फीट्स के मैच्योर हो जाने के बाद ये एक और नए जीवन के अधिकार से जुड़ जाता है, इसलिए भारत में गर्भपात प्रतिबंधित है और सिर्फ डॉक्टर की एडवाइज के बाद ही किया जा सकता है।

सोमानी ने बताया कि भारत में गर्भपात को लेकर स्थितियां काफी अलग हैं। भारत में कन्या भ्रूण का गर्भपात भी एक चिंता का विषय है। इसलिए भी भारत में गर्भपात को लेकर सख्त कानून की जरूरत भी है। भारत में गर्भपात के कानून इसी के मद्देनजर मुख्य रूप से बनाए गए हैं।

इस प्रकार की है अमरीका में गर्भपात मामले की माँ-बेटी की चैट मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मां और बेटी फेसबुक के चैट में गर्भपात को लेकर चर्चा करती दिख रही हैं। इसमें एक महिला अपनी 17 वर्षीय बेटी को बताती है कि उसने गर्भपात की गोलियां ली हैं और गर्भावस्था को समाप्त करने के लिए उन्हें कैसे लेना है, इस पर निर्देश देती है। इस बीच, बेटी, “इस बारे में बात करती है कि वह अपने शरीर से उस ‘चीज’ को निकालने के लिए अब और इंतजार नहीं कर सकती”, अदालती दस्तावेजों में पुलिस ने ये सारी चैट सामने रखी है। अंत में इस चैट में माँ अपनी बेटी को ये भी बताती है कि बाहर निकलने के बाद इस 24 माह के भ्रूण को कैसे जलाना है।

चैट के अनुसार, अंत में एक संदेश में पुत्री अपनी माँ से कहती है, कि ”मैं आखिरकार अब जींस पहन सकूंगी।”



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