अब 24 घंटे आपके घर होगी बिजली की आपूर्ति, सरकार ने जारी किए नए नियम | population above one lakh will get 24 hours electricity | Patrika News
देश में उपभोक्ता औसत विद्युत व्यवधान आवर्ती सूचकांक बनाया जाएगा। वहीं लाइसेंसधारी या वितरण कंपनी की जिम्मेदारी होगी कि वह बिना किसी व्यवधान बिजली की आपूर्ति करे। नए कानून के तहत पांच साल के अंदर डीजल से चलने वाले जनरेटर की जगह नवीकरणीय ऊर्जा बैटरी बैकअप की व्यवस्था की जाएगी।
लखनऊ
Published: April 24, 2022 11:41:13 am
चिलचिलाती गर्मी से परेशान प्रदेशवासियों के लिए एक राहत भरी खबर है। यूपी सरकार ने अब 24 घंटे बिजली देने की योजना बनाई है। जिसके अनुसार, जिन नगरों में एक लाख या उससे अधिक जनसंख्या है, वहां लोगों के घरों में 24 घंटे बिजली की आपूर्ति की जाएगी। दरअसल, शहरों में प्रदूषण को बढ़ते देख जनरेटर की जगह पर नवीकरणीय ऊर्जा बैटरी बैकअप या इसी प्रकार की स्वच्छ प्रौद्योगिकी का प्रावधान किया जाएगा। साथ ही शहर में नो ट्रिपिंग जोन बनेंगे। राज्य विद्युत नियामक आयोग की तरफ से इनकी निगरानी की जाएगी।
बिना व्यवधान बिजली की आपूर्ति बता दें, केंद्रीय विद्युत मंत्रालय ने विद्युत (उपभोक्ता अधिकार) नियम, 2020 में संशोधन करके ये प्रावधान किए हैं। यह संशोधन 21 अप्रैल को अधिसूचना जारी होने के साथ ही प्रभावी हो गया है। इसके अनुसार, देश में उपभोक्ता औसत विद्युत व्यवधान आवर्ती सूचकांक बनाया जाएगा। वहीं लाइसेंसधारी या वितरण कंपनी की जिम्मेदारी होगी कि वह बिना किसी व्यवधान बिजली की आपूर्ति करे। इस नए कानून के तहत पांच साल के अंदर डीजल से चलने वाले जनरेटर की जगह नवीकरणीय ऊर्जा बैटरी बैकअप की व्यवस्था की जाएगी।
तीन मिन से ज्यादा बिजली जाना मतलब व्यवधान गौरतलब है कि अधिसूचना के अनुसार, विद्युत व्यवधान सूचकांक की मॉनिटरिंग नियामक आयोग को करनी होगी। ऐसे में यदि तीन मिनट या उससे ज्यादा समय के लिए बिजली गई तो उसे व्यवधान माना जाएगा। बता दें कि कानून में ये भी प्रावधान है कि निर्माण क्रियाकलापों में डीजल चलित जेनरेटर को रोकने के लिए जहां विद्युत वितरण मेंस उपलब्ध हैं अब वहां अस्थायी कनेक्शन 48 घंटे में देना होगा। जहां विद्युत वितरण मेंस नहीं हैं वहां पर सात दिन में इसकी व्यवस्था करके कनेक्शन देना होगा।
कंपनियों पर बढ़ेगा भार हालांकि इन सब के बीच राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद का कहना है कि नए कानून से बिजली कंपनियों पर बड़ा भार आएगा क्योंकि यूपी में ज्यादातर नगर ऐसे हैं जिनकी आबादी 1 लाख या उससे अधिक है। उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा का कहना है कि इससे करीब पूरे प्रदेश में 24 घंटे विद्युत आपूर्ति और नो ट्रिपिंग जोन की व्यवस्था करनी होगी।
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देश में उपभोक्ता औसत विद्युत व्यवधान आवर्ती सूचकांक बनाया जाएगा। वहीं लाइसेंसधारी या वितरण कंपनी की जिम्मेदारी होगी कि वह बिना किसी व्यवधान बिजली की आपूर्ति करे। नए कानून के तहत पांच साल के अंदर डीजल से चलने वाले जनरेटर की जगह नवीकरणीय ऊर्जा बैटरी बैकअप की व्यवस्था की जाएगी।
लखनऊ
Published: April 24, 2022 11:41:13 am
चिलचिलाती गर्मी से परेशान प्रदेशवासियों के लिए एक राहत भरी खबर है। यूपी सरकार ने अब 24 घंटे बिजली देने की योजना बनाई है। जिसके अनुसार, जिन नगरों में एक लाख या उससे अधिक जनसंख्या है, वहां लोगों के घरों में 24 घंटे बिजली की आपूर्ति की जाएगी। दरअसल, शहरों में प्रदूषण को बढ़ते देख जनरेटर की जगह पर नवीकरणीय ऊर्जा बैटरी बैकअप या इसी प्रकार की स्वच्छ प्रौद्योगिकी का प्रावधान किया जाएगा। साथ ही शहर में नो ट्रिपिंग जोन बनेंगे। राज्य विद्युत नियामक आयोग की तरफ से इनकी निगरानी की जाएगी।
बिना व्यवधान बिजली की आपूर्ति बता दें, केंद्रीय विद्युत मंत्रालय ने विद्युत (उपभोक्ता अधिकार) नियम, 2020 में संशोधन करके ये प्रावधान किए हैं। यह संशोधन 21 अप्रैल को अधिसूचना जारी होने के साथ ही प्रभावी हो गया है। इसके अनुसार, देश में उपभोक्ता औसत विद्युत व्यवधान आवर्ती सूचकांक बनाया जाएगा। वहीं लाइसेंसधारी या वितरण कंपनी की जिम्मेदारी होगी कि वह बिना किसी व्यवधान बिजली की आपूर्ति करे। इस नए कानून के तहत पांच साल के अंदर डीजल से चलने वाले जनरेटर की जगह नवीकरणीय ऊर्जा बैटरी बैकअप की व्यवस्था की जाएगी।
तीन मिन से ज्यादा बिजली जाना मतलब व्यवधान गौरतलब है कि अधिसूचना के अनुसार, विद्युत व्यवधान सूचकांक की मॉनिटरिंग नियामक आयोग को करनी होगी। ऐसे में यदि तीन मिनट या उससे ज्यादा समय के लिए बिजली गई तो उसे व्यवधान माना जाएगा। बता दें कि कानून में ये भी प्रावधान है कि निर्माण क्रियाकलापों में डीजल चलित जेनरेटर को रोकने के लिए जहां विद्युत वितरण मेंस उपलब्ध हैं अब वहां अस्थायी कनेक्शन 48 घंटे में देना होगा। जहां विद्युत वितरण मेंस नहीं हैं वहां पर सात दिन में इसकी व्यवस्था करके कनेक्शन देना होगा।
कंपनियों पर बढ़ेगा भार हालांकि इन सब के बीच राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद का कहना है कि नए कानून से बिजली कंपनियों पर बड़ा भार आएगा क्योंकि यूपी में ज्यादातर नगर ऐसे हैं जिनकी आबादी 1 लाख या उससे अधिक है। उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा का कहना है कि इससे करीब पूरे प्रदेश में 24 घंटे विद्युत आपूर्ति और नो ट्रिपिंग जोन की व्यवस्था करनी होगी।
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