अपनों को टिकट दिलाकर उलझीं भाजपा की वरिष्ठ नेता सुमित्रा महाजन | Senior BJP leader Sumitra Mahajan dispoint | Patrika News
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के गढ़ यानी रामबाग जहां पर मालवा प्रांत का अर्चना कार्यालय है। वहां के वार्ड में भाजपा की हालत पतली है। वरिष्ठ नेता सुमित्रा महाजन (ताई) ने जिदकर यहां से सुरेश टाकलकर को टिकट दिलाया जो अब भारी पड़ रहा है। संघ और भाजपा के क्षेत्रीय नेताओं ने दिवाकर घायल को खड़ा कर दिया जिनके जनसंपर्क में माहौल बना हुआ है। वर्षों से काम करने की वजह से घर-घर संपर्क भी है जिसकी वजह से भाजपाइयों की नींद उड़ी हुई है।
पार्टी को अंदेशा है कि भाजपाई और बागी के बीच की जंग में कहीं कांग्रेस का झंडा बुलंद ना हो जाए। पार्टी ने अपने सभी वरिष्ठों से आग्रह किया है कि वे अपने प्रभाव वाले वार्डों पर फोकस करें। अप्रत्यक्ष तौर पर ये इशारा है कि जिसने जो टिकट दिलाया उस वार्ड को वही जिताकर लाए। इसके चलते ताई कल रामबाग के वार्ड में पहुंचीं। समर्थ मठ में पहले आरती की। उसके बाद में टाकलकर के कार्यालय पर पहुंचीं।
ताई के आगमन की सूचना पहले ही कार्यकर्ताओं को दे दी गई थी। पूरे वार्ड से आए कार्यकर्ताओं से ताई ने बात की। सब कुछ मालूम होने के बावजूद समझने का प्रयास किया कि क्या स्थिति है? कार्यकर्ता भी समझ रहे थे कि जब सब कुछ मालूम होते हुए ताई सीधे मुद्दे पर नहीं आ रही हैं तो वे भी यों बोलें? ताई ने सभी को मजबूती से चुनाव लडऩे की बात कही। ये भी बताने का प्रयास किया कि ये चुनाव सम्मान की लड़ाई है। रामबाग में पार्टी की हार नहीं होना चाहिए, क्योंकि वर्षों पुराना गढ़ है।
ताबड़तोड़ बदला प्रभारी
गौरतलब है कि वार्ड के पूर्व पार्षद हरीश डागुर को पहले वार्ड 62 का प्रभारी बनाया गया था, लेकिन कल ताबड़तोड़ नगर भाजपा अध्यक्ष गौरव रणदिवे ने उन्हें रामबाग की जिम्मेदारी सौंप दी। खाटी संघी होने के साथ में वार्ड के भाजपाइयों में उनकी मजबूत पकड़ है।
टिकट दिलाकर उलझीं ताई
समर्थक को जिताने के लिए पहुंचीं रामबाग, मराठी नेताओं से किया काम करने का आग्रह दूसरी बार मुंह की खाई डेढ़ दशक पहले जब ताई की एक तरफा इंदौर भाजपा की राजनीति में चल थी तब ताई ने अपने बेटे मंदार का टिकट रामबाग वार्ड से करा दिया था। उस दौरान विरोधियों ने मोर्चा खोल दिया। बस या था जमकर बवाल मचा। आखिर में ताई को अपना फैसला वापस लेकर टिकट बदलना पड़ा।
तब शेखर किबे को टिकट दिया गया जो अच्छे मतों से जीते थे। ये दूसरी बार है जब ताई की पसंद से टिकट हुआ और पार्टी में बवाल खड़ा हुआ है। ऐसी ही स्थिति राजेंद्र नगर वार्ड की भी है। ताई ने अड़कर प्रशांत बड़वे को टिकट दिलाया, लेकिन वार्ड के अधिकांश भाजपाई नाराज हैं जो कि बागी होकर लड़ रहे हेमंत तिवारी का प्रचार कर रहे हैं। बड़ी बात ये है कि रामबाग और राजेंद्र नगर का वार्ड भाजपा का माना जाता है, लेकिन आज संकट में है। यहां पर चुनाव कश्मकश भरे हो रहे हैं।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के गढ़ यानी रामबाग जहां पर मालवा प्रांत का अर्चना कार्यालय है। वहां के वार्ड में भाजपा की हालत पतली है। वरिष्ठ नेता सुमित्रा महाजन (ताई) ने जिदकर यहां से सुरेश टाकलकर को टिकट दिलाया जो अब भारी पड़ रहा है। संघ और भाजपा के क्षेत्रीय नेताओं ने दिवाकर घायल को खड़ा कर दिया जिनके जनसंपर्क में माहौल बना हुआ है। वर्षों से काम करने की वजह से घर-घर संपर्क भी है जिसकी वजह से भाजपाइयों की नींद उड़ी हुई है।
पार्टी को अंदेशा है कि भाजपाई और बागी के बीच की जंग में कहीं कांग्रेस का झंडा बुलंद ना हो जाए। पार्टी ने अपने सभी वरिष्ठों से आग्रह किया है कि वे अपने प्रभाव वाले वार्डों पर फोकस करें। अप्रत्यक्ष तौर पर ये इशारा है कि जिसने जो टिकट दिलाया उस वार्ड को वही जिताकर लाए। इसके चलते ताई कल रामबाग के वार्ड में पहुंचीं। समर्थ मठ में पहले आरती की। उसके बाद में टाकलकर के कार्यालय पर पहुंचीं।
ताई के आगमन की सूचना पहले ही कार्यकर्ताओं को दे दी गई थी। पूरे वार्ड से आए कार्यकर्ताओं से ताई ने बात की। सब कुछ मालूम होने के बावजूद समझने का प्रयास किया कि क्या स्थिति है? कार्यकर्ता भी समझ रहे थे कि जब सब कुछ मालूम होते हुए ताई सीधे मुद्दे पर नहीं आ रही हैं तो वे भी यों बोलें? ताई ने सभी को मजबूती से चुनाव लडऩे की बात कही। ये भी बताने का प्रयास किया कि ये चुनाव सम्मान की लड़ाई है। रामबाग में पार्टी की हार नहीं होना चाहिए, क्योंकि वर्षों पुराना गढ़ है।
ताबड़तोड़ बदला प्रभारी
गौरतलब है कि वार्ड के पूर्व पार्षद हरीश डागुर को पहले वार्ड 62 का प्रभारी बनाया गया था, लेकिन कल ताबड़तोड़ नगर भाजपा अध्यक्ष गौरव रणदिवे ने उन्हें रामबाग की जिम्मेदारी सौंप दी। खाटी संघी होने के साथ में वार्ड के भाजपाइयों में उनकी मजबूत पकड़ है।
टिकट दिलाकर उलझीं ताई
समर्थक को जिताने के लिए पहुंचीं रामबाग, मराठी नेताओं से किया काम करने का आग्रह दूसरी बार मुंह की खाई डेढ़ दशक पहले जब ताई की एक तरफा इंदौर भाजपा की राजनीति में चल थी तब ताई ने अपने बेटे मंदार का टिकट रामबाग वार्ड से करा दिया था। उस दौरान विरोधियों ने मोर्चा खोल दिया। बस या था जमकर बवाल मचा। आखिर में ताई को अपना फैसला वापस लेकर टिकट बदलना पड़ा।
तब शेखर किबे को टिकट दिया गया जो अच्छे मतों से जीते थे। ये दूसरी बार है जब ताई की पसंद से टिकट हुआ और पार्टी में बवाल खड़ा हुआ है। ऐसी ही स्थिति राजेंद्र नगर वार्ड की भी है। ताई ने अड़कर प्रशांत बड़वे को टिकट दिलाया, लेकिन वार्ड के अधिकांश भाजपाई नाराज हैं जो कि बागी होकर लड़ रहे हेमंत तिवारी का प्रचार कर रहे हैं। बड़ी बात ये है कि रामबाग और राजेंद्र नगर का वार्ड भाजपा का माना जाता है, लेकिन आज संकट में है। यहां पर चुनाव कश्मकश भरे हो रहे हैं।