अन्य पिछड़ा वर्ग की छात्राएं भी कर सकेंगी मेडिकल-इंजीनियरिंग की तैयारी

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अन्य पिछड़ा वर्ग की छात्राएं भी कर सकेंगी मेडिकल-इंजीनियरिंग की तैयारी

अन्य पिछड़ा वर्ग की छात्राएं भी कर सकेंगी मेडिकल-इंजीनियरिंग की तैयारी


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राज्य सरकार अन्य पिछड़ा वर्ग की छात्राओं को न केवल बेहतर स्कूली शिक्षा मुहैया करवाएगी बल्कि उन्हें मेडिकल-इंजीनियरिंग में जाने का अवसर भी उपलब्ध कराएगी। इन छात्राओं को अन्य पिछड़ा वर्ग कन्या आवासीय विद्यालयों में अब मेडिकल-इंजीनियरिंग की भी तैयारी करवाई जाएगी। पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग ने इसकी तैयारी पूरी कर ली है। कुछ स्थानों पर इसे प्रयोग के तौर पर अपनाया भी गया है। इसे सभी अन्य पिछड़ा वर्ग कन्या आवासीय विद्यालयों में लागू किया जाएगा। इसका लाभ भौतिकी, रसायन, गणित व जीवविज्ञान की छात्राओं को मिलेगा।

इस समय 11 जिलों में 12 अन्य पिछड़ा वर्ग कन्या आवासीय विद्यालयों में पिछड़ा वर्ग और अत्यंत पिछड़ा वर्ग की छात्राओं के अध्ययन की व्यवस्था की गई है। इस समय पटना, मोकामा, गया, सासाराम, सारण, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, सहरसा, दरभंगा, पूर्णिया, भागलपुर और मुंगेर में अन्य पिछड़ा वर्ग कन्या आवासीय विद्यालय स्थापित हैं। इन्हीं विद्यालयों में अब मेडिकल-इंजीनियरिंग की भी तैयारी की व्यवस्था की गई है। इसके लिए इन विद्यालयों में देश के प्रतिष्ठित संस्थान से मेडिकल और इंजीनियरिंग की अध्ययन सामग्री खरीदी जाएगी और उनके सहयोग से बच्चियां इन परीक्षाओं की तैयारी करेंगी।

अध्ययन सामग्री विद्यालय के पुस्तकालय में रखी जाएगी। संबंधित प्रधानाध्यापक के द्वारा यह सुनिश्चित किया जाएगा कि संबंधित शिक्षक द्वारा विज्ञान वर्ग की इच्छुक छात्राओं को पाठ्य सामग्री उपलब्ध हो सके। अधिक से अधिक छात्राओं को इसका लाभ मिले, इसके लिए ऑनलाइन माध्यम से उनकी पढ़ाई करवाई जाए। यही नहीं, संबंधित शिक्षकों द्वारा पाठ्य सामग्री के माध्यम से शिक्षण कार्य और एनटीए वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन टेस्ट की भी व्यवस्था की जाएगी। इसके लिए शिक्षकों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।

कोट

हम पिछड़ा वर्ग और अति पिछड़ा वर्ग की छात्राओं के लिए मेडिकल-इंजीनियरिंग की तैयारी की व्यवस्था कर रहे हैं। सारी प्रारंभिक प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। हमारा लक्ष्य अन्य पिछड़ा वर्ग कन्या आवासीय प्लस टू उच्च विद्यालयों में अध्ययनरत छात्राओं को अगले सेशन से बेहतरीन अध्ययन सामग्री के साथ शिक्षण की व्यवस्था उपलब्ध कराना है।

– पंकज कुमार, प्रधान सचिव, पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग

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