अन्ना आंदोलन के कारण UPA सरकार सत्ता से बाहर हुई, फिर भी देश से भ्रष्टाचार खत्म नहीं हुआ: प्रशांत किशोर
बिहार के सिवान में प्रशांत किशोर ने कहा कि आंदोलन और क्रांति तेज हथियार की तरह है। लेकिन इससे भ्रष्टाचार खत्म नहीं होगा। उन्होंने कहा कि जन सुराज दल बनाकर वोट लेने का अभियान नहीं है। प्रशांद किशोर ने कहा कि मैं बताना चाहता हूं कि जेपी का आंदोलन बिहार को सुधारने के लिए नहीं था।
आंदोलन और क्रांति तेज हथियार की तरह: पीके
उन्होंने कहा कि आंदोलन और क्रांति तेज हथियार की तरह है, इससे आप किसी सत्ता को उखाड़ सकते हैं। तेज हथियार से बड़े-बड़े पेड़ को काटा जा सकता है। लेकिन तेज हथियार से आप पौधे को पेड़ नहीं बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि लोग कहते हैं कि जेपी आंदोलन से बिहार नहीं सुधरा तो आगे कैसे सुधरेगा, तो पहली बात तो ये है कि जेपी का आंदोलन बिहार को सुधारने के लिए था ही नहीं। जेपी का आंदोलन उस समय की केंद्र सरकार के खिलाफ था। जेपी उसमें कामयाब भी हुए। उन्होंने इंदिरा गांधी की सरकार को बदल दिया। उस आंदोलन का न तो बिहार से कोई लेना देना था और न ही उससे बिहार में कोई बदलाव हुआ।
भ्रष्टाचार किसी आंदोलन से खत्म नहीं होगा: पीके
प्रशांत किशोर ने कहा कि जेपी की तरह ही अन्ना हजारे का आंदोलन था। इस आंदोलन से यूपीए सरकार को हटाने में मदद मिली। लेकिन उससे देश में भ्रष्टाचार खत्म नहीं हुआ। भ्रष्टाचार किसी आंदोलन से खत्म भी नहीं होगा। भ्रष्टाचार के खिलाफ लोगों को जागरुक होना होगा। प्रशांत किशोर ने भ्रष्टाचार पर बात करते हुए कहा कि भारत दुनिया के सबसे भ्रष्ट देशों की सूची में है। उन्होंने कहा कि अगर आप 500 रुपये लेकर मुखिया को वोट दे देंगे तो आप कैसे सोच सकते हैं कि वो ईमानदारी से काम करेगा, तो जड़ ये है कि हमको अपने वोट करने का तरीका सुधारना होगा, नहीं तो बिहार में भ्रष्टाचार हो या विकास, उस दिशा में आगे नहीं बढ़ पाएंगे।
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