अंधी रफ्तार बनी जानलेवा, नियमों की अनदेखी से उजड़ रहे घर | speeding becomes fatal | Patrika News

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अंधी रफ्तार बनी जानलेवा, नियमों की अनदेखी से उजड़ रहे घर | speeding becomes fatal | Patrika News

अंधी रफ्तार बनी जानलेवा, नियमों की अनदेखी से उजड़ रहे घर | speeding becomes fatal | Patrika News


जबलपुर .शहर की भीतरी सड़क हो या फिर हाइवे वाहन चालकों की तेज रफ्तार और बेढ़गी चाल सड़क हादसों का कारण बन रही है। पुलिस और प्रशासन ने जिले में ब्लैक स्पाॅट्स तो चिन्हित किए हैं, लेकिन वहां पर आवश्यक इंतजाम नहीं किए गए। जिस कारण हादसे कम होने का नाम नहीं ले रहे। सड़क हादसे में साइरस मिस्त्री की मौत ने लोगों को चेताया है कि यदि वे नियमों का पालन नहीं करते, तो उनके साथ भी यह अनहोनी हो सकती है। जिले में जनवरी से जुलाई तक कुल 2282 सड़क हादसे हुए हैं, जिसमें 2362 लोग घायल हुए। इस दौरान 251 को असमय काल के गाल में समाना पड़ा। सर्वाधिक हादसे मार्च में 446 हुए। इसी माह सर्वाधिक 483 लोग सड़क हादसे में घायल हुए। यदि मौतों की बात की जाए, तो मई में सर्वाधिक 48 लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा।
एक जनवरी से 30 जुलाई 22 तक
माह-हादसे-मृतक-घायल
जनवरी-340-30-379
फरवरी-363-33-384
मार्च-446-39-483
अप्रेल-261-27-262
मई-284-48-276
जून-273-32-264
जुलाई-315-42-341
कुल-2282-251-2362

एनएच बनने के बाद हादसे बढ़े

जानकारी के अनुसार पूर्व में जबलपुर सडक़ हादसों और घायलों के ग्राफ में प्रदेश में पांचवें से लेकर आठवें स्थान पर रहता था। नेशनल हाईवे बनने के बाद सड़क हादसों की संख्या और हादसों में घायल और मृतकों के ग्राफ में बढ़ोत्तरी हुई है।
देहात क्षेत्र में ब्लैक स्पॉट्स
थाना-स्थान-दूरी मीटर में
मंझौली-सुहार नदी-100
कटंगी-पौड़ी राजघाट-500
गोसलपुर-ग्राम गोसलपुर-300
गोसलपुर-बरनू तिराहा-500
बेलखेड़ा-सुंदरादेही-500
बेलखेड़ा-मनकेड़ी-500
पाटन-ग्राम रोझा उडऩा-500
इसलिए लगाएं सीट बेल्ट
कार की गति के आधार पर सीट बेल्ट शरीर के बल को अवशोषित करने और इसे कंधे और कूल्हों तक फैलाने में मदद करता है। सीट बेल्ट पहनने से रीढ़ की हड्डी में चोट नहीं लगती है। वहीं सिर भी सुरक्षित रहता है। इससे हादसे में मौत का खतरा कम रहता है। कार में पीछे बैठे लोग भी सीट बेल्ट पहने।
पिछले साल सड़क हादसे
माह-हादसे
जनवरी-434
फरवरी-365
मार्च-350
अप्रेल-231
मई-182
जून-265
जुलाई-324
अगस्त-341
सितम्बर-331
अक्टूबर-376
नवम्बर-384
दिसम्बर-272
हेलमेट भी आवश्यक
दुपहिया वाहन चालकों को हमेशा हेलमेट पहनना चाहिए। यदि कोई हादसा होता है, तो सबसे पहले दुपहिया चालक का सिर जख्मी होता है। सिर में चोटें आने के कारण ही 90 प्रतिशत लोगों की मौत होती है। हेलमेट सिर के साथ ही गर्दन की हड्डी की भी रक्षा करता है। आंख और चेहरे का भी बचाव करता है।
शहर में ब्लैक स्पॉट्स
थाना-स्थान-दूरी मीटर में
रांझी-पनेहरा पेट्रोल पंप-500
गढ़ा-सूपाताल रामायण मंदिर-500
बरेला-रिछाई तिराहा-500
अधारताल-उर्दुना नाला-500
मदन महल-होमसाइंस कॉलेज गेट-200
माढ़ोताल-पाटन बाइपास कटंगी-300
घमापुर-चुंगीचौकी बुद्धराजा अस्पताल के सामने- 500
तिलवारा-लम्हेटा बाइपास-500
रांझी-इंजीनियरिंग कॉलेज के सामने-400

इनका कहना है कि
यातायात के नियमों का पालन नहीं करना सड़क हादसों का बड़ा कारण है। यातायात को तीसरी कक्षा से पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए। इसके लिए अलग से पांच अंक होने चाहिए। इसमें छात्र यातायात के नियमों को पढ़ेंगे। हर एक व्यक्ति को ट्रैफिक नियमों का पालन करना चाहिए।
प्रदीप शेन्डे, एएसपी, ट्रैफिक
सड़क हादसों का बड़ा कारण ट्रैफिक इंजीनियरिंग है। भविष्य को ध्यान में रखकर सड़कों, तिराहे और चौराहों का निर्माण किया जाना चाहिए। आवश्यकतानुसार संकेतक लगाए जाने चाहिए। पुलिस को हर एक हादसे के पीछे की वजह की जांच करनी चाहिए। ट्रैफिक को लेकर सभी एजेन्सियों में समन्वय की कमी है। अशोक शुक्ला, रिटायर्ड पुलिस अधीक्षक

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