अंदर VC और बाहर पुलिस ने संभाला मोर्चा… जामिया में BBC डॉक्यूमेंट्री को लेकर ऐसे शांत हुआ बवाल
दिल्ली पुलिस ने कहा कि सात छात्रों को हिरासत में लिया है। वहीं यूनिवर्सिटी प्रशासन ने कहा कि स्क्रीनिंग की अनुमति नहीं दी जाएगी और वे विश्वविद्यालय के शांतिपूर्ण माहौल को खराब करने वाले संगठनों को रोकने के लिए हरसंभव कदम उठा रहे हैं। कैंपस के बाहर जमा हुए छात्रों को देखते हुए बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। त्वरित कार्रवाई बल (RAF) के जवानों को भी गेट पर तैनात किया गया है।
पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया। हम प्रदर्शन शुरू करने वाले थे, लेकिन उससे पहले ही छात्रों को हिरासत में ले लिया गया। उन्हें थाने ले जाया गया। दिल्ली पुलिस ने 70 से अधिक ऐसे छात्रों को हिरासत में लिया है।
प्रीतीश मेनन, SFI, दिल्ली कमेटी सचिव
दिल्ली के ही जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में भी मंगलवार को डॉक्यूमेंट्री को लेकर काफी बवाल मचा। जेएनयू में आयोजक छात्रों ने दावा किया कि इस दौरान बिजली आपूर्ति और इंटरनेट रोक दिया गया और उन पर पथराव किया गया। केंद्र सरकार के प्रतिबंध और जेएनयू प्रशासन द्वारा अनुमति नहीं दिए जाने के बावजूद बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग की जिद की वजह से रात भर जेएनयू कैंपस में बवाल देखने को मिला। अंदर से बाहर सड़क तक बवाल रहा।
हम कैंपस में कोई गड़बड़ी नहीं चाहते। हम यूनिवर्सिटी में शांति बनाए रखना चाहते हैं। छात्र पढ़ाई कर रहे हैं और परीक्षाएं दे रहे हैं। एसएफआई जैसा एक छोटा विंग विरोध प्रदर्शन कर रहा है। हम इस तरह के आचरण को स्वीकार नहीं करते हैं। उनका मकसद परिसर में शांति और सद्भाव को बिगाड़ना है। मैं किसी भी कीमत पर इस तरह के व्यवहार की अनुमति नहीं दूंगी।
नजमा अख्तर, जामिया मिल्लिया इस्लामिया की कुलपति
जामिया मिल्लिया इस्लामिया की कुलपति नजमा अख्तर ने बुधवार यह पूछे जाने पर कि क्या प्रदर्शनकारी छात्रों के खिलाफ कोई कार्रवाई की जाएगी, उन्होंने कहा कि वे इस संबंध में रिपोर्ट मांगेंगी और यदि जरूरी हुआ तो छात्रों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। विश्वविद्यालय प्रशासन ने कहा कि डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग के लिए कोई अनुमति नहीं दी गयी है और हम ऐसा नहीं होने देंगे।
(एजेंसी इनपुट के साथ)