अंतरिक्ष में अरबपति: नए युग की शुरुआत या सिर्फ धनकुबेरों का ‘ईगो वॉर’

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अंतरिक्ष में अरबपति: नए युग की शुरुआत या सिर्फ धनकुबेरों का ‘ईगो वॉर’

अंतरिक्ष पर्यटन की शुरुआत का श्रेय लेने की इस होड़ में इन तीनों का सकल निवेश करीब 29 हजार खरब रुपए (400 अरब डॉलर) है।

हाल ही दो अमरीकी अरबपति कारोबारियों रिचर्ड ब्रेसनन और जेफ बेजोस ने अंतरिक्ष तक उड़ान भरकर ‘स्पेस ट्यूरिज्म’ के सपने को नया आसमान दे दिया है। ब्रैनसन ने कहा कि इसका अहंकार या किसी भी तरह की प्रतिद्वंद्विता से कोई लेना-देना नहीं है। खबरों के मुताबिक अब स्पेसएक्स के संस्थापक एलोन मस्क ने ब्रैनसन के रॉकेट का एक टिकट खरीदा है। अंतरिक्ष पर्यटन की शुरुआत का श्रेय लेने की इस होड़ में इन तीनों का सकल निवेश करीब २९ हजार खरब रुपए (400 अरब डॉलर) है।

अंतरिक्ष में अरबपति: नए युग की शुरुआत या सिर्फ धनकुबेरों का 'ईगो वॉर'

186,04,375 करोड़ रुपए का एक टिकट
हालांकि, इन तीनों के प्रशंसक जहां फूले नहीं समा रहे वहीं आलोचकों को इतना महंगा ‘शौक’ फूटी आंख नहीं सुहा रहा। उनकी नजर में पृथ्वी को इसके हाल पर छोड़कर इस तरह की परियोजना में निवेश करना समय और धन दोनों की बर्बादी है। आलोचना इसलिए भी सही प्रतीत होती है कि इन निजी यात्राओं का खर्चा केवल धनाड्य वर्ग ही उठा सकता है। उदाहरण के लिए ब्रैसनन के वर्जिन गैलेक्टिक स्पेसशिप की एक टिकट अनुमानित रूप से वर्तमान में 250,000 डॉलर यानी करीब 186,04,375 करोड़ रुपए है। अब तक 600 से अधिक लोग टिकट की बुकिंग्स करवा चुके हैं।

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ब्रेसनन का लक्ष्य लोगों को सैर कराना
दो साल पहले, बिजनेस लेखक जेफ्री जेम्स ने अपनी किताब ‘हाउ टू थिंक लाइक ए बिलियनेयर’ में सुपर-रिच लोगों की प्रमुख आदतों के बारे में बताते हुए कहा कि, ‘स्व-निर्मित अरबपति मानते हैं कि वे इसलिए अमीर बन सके क्योंकि वे औरों से श्रेष्ठ हैं। इन धनकुबेरों का यह असीमित आत्मविश्वास उन्हें खुद पर यकीन दिलाता है कि वे अपनी इच्छानुसार कुछ भी हासिल कर सकते हैं।’ ब्रैनसन ने 2004 में वर्जिन गैलेक्टिक की स्थापना की। उनका लक्ष्य एक ऐसी कंपनी बनाना है जो कुछ ही सालों में लोगों को अंतरिक्ष में तैरते होटलों, प्रयोगशालाओं या सुपरसोनिक अंतरमहाद्वीपीय उड़ानों पर ले जाएगी। लोगों को अंतरिक्ष की सैर करवाने के बदले वे उनसे मोती रकम वसूलेंगे और इस तरह लोगों के आसमानी ख्वाब को पूरा कर और ज़्यादा धन कमा सकेंगे।

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बेजोस अंतरिक्ष के भी बादशाह बनना चाहते हैं
ब्रैनसन के विपरीत, बेजोस को अंतरिक्ष के प्रति आजीवन आकर्षण रहा है। बेजोस अपने दादा के साथ अंतरिक्ष प्रक्षेपण देखते और विज्ञान कथा पढ़ते हुए बड़े हुए हैं। उनके दादा परमाणु ऊर्जा आयोग में काम करते थे। अपने हाई स्कूल के विदाई समारोह में अपने भाषण में भी उन्होंने अंतरिक्ष के लिए अपनी दीवानगी को जगजाहिर करते हुए कहा था, ‘अंतरिक्ष ही अंतिम सीमा है। मुझे वहां मिलो।’ बेजोस पर किताब लिखने वाले ब्रैड स्टोन का कहना है कि बेजोस न केवल खुद अंतरिक्ष में जाने के लिए, बल्कि अंतरिक्ष में एक सफल व्यवसाय बनाने के लिए अपने व्यक्तिगत जुनून के रूप में स्पेस ट्यूरिज्म का सपना देख रहे हैं। बेजोस ने ही वर्ष 2000 में सबसे पहले ब्लू ऑरिजन के साथ इस सपने की नींव रखी थी। उन्होंने नील आर्मस्ट्रॉंग के चांद पर कदम रखने वाले दिन ही उड़ान भरकर अपने अंतरिक्ष प्रेम को भी जता दिया।

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एलन मस्क की ट्यूरिज्म की बजाय मंगल ग्रह में रुचि
हालांकि, ज्यादातर लोगों का मानना है कि इस दौड़ में एलन मस्क ही आखिरकार विजेता साबित होंगे। वे स्पेस ट्यूरिज्म की बजाय इंसानों के लिए एक नया ग्रह ढूंढने का सपना देखते हैं। उनके अनुसार भविष्य में जब पृथ्वी रहने लायक नहीं रह जाएगी तब हमें एक नए ग्रह (संभवत: मंगल) की जरुरत होगी जिसकी कोशिश आज से ही करनी होगी। उनकी अंतरिक्ष कंपनी स्पेस एक्स वर्ष 2002 में स्थापित हुई थी जब मस्क की कुल संपत्ति13.39 अरब (180 मिलियन डॉलर) ही थी। वे अब तक 100 से ज्यादा रॉकेट परीक्षण कर चुके हैं, अपने रॉकेट में एस्ट्रोनॉट्स को अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन पर भेज चुके हैं और नासा एवं अमरीकी सेना से उनके अच्छे संबंध हैं। मस्क का कहना है कि उनकी कंपनी 2050 तक मंगल पर कॉलोनी बसाने में कामयाब होंगे। 2013 में उन्होंने कहा था कि वे मंगल पर ही अंतिम सांस लेना पसंद करेंगे।

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