हैवानियत ऐसी: छह साल पहले शक और बदले की आग ने चार साल के मासूम की सांसें छीन लीं – Bhopal News

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हैवानियत ऐसी:  छह साल पहले शक और बदले की आग ने चार साल के मासूम की सांसें छीन लीं – Bhopal News
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हैवानियत ऐसी: छह साल पहले शक और बदले की आग ने चार साल के मासूम की सांसें छीन लीं – Bhopal News

जज ने फैसले में लिखा- नारी इतनी निर्मम और निष्ठुर नहीं हो सकती… भारतीय नारी दया और वात्सल्य की प्रतिमूर्ति होती है, जिसमें दया और वात्सल्य कूट-कूटकर भरा होता है, लेकिन आरोपियों का कृत्य इसके ठीक विपरीत है।

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राजधानी के शांत दिखने वाले बैरागढ़ चीचली में उस दिन सब कुछ सामान्य था। बच्चे खेल रहे थे। महिलाएं घरेलू कामकाज करने में व्यस्त थीं। पुरुष चाय की चुस्की के साथ दिनचर्या में मशगूल थे। किसी को नहीं पता था कि उसी दोपहर एक ऐसी घटना घटने वाली है, जो मोहल्ले की हवा में सन्नाटा और दिलों में डर भर देगी। एक महिला ने सिर्फ शक और बदले की आग में जलते हुए मासूम बच्चे को मौत के मुंह में धकेल दिया।

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14 जुलाई 2019 की दोपहर। चार साल का वरुण अपने घर के बाहर खेलते-खेलते थोड़ी दूर निकल गया। गर्मी और भूख ने मासूम को बेचैन कर दिया। ऐसे में वरुण पड़ोसी सुनीता सोलंकी के घर चला गया। सुनीता के दिल में नफरत की आग और जहन में बदले की आग सुलग रही थी। उसने बच्चे को खाने में चींटी मार पाउडर मिलाकर परोस दिया। जिसे खाते ही वरुण की हालत बिगड़ गई।

बेरहम सुनीता ने वरुण को उसी हालत में एक कंटेनर में बंद कर पलंग के नीचे छिपा दिया। इस कृत्य में उसका नाबालिग बेटा भी शामिल था। वहीं, वरुण के गुम होने पर उसके परिजन तलाश में जुट गए। दिखावे के लिए मां-बेटा भी मोहल्ले वालों के साथ वरुण को तलाशने लगे।

जब सुनीता को लगा कि पुलिस उसके घर की भी तलाशी ले सकती है तो उसने वरुण का शव 16 जुलाई की अल सुबह घर से बाहर फेंक दिया। कुछ देर बाद अमर सिंह के सूने मकान में ले जाकर उसे जला दिया। लेकिन पुलिस की पैनी नजर से उसकी हरकत छिप नहीं सकी।

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घटनास्थल से गेहूं के दाने सुनीता के घर तक पड़े नजर आए। यहीं से कहानी खुलने लगी। बालों का डीएनए, कीटनाशक पर मिले फिंगरप्रिंट और सुनीता की स्वीकारोक्ति आदि ने मिलकर उसे सलाखों तक पहुंचा दिया। अदालत ने इस जघन्य अपराध के लिए सुनीता सोलंकी को उम्रकैद की सजा सुनाई।

पिता से बदला लेने बेटे को मार डाला

सुनीता के घर एक माह पहले चोरी हुई थी, जिसका शक उसे वरुण के पिता पर था। पुलिस पूछताछ में उसने कबूला कि इसी संदेह और बदले की भावना ने उसे इतना अंधा कर दिया कि उसने एक मासूम की जान ले ली।

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फैसला : उम्रकैद और जुर्माना

अपर सत्र न्यायाधीश बलराम यादव की अदालत ने सुनवाई के बाद 23 जुलाई 2023 को सुनीता को धारा 302 (हत्या) के तहत आजन्म कारावास और एक हजार रुपए का जुर्माना तथा धारा 363 (अपहरण) में दस साल की कैद और एक हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। वहीं, उसके नाबालिग बेटे के खिलाफ बाल न्यायालय में चालान पेश किया गया।

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