हे राम : 40 सरकारी मंदिरों की जमीन पर अवैध कब्जा | Hey Ram: Illegal occupation of land of 40 government temples | News 4 Social
इंदौर में तीन सौ से अधिक सरकारी मंदिर मौजूद है जिनका निर्माण होलकर राज शासन के समय हुआ था। उस दौरान मंदिरों के देखरेख व रखरखाव के लिए राजा ने मंदिरों को जमीनें भी आरक्षित की थी ताकि पुजारी उस पर खेती करके परिवार का पालन पोषण कर सके या जमीन को बटाई (सालाना किराए पर खेती के लिए ) पर देकर होने वाली आय से मंदिर का खर्चा निकल ले। समय के साथ पुजारी और अन्य लोगों की नियत खराब हो गई। मंदिर की जमीन को अपनी निजी मालिकाना हक की बताकर बेचना शुरू कर दी।
ये सिलसिला अभी भी जारी थी जिसकी भनक कलेक्टर आशीष सिंह को लगी। उन्होंने राजस्व अधिकारियों की बैठक में सरकारी मंदिरों की जमीनों की जांच करने के एसडीओ को निर्देश दिए थे। उन्होंने साफ कहां था कि स्थिति स्पष्ट बताई जाना चाहिए। उस पर सभी एसडीओ ने रिपोर्ट पेश कर दी है जो कि चौकाने वाली है। इंदौर जिले के 40 मंदिरों की जमीनों पर कब्जे पाए गए है। बड़ी बात ये है कि उसमें से 10 से अधिक जमीन पर कॉलोनियां भी बस गई है जिसमें मकान बनाकर हजारों की संख्या में लोग रह रहे है। लाबरिया भेरू मंदिर की जमीन पर तो पेट्रोल पंप, मैरिज गार्डन और बैंक का भवन तक बना हुआ है।
ऐसे भी हुआ खेल वर्ष 1980 व 1990 के दशक में मंदिर की जमीनों को लेकर एक खेल शुरू हुआ था। पुजारियों ने निचली अदालतों में जमीन को अपनी मालिकाना बताकर एक तरफा डिक्री करा ली। कुछ वर्षो बाद नामांतरण नहीं होने पर अदालत में अवमानना याचिका लगा दी ताकि नामांतरण हो सके। तहसील अफसरों से में सांठगांठ के चलते कई जमीनों का नामांतरण भी हो गया। इस फेर में सैकड़ों एकड़ जमीन लूट गई। कुछ मामले में सरकार जागी तो देर हो चुकी थी। ऊपरी अदालत में केस लगाया गया लेकिन समय सीमा के चलते मूह की खानी पड़ी। दर्जनों केस सुप्रीम व हाई कोर्ट में लंबित है।
इन मंदिर की जमीन पर कॉलोनी श्री रणछोड़ मंदिर सुल्काखेड़़ी – गौशाला, मंदिर, क्लाथ मार्केट कन्या महाविद्यालय ,गोदाम, दालमिल व रहवासी मकान श्री गोवर्धननाथ मंदिर सुल्काखेड़ी – महेश नगर श्री महादेव मंदिर सिरपुर – गंगा कालोनी
श्री खेडापति मंदिर सिरपुर – मारुती पैलेस श्री महादेव मंदिर टिगरिया बादशाह – आइडीए स्कीम श्री गुटकेश्वर महादेव मंदिर – मकान बने श्रीकृष्ण मंदिर – तिलक नगर बसाहट श्री मुरली मनोहर मंदिर – आइडीए की टीपीएस योजना
श्री मारुति मंदिर – श्रद्धा श्री कॉलोनी व व्यवसायिक गतिविधि श्री गणपति मंदिर – धीरज नगरयहीं भी है कब्जें मल्हारगंज एसडीओ क्षेत्र – खेडापति हनुमान मंदिर भमोरी दुबे, बैजनाथ मंदिर भंवरासा. श्रीराम मंदिर वनखण्डी भंवरासा. श्री महादेव मंदिर नरवर, श्री राम मंदिर नरवर, श्रीराम मंदिर छोटाबागड़दा, श्री महादेव मंदिर सुल्काखेड़ी, श्री गंगा मंदिर सुल्काखेड़ी, श्री राममंदिर सिरपुर, श्री कृष्ण मंदिर सिरपुर व श्रीराम मंदिर सिरपुर।
भिचौली हप्सी एसडीओ क्षेत्र – श्री गुटकेश्वर महादेव मंदिर, श्री गुटकेश्वर महादेव मंदिर, श्रीखेड़ापति मंदिर व श्रीखेड़ापति मंदिर। हातोद एसडीओ क्षेत्र – श्री खेडापति मंदिर व श्री राधाकृष्ण मंदिर। जूनीइंदौर एसडीओ क्षेत्र – श्री मनकामेश्वर कांटाफोड़ मंदिर, श्री खेडापति हनुमान मंदिर, हनुमान मंदिर नरसिंह मंदिर, श्री राम मंदिर, श्री जटाशंकर मंदिर, श्री कनकेश्वर महादेव मंदिर व श्री गोवर्धननाथ मंदिर।
देपालपुर एसडीओ क्षेत्र – श्री गोपाल मंदिर। सांवेर एसडीओ क्षेत्र – श्री महादेव मंदिर। राऊ एसडीओ क्षेत्र – श्रीकृष्ण मंदिर।
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इंदौर में तीन सौ से अधिक सरकारी मंदिर मौजूद है जिनका निर्माण होलकर राज शासन के समय हुआ था। उस दौरान मंदिरों के देखरेख व रखरखाव के लिए राजा ने मंदिरों को जमीनें भी आरक्षित की थी ताकि पुजारी उस पर खेती करके परिवार का पालन पोषण कर सके या जमीन को बटाई (सालाना किराए पर खेती के लिए ) पर देकर होने वाली आय से मंदिर का खर्चा निकल ले। समय के साथ पुजारी और अन्य लोगों की नियत खराब हो गई। मंदिर की जमीन को अपनी निजी मालिकाना हक की बताकर बेचना शुरू कर दी।
ये सिलसिला अभी भी जारी थी जिसकी भनक कलेक्टर आशीष सिंह को लगी। उन्होंने राजस्व अधिकारियों की बैठक में सरकारी मंदिरों की जमीनों की जांच करने के एसडीओ को निर्देश दिए थे। उन्होंने साफ कहां था कि स्थिति स्पष्ट बताई जाना चाहिए। उस पर सभी एसडीओ ने रिपोर्ट पेश कर दी है जो कि चौकाने वाली है। इंदौर जिले के 40 मंदिरों की जमीनों पर कब्जे पाए गए है। बड़ी बात ये है कि उसमें से 10 से अधिक जमीन पर कॉलोनियां भी बस गई है जिसमें मकान बनाकर हजारों की संख्या में लोग रह रहे है। लाबरिया भेरू मंदिर की जमीन पर तो पेट्रोल पंप, मैरिज गार्डन और बैंक का भवन तक बना हुआ है।
ऐसे भी हुआ खेल वर्ष 1980 व 1990 के दशक में मंदिर की जमीनों को लेकर एक खेल शुरू हुआ था। पुजारियों ने निचली अदालतों में जमीन को अपनी मालिकाना बताकर एक तरफा डिक्री करा ली। कुछ वर्षो बाद नामांतरण नहीं होने पर अदालत में अवमानना याचिका लगा दी ताकि नामांतरण हो सके। तहसील अफसरों से में सांठगांठ के चलते कई जमीनों का नामांतरण भी हो गया। इस फेर में सैकड़ों एकड़ जमीन लूट गई। कुछ मामले में सरकार जागी तो देर हो चुकी थी। ऊपरी अदालत में केस लगाया गया लेकिन समय सीमा के चलते मूह की खानी पड़ी। दर्जनों केस सुप्रीम व हाई कोर्ट में लंबित है।
इन मंदिर की जमीन पर कॉलोनी श्री रणछोड़ मंदिर सुल्काखेड़़ी – गौशाला, मंदिर, क्लाथ मार्केट कन्या महाविद्यालय ,गोदाम, दालमिल व रहवासी मकान श्री गोवर्धननाथ मंदिर सुल्काखेड़ी – महेश नगर श्री महादेव मंदिर सिरपुर – गंगा कालोनी
श्री खेडापति मंदिर सिरपुर – मारुती पैलेस श्री महादेव मंदिर टिगरिया बादशाह – आइडीए स्कीम श्री गुटकेश्वर महादेव मंदिर – मकान बने श्रीकृष्ण मंदिर – तिलक नगर बसाहट श्री मुरली मनोहर मंदिर – आइडीए की टीपीएस योजना
श्री मारुति मंदिर – श्रद्धा श्री कॉलोनी व व्यवसायिक गतिविधि श्री गणपति मंदिर – धीरज नगरयहीं भी है कब्जें मल्हारगंज एसडीओ क्षेत्र – खेडापति हनुमान मंदिर भमोरी दुबे, बैजनाथ मंदिर भंवरासा. श्रीराम मंदिर वनखण्डी भंवरासा. श्री महादेव मंदिर नरवर, श्री राम मंदिर नरवर, श्रीराम मंदिर छोटाबागड़दा, श्री महादेव मंदिर सुल्काखेड़ी, श्री गंगा मंदिर सुल्काखेड़ी, श्री राममंदिर सिरपुर, श्री कृष्ण मंदिर सिरपुर व श्रीराम मंदिर सिरपुर।
भिचौली हप्सी एसडीओ क्षेत्र – श्री गुटकेश्वर महादेव मंदिर, श्री गुटकेश्वर महादेव मंदिर, श्रीखेड़ापति मंदिर व श्रीखेड़ापति मंदिर। हातोद एसडीओ क्षेत्र – श्री खेडापति मंदिर व श्री राधाकृष्ण मंदिर। जूनीइंदौर एसडीओ क्षेत्र – श्री मनकामेश्वर कांटाफोड़ मंदिर, श्री खेडापति हनुमान मंदिर, हनुमान मंदिर नरसिंह मंदिर, श्री राम मंदिर, श्री जटाशंकर मंदिर, श्री कनकेश्वर महादेव मंदिर व श्री गोवर्धननाथ मंदिर।
देपालपुर एसडीओ क्षेत्र – श्री गोपाल मंदिर। सांवेर एसडीओ क्षेत्र – श्री महादेव मंदिर। राऊ एसडीओ क्षेत्र – श्रीकृष्ण मंदिर।