हिन्दू तो बचा पर भरी जवानी में मरा ठाकुर; मनोज झा के खिलाफ आनंद मोहन का पूरा परिवार कूदा, अब बेटी सुरभि बोली
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राजद के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने महिला आरक्षण बिल पर सदन में बहस के दौरान ठाकुरों पर कविता क्या पड़ी बिहार के राजनीति में भूचाल आ गया है। राजद विधायक चेतन आनंद ने कहा है कि यह दोगलापन है, बर्दाश्त नहीं करेंगे तो बीजेपी एमएलए कहा कि मुंह तोड़ देते। पूर्व सांसद आनंद मोहन ने यहां तक कह दिया कि जीभ खींचकर उछाल देता। अब आनंद मोहन की बेटी सुरभि आनंद ने मनोज झा की कविता का जवाब एक कविता से दिया है।
दरअसल मनोज झा के बयान से ब्राह्मण बनाम राजपूत की स्थिति बनती हुई दिख रही है। आनंद मोहन का पूरा परिवार इस लड़ाई में साथ हो गया है। आनंद मोहन की बेटी सुरभि आनंद अपने भाई और पिता के साथ लड़ाई में कूद पड़ी है। मनोज झा को टारगेट करते हुए सुरभि ने अपने फेसबुक अकाउंट पर राजपूतों के शौर्य से जुड़ी एक कविता पोस्ट की है।
सुरभि आनंद द्वारा पोस्ट की गई कविता इस प्रकार है-
ठाकुर होना इतना आसान नहीं होता!
“कभी कासिम तो कभी गजनी से भिड़ा ठाकुर!
हार तो तय थी…पर लड़ा ठाकुर!
हारना ही था उसे, वो अकेला लड़ा था,
क्या जन्मभूमि ये तुम्हारी नहीं थी?
फिर क्यों अकेला लड़ा ठाकुर?
बीवी सती हुई, बच्चे अनाथ!!
हिन्दु तो बचा पर, भरी जवानी में
मरा ठाकुर!
सदियों से रक्त दे माटी को सींचा,
जन जन्मभूमि और धर्म की वेदी पर
मिटा ठाकुर!
जिनके लिए सब कुछ खोया,
क्यों उनकी ही नजरों में बुरा? फिल्मों का ठाकुर!
कहानियों-किस्सों का ठाकुर!
कविताओं का ठाकुर!
जब दुबक बैठे थे घरों में सब तमाशबीन,
तब पीढ़ियां युद्धभूमि में बलिदान कर रहा था ठाकुर,
आज बुद्धिजीवी पानी पी पीकर बरगलाते हैं और कोसते हैं कि आखिर कौन है ये ठाकुर…?
कौन बताए उन्हें कि कफन केशरिया करके,
मूछों पर ताव देकर मौत को गले लगाने वाला जांबाज ही ठाकुर था।”
संसद में ठाकुर पर मनोज झा की कविता से RJD में बवाल, आनंद मोहन के बेटे चेतन ने कहा- ये दोगपालपन है
सुरभि आनंद ने अपने फेसबुक अकाउंट पर यह भी लिखा है। माननीय मनोज झा जी अगर मारना ही है तो अंदर के ब्राह्मणवाद को मारिए। ऐसी सोच जो इंसान को एक दूसरे से करती हो और छुआछूत करने पर मजबूर करती हो, ऐसी सोच जो इंसान इंसान से भेदभाव करना सिखाती हो, ऐसी सोच को मारना जरूरी है। हम भगवान श्री कृष्ण को भी ठाकुर जी कहकर संबोधित करते हैं। कहां-कहां मारोगे ठाकुरों को, आपकी इतनी हैसियत नहीं है!
मैं राज्यसभा में होता तो जीभ खींच लेता, ठाकुरों को कहां-कहां से मारोगे? मनोज झा पर भड़के आनंद मोहन
इधर भाजपा और जदयू के कई नेताओं ने भी मनोज झा के बयान निंदा की है। भाजपा के प्रवक्ता अरविंद कुमार सिंह ने कहा है कि लालू यादव के इशारे पर राजपूत को गाली दी जा रही है। वहीं जदयू के सुनील कुमार सिंह ने इसे शर्मनाक बयान बताते हुए आरजेडी से मनोज झा पर कार्रवाई करने की मांग की है। बाहुबली पूर्व सांसद आनंद मोहन ने कहा है कि मनोज झा ने माफी नहीं मांगी तो आंदोलन करेंगे।
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राजद के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने महिला आरक्षण बिल पर सदन में बहस के दौरान ठाकुरों पर कविता क्या पड़ी बिहार के राजनीति में भूचाल आ गया है। राजद विधायक चेतन आनंद ने कहा है कि यह दोगलापन है, बर्दाश्त नहीं करेंगे तो बीजेपी एमएलए कहा कि मुंह तोड़ देते। पूर्व सांसद आनंद मोहन ने यहां तक कह दिया कि जीभ खींचकर उछाल देता। अब आनंद मोहन की बेटी सुरभि आनंद ने मनोज झा की कविता का जवाब एक कविता से दिया है।
दरअसल मनोज झा के बयान से ब्राह्मण बनाम राजपूत की स्थिति बनती हुई दिख रही है। आनंद मोहन का पूरा परिवार इस लड़ाई में साथ हो गया है। आनंद मोहन की बेटी सुरभि आनंद अपने भाई और पिता के साथ लड़ाई में कूद पड़ी है। मनोज झा को टारगेट करते हुए सुरभि ने अपने फेसबुक अकाउंट पर राजपूतों के शौर्य से जुड़ी एक कविता पोस्ट की है।
सुरभि आनंद द्वारा पोस्ट की गई कविता इस प्रकार है-
ठाकुर होना इतना आसान नहीं होता!
“कभी कासिम तो कभी गजनी से भिड़ा ठाकुर!
हार तो तय थी…पर लड़ा ठाकुर!
हारना ही था उसे, वो अकेला लड़ा था,
क्या जन्मभूमि ये तुम्हारी नहीं थी?
फिर क्यों अकेला लड़ा ठाकुर?
बीवी सती हुई, बच्चे अनाथ!!
हिन्दु तो बचा पर, भरी जवानी में
मरा ठाकुर!
सदियों से रक्त दे माटी को सींचा,
जन जन्मभूमि और धर्म की वेदी पर
मिटा ठाकुर!
जिनके लिए सब कुछ खोया,
क्यों उनकी ही नजरों में बुरा? फिल्मों का ठाकुर!
कहानियों-किस्सों का ठाकुर!
कविताओं का ठाकुर!
जब दुबक बैठे थे घरों में सब तमाशबीन,
तब पीढ़ियां युद्धभूमि में बलिदान कर रहा था ठाकुर,
आज बुद्धिजीवी पानी पी पीकर बरगलाते हैं और कोसते हैं कि आखिर कौन है ये ठाकुर…?
कौन बताए उन्हें कि कफन केशरिया करके,
मूछों पर ताव देकर मौत को गले लगाने वाला जांबाज ही ठाकुर था।”
संसद में ठाकुर पर मनोज झा की कविता से RJD में बवाल, आनंद मोहन के बेटे चेतन ने कहा- ये दोगपालपन है
सुरभि आनंद ने अपने फेसबुक अकाउंट पर यह भी लिखा है। माननीय मनोज झा जी अगर मारना ही है तो अंदर के ब्राह्मणवाद को मारिए। ऐसी सोच जो इंसान को एक दूसरे से करती हो और छुआछूत करने पर मजबूर करती हो, ऐसी सोच जो इंसान इंसान से भेदभाव करना सिखाती हो, ऐसी सोच को मारना जरूरी है। हम भगवान श्री कृष्ण को भी ठाकुर जी कहकर संबोधित करते हैं। कहां-कहां मारोगे ठाकुरों को, आपकी इतनी हैसियत नहीं है!
मैं राज्यसभा में होता तो जीभ खींच लेता, ठाकुरों को कहां-कहां से मारोगे? मनोज झा पर भड़के आनंद मोहन
इधर भाजपा और जदयू के कई नेताओं ने भी मनोज झा के बयान निंदा की है। भाजपा के प्रवक्ता अरविंद कुमार सिंह ने कहा है कि लालू यादव के इशारे पर राजपूत को गाली दी जा रही है। वहीं जदयू के सुनील कुमार सिंह ने इसे शर्मनाक बयान बताते हुए आरजेडी से मनोज झा पर कार्रवाई करने की मांग की है। बाहुबली पूर्व सांसद आनंद मोहन ने कहा है कि मनोज झा ने माफी नहीं मांगी तो आंदोलन करेंगे।