हिजाब को लेकर 58 छात्राओं का निलंबन? डिप्टी कमिश्नर बोले- कहां है आदेश, मुझे दिखाओ h3>
कर्नाटक में जारी हिजाब विवाद को लेकर शनिवार को उस समय एक बड़ा मोड़ आया जब खबर आई कि एक स्कूल मे 58 मुस्लिम छात्राओं को निलंबित कर दिया क्योंकि वे हिजाब पहनने की जिद पर अड़ी थीं। हालांकि अब इस खबर पर शिवमोग्गा के उपायुक्त आर सेल्वामणि ने संज्ञान लिया है।
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खबर के मुताबिक शिवमोग्गा जिले में कर्नाटक पब्लिक स्कूल में हिजाब पर प्रतिबंध के खिलाफ शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन करने के बाद 58 छात्राओं को निलंबित कर दिया गया है। छात्राओं की मांग थी कि कक्षा के अंदर हिजाब पहनने की अनुमति दी जाए। उन्होंने कहा, “हिजाब हमारा अधिकार है, हम मर जाएंगे लेकिन हिजाब नहीं छोड़ेंगे।”
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक अब इस मामले पर शिवमोग्गा के उपायुक्त आर सेल्वामणि ने कहा है कि छात्राओं के निलंबन का कोई आदेश नहीं दिया गया है। उन्होंने पूछते हुए कहा, “निलंबन आदेश कहां है, मुझे इसे देखना है। मैंने तो इसे नहीं देखा है। प्रधानाचार्य ने कहा कि यदि आप (कक्षाओं) में भाग नहीं लेगें, तो हम आपको निलंबित कर देंगे।”
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Where is the suspension order? I want to see it. I haven’t seen it. The Principal said if you are not attending (classes), we will suspend: Shivamogga Deputy Commissioner R Selvamani on reports suggesting suspension of female students for wearing Hijab at Karnataka Public School pic.twitter.com/CymLBFwG7C
— ANI (@ANI) February 19, 2022
क्या है छात्राओं के निलंबन का मामला?
दरअसल कर्नाटक के कई हिस्सों में शनिवार को छात्राएं अपने शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पहनकर आईं, लेकिन उन्हें अदालत के आदेश का हवाला देकर प्रवेश नहीं करने दिया गया। शिवमोगा के शिरलाकोप्पा में शुक्रवार को प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज प्रशासन के विरोध में प्रदर्शन करने और हिजाब हटाने से मना करने पर 58 छात्राओं को निलंबित करने की खबर सामने आई थी।
छात्राएं बोलीं- प्राचार्य ने हमसे कहा कि हमें निलंबित कर दिया गया
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एक छात्रा ने संवाददाताओं को बताया कि निलंबित की गई छात्राओं को कॉलेज नहीं आने को कहा गया है। शनिवार को भी छात्राएं कॉलेज आईं, हिजाब पहनने के समर्थन में नारे लगाए। लेकिन उन्हें प्रवेश नहीं दिया गया। छात्राओं ने कहा, “हम यहां पहुंचे लेकिन प्राचार्य ने हमसे कहा कि हमें निलंबित कर दिया गया है और हमें कॉलेज आने की जरूरत नहीं है। पुलिस ने भी हमसे कॉलेज नहीं आने को कहा था, फिर भी हम आए। आज किसी ने हमसे बात नहीं की।”
कर्नाटक में जारी हिजाब विवाद को लेकर शनिवार को उस समय एक बड़ा मोड़ आया जब खबर आई कि एक स्कूल मे 58 मुस्लिम छात्राओं को निलंबित कर दिया क्योंकि वे हिजाब पहनने की जिद पर अड़ी थीं। हालांकि अब इस खबर पर शिवमोग्गा के उपायुक्त आर सेल्वामणि ने संज्ञान लिया है।
खबर के मुताबिक शिवमोग्गा जिले में कर्नाटक पब्लिक स्कूल में हिजाब पर प्रतिबंध के खिलाफ शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन करने के बाद 58 छात्राओं को निलंबित कर दिया गया है। छात्राओं की मांग थी कि कक्षा के अंदर हिजाब पहनने की अनुमति दी जाए। उन्होंने कहा, “हिजाब हमारा अधिकार है, हम मर जाएंगे लेकिन हिजाब नहीं छोड़ेंगे।”
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक अब इस मामले पर शिवमोग्गा के उपायुक्त आर सेल्वामणि ने कहा है कि छात्राओं के निलंबन का कोई आदेश नहीं दिया गया है। उन्होंने पूछते हुए कहा, “निलंबन आदेश कहां है, मुझे इसे देखना है। मैंने तो इसे नहीं देखा है। प्रधानाचार्य ने कहा कि यदि आप (कक्षाओं) में भाग नहीं लेगें, तो हम आपको निलंबित कर देंगे।”
Where is the suspension order? I want to see it. I haven’t seen it. The Principal said if you are not attending (classes), we will suspend: Shivamogga Deputy Commissioner R Selvamani on reports suggesting suspension of female students for wearing Hijab at Karnataka Public School pic.twitter.com/CymLBFwG7C
— ANI (@ANI) February 19, 2022
क्या है छात्राओं के निलंबन का मामला?
दरअसल कर्नाटक के कई हिस्सों में शनिवार को छात्राएं अपने शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पहनकर आईं, लेकिन उन्हें अदालत के आदेश का हवाला देकर प्रवेश नहीं करने दिया गया। शिवमोगा के शिरलाकोप्पा में शुक्रवार को प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज प्रशासन के विरोध में प्रदर्शन करने और हिजाब हटाने से मना करने पर 58 छात्राओं को निलंबित करने की खबर सामने आई थी।
छात्राएं बोलीं- प्राचार्य ने हमसे कहा कि हमें निलंबित कर दिया गया
एक छात्रा ने संवाददाताओं को बताया कि निलंबित की गई छात्राओं को कॉलेज नहीं आने को कहा गया है। शनिवार को भी छात्राएं कॉलेज आईं, हिजाब पहनने के समर्थन में नारे लगाए। लेकिन उन्हें प्रवेश नहीं दिया गया। छात्राओं ने कहा, “हम यहां पहुंचे लेकिन प्राचार्य ने हमसे कहा कि हमें निलंबित कर दिया गया है और हमें कॉलेज आने की जरूरत नहीं है। पुलिस ने भी हमसे कॉलेज नहीं आने को कहा था, फिर भी हम आए। आज किसी ने हमसे बात नहीं की।”